मत्ती 26
26
यीशु तैं जान से मरणे की जाळसाजि
(मर 14:1,2; लूका 22:1,2; यूहन्ना 11:45-53)
1अर जब यीशु न यू सब बात बोलि दिनी, तब वेन अपणा चेलों कू बोलि, 2“तुम लोग जणदा ही छाँ कि परस्यों फसह को त्योवार च, अर वे दिन मनखि को पुत्र क्रूस पर चड़ये जाण खुणि दुसमनों का हाथों मा पकड़वै जालु।”
3तब कुछ मुख्य पुरोहित अर यहूदियों का अध्यक्ष लोग, काइफा नौ का महा पुरोहित का चौक मा इकट्ठा ह्वेनि, 4अर अपणा आपस मा मिली के यीशु का दगड़ा छल कैरिके वेतैं पकड़ण अर जान से मरण की जाळसाजि बणौण लगि गैनी। 5पर ऊंन इन भि बोलि, “त्योवार का बगत मा हम लोगु तैं इन नि करण चयेणु, कखि इन नि हो कि लोगु मा हल्ला मची जौ।”
एक जनानि का द्वारा यीशु को सम्मान
(मर 14:3-9; यूहन्ना 12:1-8)
6बैतनिय्याह गौं मा शमौन नौ को एक मनखि छौ, जु कि पैलि कोड़ी छौ। अर एक दिन यीशु वेका घौर मा छौ। 7तब एक जनानि संगमरमर की बोतल मा भौत कीमती इतर लेके यीशु का पास ऐ, अर जब उ खाणुक खाणु कू बैठयूं छौ, त वींन यीशु को आदर-सम्मान करणु खुणि वेका मुण्ड़ मा इतर अखणै दिनी। 8अर यू देखि के वेका चेला खिरसे के बोन्न लगि गैनी, “ईं न यू इतर किलै बरबाद कैरी होलु? 9अरे यू त भौत मैंगु बिकी सकदु छौ, अर वां से गरीबों की मदद भि किये जै सकदी छै।” 10अर यीशु ईं बात तैं जाणि गै अर वेन चेलों कू बोलि, “तुम ईं जनानि तैं किलै सतौणा छाँ? वींन त मेरा दगड़ा मा भलै ही कैरी। 11अर गरीब त हमेसा तुमरा दगड़ा मा रौनदिन, मगर मिन तुमरा दगड़ा हमेसा नि रौण। 12वींन मेरा सरील तैं कबरुन्द रखण की तयारी#26:12 यहूदी लोगु का बीच मा लांश तैं कबर मा रखण से पैलि खुशबुदार चीजों तैं लगौन्दिन। अर इख मा यीशु अपणी मौत का बारा मा पैलि ही बतै देन्दु, कि वु मुरण वळु च। मा यू इतर मेरा सरील मा अखणै। 13अर मि तुम बटि सच्च बोन्नु छौं, कि पूरि दुनियां मा जख-जख ये शुभ समाचार को परचार किये जालु, उख-उख ईं जनानि तैं याद करणु खुणि ईं का ये काम का बारा मा बतये जालु, जु आज ईं न कैरी।”
यहूदा इस्करियोती को बिस्वासघात
(मर 14:10,11; लूका 22:3-6)
14अर यीशु का बारह चेलों मा बटि यहूदा इस्करियोती न मुख्य पुरोहितों का पास जैके बोलि, 15“सुणा, अगर मि यीशु तैं तुमरा हाथों मा पकड़वै द्यूलु त तुम मितैं क्या दिल्या?” तब ऊंन वेतैं चांदी का तीस सिक्का दे दिनी। 16अर उबरि बटि ही यहूदा यीशु तैं पकड़वाणु खुणि मौका खुज्याण लगि गै।
फसह की तयारी
(मर 14:12-17; लूका 22:7-14)
17अर अखमीरी रुट्टी का त्योवार का पैला दिन चेलों न यीशु का पास ऐके पूछी, “गुरुजी, तुम कख चन्द्यां कि हम तुम खुणि फसह को खाणुक खाण की तयारी कैरा?” 18वेन ऊंकू बोलि, “नगर मा फलणा मनखि का पास जा, अर वेकू बोला, गुरुजी बोन्ना छिन, कि ‘मेरु बगत नजदीक ऐ गै। अर मि अपणा चेलों का दगड़ा तेरा घौर मा फसह को त्योवार मणौलु।’” 19अर चेलों न ठिक उन्नि कैरी जन यीशु न बोलि छौ, अर फसह का त्योवार की तयारी कैरी।
बिस्वासघात का बारा मा यीशु को बतौण
(मर 14:17-21; लूका 22:21-23; यूहन्ना 13:21-30)
20अर जब रुमुक ह्वे, त यीशु अपणा बारह चेलों का दगड़ा मा खाणुक खाणु कू बैठि। 21अर जब ऊ खाणु खाणा छा त यीशु न अपणा चेलों कू बोलि, “मि तुम बटि सच्च बोन्नु छौं कि तुम मा बटि एक न मितैं धोखा से पकड़वाण।” 22अर ईं बात तैं सुणी के ऊ भौत दुखी ह्वेनि, हरेक चेला वे बटि पूछण लगि गै कि, “प्रभु, कखि वु मि त नि छौं?” 23तब वेन ऊंतैं जबाब दिनी, “जु मेरा दगड़ा कटोरा मा अपणु हाथ डलणु च, उई च जु मितैं पकड़वालु। 24अर जन कि पवित्रशास्त्र मा मनखि का पुत्र का बारा मा लिख्यूं च, वेका मुताबिक वेकी मौत को होण जरुरी च। मगर हाय च वे मनखि पर जैका द्वारा मनखि को पुत्र पकड़वै जान्दु, वे मनखि खुणि त भलु यू ही छौ कि वेको जनम ही नि होन्दु।” 25तब यहूदा न जु कि यीशु तैं पकड़ौण वळु छौ वेन बोलि, “गुरुजी, कखि उ मि त नि छौं?” अर यीशु न बोलि, “तिन अफि बोलियालि।”
फसह को आखिरी खाणुक
(मर 14:22-26; लूका 22:15-20; 1 कुरि 11:23-25)
26अर जब ऊ सब खाणु खाणा छा, त यीशु न रुट्टी ले अर धन्यवाद देके तोड़ि अर चेलों तैं देके बोलि, “ल्या, येतैं खा यू मेरु बदन#26:26 इख मा यीशु रुट्टी की तुलना अपणा सरील का दगड़ा मा कनु च, जन वेन रुट्टी तैं तोड़ि ठिक उन्नि वेका सरील का भि टुकड़ा-टुकड़ा किये जाला। च।” 27तब वेन ठिक उन्नि अंगूरों को रस को कटोरा उठे, अर परमेस्वर तैं धन्यवाद देके ऊंतैं दे अर बोलि, “तुम सब ये मा बटि प्या। 28अर यू अंगूरों को रस मेरु ल्वे#26:28 इख मा यीशु अंगूरों का रस की तुलना अपणा ल्वे का दगड़ा मा कनु च, वेका ल्वे बुगये जाण से लोगु का पाप माफ ह्वे जाला। च, जैका द्वारा पिता परमेस्वर लोगु का बीच मा एक नयू करार बणौन्दु। अर भौत सा लोगु का पापों तैं माफ करणु खुणि मेरु ल्वे बुगये जान्दु। 29मि तुम बटि बोन्नु छौं, अब बटि मि अंगूरों को यू रस वे दिन तक नि प्यूलु, जब तक मि अपणा पिता का राज मा तुमरा दगड़ा नयू रस नि प्यों।”
30अर खाणुक खाण का बाद ऊंन पिता परमेस्वर की भक्ति कैरी। अर वेका बाद ऊ जैतून नौ का पाड़ पर चलि गैनी।
पतरस को यीशु तैं नकरणे की भविष्यबाणी
(मर 14:27-31; लूका 22:31-34; यूहन्ना 13:36-38)
31तब यीशु न अपणा चेलों कू बोलि, “आज राति तुम मितैं छोड़ि के चलि जैल्या, किलैकि पवित्रशास्त्र मा लिख्यूं च कि,
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जकर्या 13:7
“‘मि चरवाह तैं मरलु,
अर झुण्ड की भेड़ तितर-बितर ह्वे जालि।’
32पर मि मुरदो मा बटि ज्यून्द होण का बाद तुम से पैलि गलील मुलक कू जौलु।” 33यू सुणी के पतरस न वेकू बोलि, “गुरुजी, सब तुमतै छोड़ि के जै सकदिन, मगर मिन तुमतै छोड़ि के नि जाण।” 34अर यीशु न वेकू बोलि, “पतरस, मि त्वे बटि सच्चि बोन्नु छौं, कि आज रात मैर बसण से पैलि तिन मितैं तीन दौं नकारी देण।” 35मगर पतरस न वेकू बोलि, “गुरुजी, अगर मितैं तुमरा दगड़ा मा मुरण भि पोड़लु, तभि भि मि तुमतै नि नकरुलु।” अर ठिक इन्नि सब चेलों न भि बोलि।
गतसमनी बगिचा मा यीशु की प्रार्थना
(मर 14:32-42; लूका 22:39-46)
36तब यीशु अपणा चेलों का दगड़ा मा गतसमनी नौ की एक जगा मा ऐ अर वेन चेलों कू बोलि, “तुम इख बैठयां रा, तब तक मि उख जैके प्रार्थना कैरिके औन्दु।” 37तब यीशु अपणा दगड़ा मा पतरस अर जबदी का दुई नौना याने कि याकूब अर यूहन्ना तैं लेके गै। तब उ भौत उदास अर परेसान होण लगि गै। 38अर यीशु न ऊंकू बोलि, “मेरु ज्यू भौत दुखी च, इन लगणु च कि मेरु पराण निकळण वळु होलु, तुम इख रुका अर मेरा दगड़ा मा बिज्यां रा।”
39तब यीशु कुछ दूर गै अर भ्वीं मा पोड़ि के प्रार्थना कैरिके बोलि, “मेरा पिता, अगर जु तुमरि मरजी हो, त दुख का ये बगत तैं#26:39 दुख का ये बगत तैं कुछ कागज्दों मा इख मा “ये कटोरा तैं मेरा समणि बटि हटै द्या” लिख्यूं च। मेरा समणि बटि हटै द्या, पर फिर भि मेरी इच्छा ना, बल्किन मा तुमरि #भजन 40:6-8मनसा पूरि हो।” 40फिर यीशु ऊं तीनों का पास ऐ अर ऊंतैं सियूं देखि। तब वेन पतरस कू बोलि, “क्या तुम लोग एक घन्टा भि मेरा दगड़ा मा बिज्यां नि रै सक्यां? 41इलै बिज्यां रा, अर प्रार्थना कना रा, ताकि शैतान तुमतै नि भकलौ, तुमरो मन त छैई च कि बिज्यां रा, मगर तुमरो सरील साथ नि देणु।”
42तब वेन दुसरि बार जैके इन प्रार्थना कैरी, “हे मेरा पिता, अगर तुमरि मनसा या च कि दुख का ये बगत तैं मिन सौण#26:42 कुछ किताबों मा इख मा इन लिख्यूं च कि दुख का ये कटोरा तैं मि पी द्यूं। ही च, त तुमरि या मनसा पूरि हो।” 43तब यीशु दुबरा ऊं तीनों का पास ऐ, अर ऊंतैं फिर से सियूं देखि, किलैकि यू तीनों का आंख्यों मा निन्द बौळीं छै। 44तब उ ऊंतैं छोड़ि के चलि गै, अर फिर से तिसरी दौं भि ठिक उन्नि प्रार्थना कैरी।
45तब यीशु अपणा चेलों का पास ऐ अर वेन ऊंकू बोलि, “अरे, तुम अभि तक सिणा छाँ अर आराम करण पर लग्यां छाँ। सुणा, अब उ बगत ऐ गै कि मनखि को पुत्र पापि लोगु का हाथ मा पकड़वै जाणु च। 46अब उठा, अर इख बटि चला। देखा, मितैं पकड़वौण वळु नजदीक ऐ गै।”
यीशु को पकड़वै जाण
(मर 14:43-50; लूका 22:47-53; यूहन्ना 18:3-12)
47अर जब यीशु या बात बोन्नु ही छौ, कि तबरि यहूदा इस्करियोती उख#26:47 ये बगत यहूदा इस्करियोती चेलों का दगड़ा मा नि छौ, किलैकि फसह का खाणुक खाण का बगत उ चेलों तैं छोड़ि के चलि गै छौ (यूहन्ना 13:26-30)। ऐ गै जु की बारह चेलों मदि एक छौ। अर वेका दगड़ा मा एक बड़ी भीड़ छै, जौं का हाथों मा तलवार अर लाठा छा। अर यू लोग मुख्य पुरोहितों अर यहूदी अध्यक्षों का द्वारा भिजे गै छा। 48अर धोखा से पकड़वौण वळा यहूदा का दगड़ा मा जु लोग अयां छा, ऊंतैं यहूदा न एक चिन्न बतयूं छौ, कि जैकी भूकि मि प्यूलु, तुम वेतैं पकड़यां, किलैकि उई यीशु होलु। 49अर वेन यीशु का पास ऐके वेकू बोलि, “नमस्कार गुरुजी,” अर वेन यीशु की भूकि पे। 50यीशु न वेकू बोलि, “मेरा दगड़्या, जै काम से तू इख अईं छैई, वेतैं पूरु कैर।” तब ऊं लोगु न नजदीक ऐके यीशु तैं पकड़ी के अपणी हिरासत मा ले दिनी। 51मगर तबरि यीशु का चेलों मा बटि कै एक न अपणी तलवार निकाळि के महा पुरोहित का नौकर पर चलै अर वेको कन्दूड़ उड़ै दिनी। 52तब यीशु न वे चेला कू बोलि, “अपणी तलवार तैं म्यान मा रखी दे, किलैकि जु तलवार चलौन्दिन वु सब तलवार से ही मरे जाला। 53तू क्या सोचदी, क्या मि अपणा पिता बटि बिन्ती नि कैरी सकदु, कि मेरी हिफाजत का खातिर अपणा स्वर्गदूतों की बारह पलटणो से भि जादा मेरा पास भेजि द्यो? 54मि इन कैरी सकदु छौं, मगर इन कैरिके पवित्रशास्त्र की वा बात पूरि होलि, कि इन होण जरुरी च।”
55अर जु लोग वेतैं पकड़णु खुणि अयां छा, यीशु न वे ही बगत ऊं लोगु कू बोलि, “क्या तुम मितैं डाकु समझद्यां, कि जु तुम तलवार अर लाठा लेके अयां छाँ? अरे जब मि हरेक दिन मन्दिर मा बैठि के तुमतै सिखौन्दु छौ, तब त तुमुन मितैं पकड़ी के गिरफ्तार नि कैरी। 56अर यू सब त इलै ह्वे, ताकि रैबर्यों का द्वारा लिख्यां वचन पूरा ह्वे जा।” फिर यीशु का सब चेला वेतैं छोड़ि के भागी गैनी।
महा पुरोहित का समणि यीशु
(मर 14:53-65; लूका 22:54,55,63-71; यूहन्ना 18:13,14,19-24)
57तब जौं लोगु न यीशु तैं पकड़ी छौ, ऊ वेतैं महा पुरोहित काइफा का पास लेके गैनी, अर उख शास्त्री अर अध्यक्ष लोग इकट्ठा होयां छा। 58पर पतरस काफी दूर ह्वेके यीशु का पिछनै-पिछनै महा पुरोहित का चौक तक पौंछी गै। अर भितर जैके पैरादारों का दगड़ा मा बैठि गै, ताकि देखो कि अगनै क्या जि होलु।
59तब मुख्य पुरोहित अर यहूदी लोगु को न्याय करण वळा सब लोग यीशु का खिलाप मा झूठ्ठी गवै की तलास मा छा, ताकि वेतैं ऊ मरवै द्या। 60मगर भौत से झूठ्ठा गवाओ का औण पर भि ऊंतैं एक भि ठिक गवै नि मिली। तब आखिरी मा दुई लोग ऐनी अर ऊंन बोलि, 61“ये मनखि न बोलि मि परमेस्वर का मन्दिर तैं ढोळि सकदु छौं अर तीन दिन मा वेतैं बणै भि सकदु छौं।”
62तब महा पुरोहित न खड़ु ह्वेके यीशु कू बोलि, “अरे, यू क्या बात छिन जु कि लोग तेरा खिलाप मा इथगा गवै देणा छिन, तू कुई जबाब किलै नि देणी?” 63पर यीशु चुप रै। तब महा पुरोहित न वेकू बोलि, “मि त्वेतै ज्यून्दा परमेस्वर की कसम देन्दु, हमतै बतौ कि क्या तू परमेस्वर को पुत्र मसीह छैई।” 64अर यीशु न बोलि, “तुमुन अफि बोलियालि। फिर भि मि तुम लोगु बटि बोन्नु छौं, अब बटि तुम मनखि का पुत्र तैं सबसे महान परमेस्वर की दैंणी तरफा बैठयूं, अर आसमान मा बादळों पर औन्द दिखल्या।” 65अर ईं बात तैं सुणी के महा पुरोहित न अपणा कपड़ा फाड़ी#26:65 यहूदी लोग जब भौचक कैर देण वळी बात का बारा मा सुणदिन, त अपणु दुख दिखौणु खुणि ऊ अपणा कपड़ों तैं फाड़ी देन्दिन। के बोलि, “येन परमेस्वर की बेजती कैरी, अर तुम सभ्यों न भि ईं बात तैं सुण्यालि, अब हमतै गवाओ की कुई जरुरत नि च, 66अर मितैं बता कि तुम क्या सोचद्यां?” तब लोगु न जबाब दिनी, “यू त मौत की सजा का लैख च।” 67तब ऊं लोगु न यीशु का मुख पर थूकि अर वे पर मुक्का मरनि, अर कुछ लोगु न थप्पड मारी के बोलि, 68“अरे मसीह, अब पछ्याण अर हमतै बतौ कि कैन त्वेतै मारी?”
पतरस को यीशु तैं नकरण
(मर 14:66-72; लूका 22:56-62; यूहन्ना 18:15-18,25-27)
69अर पतरस भैर चौक मा बैठयूं छौ। अर एक नौकराणि न वेका पास ऐके पूछी, “अरे, तू भि त गलील का यीशु का दगड़ा मा छे।” 70मगर वेन सभ्यों का समणि इन बोलि के नकारी दिनी कि, “मि नि जणदु कि तू क्या छैई बोन्नि।” 71तब पतरस उख बटि उठी के भैर द्वार का पास गै, अर उख एक दुसरि नौकराणि न वेतैं देखि, तब वींन उख जमा होयां लोगु कू बोलि, “अरे यू मनखि भि त नासरत गौं का यीशु का दगड़ा मा छौ।” 72मगर वेन नकारी दिनी, अर कसम खै के बोलि, “अरे, मि वे मनखि तैं नि जणदु।” 73अर कुछ देर बाद आस-पास खड़ा होयां लोगु न पतरस का पास ऐके बोलि, “सच्चि मा तेरा बोन्न का तरीका से साफ पता चलणु च, कि तू भि गलील मुलक को छैई, अर ऊं मदि एक छैई।” 74तब पतरस न बोलि, “अगर जु मि झूठ्ठ बोन्नु होलु, त मि पर असगार लगु, मि वेतैं नि जणदु।” अर #मत्ती 26:34तबरि मैर बासी गै। 75अर झट पतरस तैं यीशु की बुलिं बात याद ऐ कि, “मैर का बसण से पैलि तू तीन दौं मितैं नकारी दिली।” तब उ भैर जैके भकोरि-भकोरि के रुंण लगि गै।
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मत्ती 26
26
यीशु तैं जान से मरणे की जाळसाजि
(मर 14:1,2; लूका 22:1,2; यूहन्ना 11:45-53)
1अर जब यीशु न यू सब बात बोलि दिनी, तब वेन अपणा चेलों कू बोलि, 2“तुम लोग जणदा ही छाँ कि परस्यों फसह को त्योवार च, अर वे दिन मनखि को पुत्र क्रूस पर चड़ये जाण खुणि दुसमनों का हाथों मा पकड़वै जालु।”
3तब कुछ मुख्य पुरोहित अर यहूदियों का अध्यक्ष लोग, काइफा नौ का महा पुरोहित का चौक मा इकट्ठा ह्वेनि, 4अर अपणा आपस मा मिली के यीशु का दगड़ा छल कैरिके वेतैं पकड़ण अर जान से मरण की जाळसाजि बणौण लगि गैनी। 5पर ऊंन इन भि बोलि, “त्योवार का बगत मा हम लोगु तैं इन नि करण चयेणु, कखि इन नि हो कि लोगु मा हल्ला मची जौ।”
एक जनानि का द्वारा यीशु को सम्मान
(मर 14:3-9; यूहन्ना 12:1-8)
6बैतनिय्याह गौं मा शमौन नौ को एक मनखि छौ, जु कि पैलि कोड़ी छौ। अर एक दिन यीशु वेका घौर मा छौ। 7तब एक जनानि संगमरमर की बोतल मा भौत कीमती इतर लेके यीशु का पास ऐ, अर जब उ खाणुक खाणु कू बैठयूं छौ, त वींन यीशु को आदर-सम्मान करणु खुणि वेका मुण्ड़ मा इतर अखणै दिनी। 8अर यू देखि के वेका चेला खिरसे के बोन्न लगि गैनी, “ईं न यू इतर किलै बरबाद कैरी होलु? 9अरे यू त भौत मैंगु बिकी सकदु छौ, अर वां से गरीबों की मदद भि किये जै सकदी छै।” 10अर यीशु ईं बात तैं जाणि गै अर वेन चेलों कू बोलि, “तुम ईं जनानि तैं किलै सतौणा छाँ? वींन त मेरा दगड़ा मा भलै ही कैरी। 11अर गरीब त हमेसा तुमरा दगड़ा मा रौनदिन, मगर मिन तुमरा दगड़ा हमेसा नि रौण। 12वींन मेरा सरील तैं कबरुन्द रखण की तयारी#26:12 यहूदी लोगु का बीच मा लांश तैं कबर मा रखण से पैलि खुशबुदार चीजों तैं लगौन्दिन। अर इख मा यीशु अपणी मौत का बारा मा पैलि ही बतै देन्दु, कि वु मुरण वळु च। मा यू इतर मेरा सरील मा अखणै। 13अर मि तुम बटि सच्च बोन्नु छौं, कि पूरि दुनियां मा जख-जख ये शुभ समाचार को परचार किये जालु, उख-उख ईं जनानि तैं याद करणु खुणि ईं का ये काम का बारा मा बतये जालु, जु आज ईं न कैरी।”
यहूदा इस्करियोती को बिस्वासघात
(मर 14:10,11; लूका 22:3-6)
14अर यीशु का बारह चेलों मा बटि यहूदा इस्करियोती न मुख्य पुरोहितों का पास जैके बोलि, 15“सुणा, अगर मि यीशु तैं तुमरा हाथों मा पकड़वै द्यूलु त तुम मितैं क्या दिल्या?” तब ऊंन वेतैं चांदी का तीस सिक्का दे दिनी। 16अर उबरि बटि ही यहूदा यीशु तैं पकड़वाणु खुणि मौका खुज्याण लगि गै।
फसह की तयारी
(मर 14:12-17; लूका 22:7-14)
17अर अखमीरी रुट्टी का त्योवार का पैला दिन चेलों न यीशु का पास ऐके पूछी, “गुरुजी, तुम कख चन्द्यां कि हम तुम खुणि फसह को खाणुक खाण की तयारी कैरा?” 18वेन ऊंकू बोलि, “नगर मा फलणा मनखि का पास जा, अर वेकू बोला, गुरुजी बोन्ना छिन, कि ‘मेरु बगत नजदीक ऐ गै। अर मि अपणा चेलों का दगड़ा तेरा घौर मा फसह को त्योवार मणौलु।’” 19अर चेलों न ठिक उन्नि कैरी जन यीशु न बोलि छौ, अर फसह का त्योवार की तयारी कैरी।
बिस्वासघात का बारा मा यीशु को बतौण
(मर 14:17-21; लूका 22:21-23; यूहन्ना 13:21-30)
20अर जब रुमुक ह्वे, त यीशु अपणा बारह चेलों का दगड़ा मा खाणुक खाणु कू बैठि। 21अर जब ऊ खाणु खाणा छा त यीशु न अपणा चेलों कू बोलि, “मि तुम बटि सच्च बोन्नु छौं कि तुम मा बटि एक न मितैं धोखा से पकड़वाण।” 22अर ईं बात तैं सुणी के ऊ भौत दुखी ह्वेनि, हरेक चेला वे बटि पूछण लगि गै कि, “प्रभु, कखि वु मि त नि छौं?” 23तब वेन ऊंतैं जबाब दिनी, “जु मेरा दगड़ा कटोरा मा अपणु हाथ डलणु च, उई च जु मितैं पकड़वालु। 24अर जन कि पवित्रशास्त्र मा मनखि का पुत्र का बारा मा लिख्यूं च, वेका मुताबिक वेकी मौत को होण जरुरी च। मगर हाय च वे मनखि पर जैका द्वारा मनखि को पुत्र पकड़वै जान्दु, वे मनखि खुणि त भलु यू ही छौ कि वेको जनम ही नि होन्दु।” 25तब यहूदा न जु कि यीशु तैं पकड़ौण वळु छौ वेन बोलि, “गुरुजी, कखि उ मि त नि छौं?” अर यीशु न बोलि, “तिन अफि बोलियालि।”
फसह को आखिरी खाणुक
(मर 14:22-26; लूका 22:15-20; 1 कुरि 11:23-25)
26अर जब ऊ सब खाणु खाणा छा, त यीशु न रुट्टी ले अर धन्यवाद देके तोड़ि अर चेलों तैं देके बोलि, “ल्या, येतैं खा यू मेरु बदन#26:26 इख मा यीशु रुट्टी की तुलना अपणा सरील का दगड़ा मा कनु च, जन वेन रुट्टी तैं तोड़ि ठिक उन्नि वेका सरील का भि टुकड़ा-टुकड़ा किये जाला। च।” 27तब वेन ठिक उन्नि अंगूरों को रस को कटोरा उठे, अर परमेस्वर तैं धन्यवाद देके ऊंतैं दे अर बोलि, “तुम सब ये मा बटि प्या। 28अर यू अंगूरों को रस मेरु ल्वे#26:28 इख मा यीशु अंगूरों का रस की तुलना अपणा ल्वे का दगड़ा मा कनु च, वेका ल्वे बुगये जाण से लोगु का पाप माफ ह्वे जाला। च, जैका द्वारा पिता परमेस्वर लोगु का बीच मा एक नयू करार बणौन्दु। अर भौत सा लोगु का पापों तैं माफ करणु खुणि मेरु ल्वे बुगये जान्दु। 29मि तुम बटि बोन्नु छौं, अब बटि मि अंगूरों को यू रस वे दिन तक नि प्यूलु, जब तक मि अपणा पिता का राज मा तुमरा दगड़ा नयू रस नि प्यों।”
30अर खाणुक खाण का बाद ऊंन पिता परमेस्वर की भक्ति कैरी। अर वेका बाद ऊ जैतून नौ का पाड़ पर चलि गैनी।
पतरस को यीशु तैं नकरणे की भविष्यबाणी
(मर 14:27-31; लूका 22:31-34; यूहन्ना 13:36-38)
31तब यीशु न अपणा चेलों कू बोलि, “आज राति तुम मितैं छोड़ि के चलि जैल्या, किलैकि पवित्रशास्त्र मा लिख्यूं च कि,
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जकर्या 13:7
“‘मि चरवाह तैं मरलु,
अर झुण्ड की भेड़ तितर-बितर ह्वे जालि।’
32पर मि मुरदो मा बटि ज्यून्द होण का बाद तुम से पैलि गलील मुलक कू जौलु।” 33यू सुणी के पतरस न वेकू बोलि, “गुरुजी, सब तुमतै छोड़ि के जै सकदिन, मगर मिन तुमतै छोड़ि के नि जाण।” 34अर यीशु न वेकू बोलि, “पतरस, मि त्वे बटि सच्चि बोन्नु छौं, कि आज रात मैर बसण से पैलि तिन मितैं तीन दौं नकारी देण।” 35मगर पतरस न वेकू बोलि, “गुरुजी, अगर मितैं तुमरा दगड़ा मा मुरण भि पोड़लु, तभि भि मि तुमतै नि नकरुलु।” अर ठिक इन्नि सब चेलों न भि बोलि।
गतसमनी बगिचा मा यीशु की प्रार्थना
(मर 14:32-42; लूका 22:39-46)
36तब यीशु अपणा चेलों का दगड़ा मा गतसमनी नौ की एक जगा मा ऐ अर वेन चेलों कू बोलि, “तुम इख बैठयां रा, तब तक मि उख जैके प्रार्थना कैरिके औन्दु।” 37तब यीशु अपणा दगड़ा मा पतरस अर जबदी का दुई नौना याने कि याकूब अर यूहन्ना तैं लेके गै। तब उ भौत उदास अर परेसान होण लगि गै। 38अर यीशु न ऊंकू बोलि, “मेरु ज्यू भौत दुखी च, इन लगणु च कि मेरु पराण निकळण वळु होलु, तुम इख रुका अर मेरा दगड़ा मा बिज्यां रा।”
39तब यीशु कुछ दूर गै अर भ्वीं मा पोड़ि के प्रार्थना कैरिके बोलि, “मेरा पिता, अगर जु तुमरि मरजी हो, त दुख का ये बगत तैं#26:39 दुख का ये बगत तैं कुछ कागज्दों मा इख मा “ये कटोरा तैं मेरा समणि बटि हटै द्या” लिख्यूं च। मेरा समणि बटि हटै द्या, पर फिर भि मेरी इच्छा ना, बल्किन मा तुमरि #भजन 40:6-8मनसा पूरि हो।” 40फिर यीशु ऊं तीनों का पास ऐ अर ऊंतैं सियूं देखि। तब वेन पतरस कू बोलि, “क्या तुम लोग एक घन्टा भि मेरा दगड़ा मा बिज्यां नि रै सक्यां? 41इलै बिज्यां रा, अर प्रार्थना कना रा, ताकि शैतान तुमतै नि भकलौ, तुमरो मन त छैई च कि बिज्यां रा, मगर तुमरो सरील साथ नि देणु।”
42तब वेन दुसरि बार जैके इन प्रार्थना कैरी, “हे मेरा पिता, अगर तुमरि मनसा या च कि दुख का ये बगत तैं मिन सौण#26:42 कुछ किताबों मा इख मा इन लिख्यूं च कि दुख का ये कटोरा तैं मि पी द्यूं। ही च, त तुमरि या मनसा पूरि हो।” 43तब यीशु दुबरा ऊं तीनों का पास ऐ, अर ऊंतैं फिर से सियूं देखि, किलैकि यू तीनों का आंख्यों मा निन्द बौळीं छै। 44तब उ ऊंतैं छोड़ि के चलि गै, अर फिर से तिसरी दौं भि ठिक उन्नि प्रार्थना कैरी।
45तब यीशु अपणा चेलों का पास ऐ अर वेन ऊंकू बोलि, “अरे, तुम अभि तक सिणा छाँ अर आराम करण पर लग्यां छाँ। सुणा, अब उ बगत ऐ गै कि मनखि को पुत्र पापि लोगु का हाथ मा पकड़वै जाणु च। 46अब उठा, अर इख बटि चला। देखा, मितैं पकड़वौण वळु नजदीक ऐ गै।”
यीशु को पकड़वै जाण
(मर 14:43-50; लूका 22:47-53; यूहन्ना 18:3-12)
47अर जब यीशु या बात बोन्नु ही छौ, कि तबरि यहूदा इस्करियोती उख#26:47 ये बगत यहूदा इस्करियोती चेलों का दगड़ा मा नि छौ, किलैकि फसह का खाणुक खाण का बगत उ चेलों तैं छोड़ि के चलि गै छौ (यूहन्ना 13:26-30)। ऐ गै जु की बारह चेलों मदि एक छौ। अर वेका दगड़ा मा एक बड़ी भीड़ छै, जौं का हाथों मा तलवार अर लाठा छा। अर यू लोग मुख्य पुरोहितों अर यहूदी अध्यक्षों का द्वारा भिजे गै छा। 48अर धोखा से पकड़वौण वळा यहूदा का दगड़ा मा जु लोग अयां छा, ऊंतैं यहूदा न एक चिन्न बतयूं छौ, कि जैकी भूकि मि प्यूलु, तुम वेतैं पकड़यां, किलैकि उई यीशु होलु। 49अर वेन यीशु का पास ऐके वेकू बोलि, “नमस्कार गुरुजी,” अर वेन यीशु की भूकि पे। 50यीशु न वेकू बोलि, “मेरा दगड़्या, जै काम से तू इख अईं छैई, वेतैं पूरु कैर।” तब ऊं लोगु न नजदीक ऐके यीशु तैं पकड़ी के अपणी हिरासत मा ले दिनी। 51मगर तबरि यीशु का चेलों मा बटि कै एक न अपणी तलवार निकाळि के महा पुरोहित का नौकर पर चलै अर वेको कन्दूड़ उड़ै दिनी। 52तब यीशु न वे चेला कू बोलि, “अपणी तलवार तैं म्यान मा रखी दे, किलैकि जु तलवार चलौन्दिन वु सब तलवार से ही मरे जाला। 53तू क्या सोचदी, क्या मि अपणा पिता बटि बिन्ती नि कैरी सकदु, कि मेरी हिफाजत का खातिर अपणा स्वर्गदूतों की बारह पलटणो से भि जादा मेरा पास भेजि द्यो? 54मि इन कैरी सकदु छौं, मगर इन कैरिके पवित्रशास्त्र की वा बात पूरि होलि, कि इन होण जरुरी च।”
55अर जु लोग वेतैं पकड़णु खुणि अयां छा, यीशु न वे ही बगत ऊं लोगु कू बोलि, “क्या तुम मितैं डाकु समझद्यां, कि जु तुम तलवार अर लाठा लेके अयां छाँ? अरे जब मि हरेक दिन मन्दिर मा बैठि के तुमतै सिखौन्दु छौ, तब त तुमुन मितैं पकड़ी के गिरफ्तार नि कैरी। 56अर यू सब त इलै ह्वे, ताकि रैबर्यों का द्वारा लिख्यां वचन पूरा ह्वे जा।” फिर यीशु का सब चेला वेतैं छोड़ि के भागी गैनी।
महा पुरोहित का समणि यीशु
(मर 14:53-65; लूका 22:54,55,63-71; यूहन्ना 18:13,14,19-24)
57तब जौं लोगु न यीशु तैं पकड़ी छौ, ऊ वेतैं महा पुरोहित काइफा का पास लेके गैनी, अर उख शास्त्री अर अध्यक्ष लोग इकट्ठा होयां छा। 58पर पतरस काफी दूर ह्वेके यीशु का पिछनै-पिछनै महा पुरोहित का चौक तक पौंछी गै। अर भितर जैके पैरादारों का दगड़ा मा बैठि गै, ताकि देखो कि अगनै क्या जि होलु।
59तब मुख्य पुरोहित अर यहूदी लोगु को न्याय करण वळा सब लोग यीशु का खिलाप मा झूठ्ठी गवै की तलास मा छा, ताकि वेतैं ऊ मरवै द्या। 60मगर भौत से झूठ्ठा गवाओ का औण पर भि ऊंतैं एक भि ठिक गवै नि मिली। तब आखिरी मा दुई लोग ऐनी अर ऊंन बोलि, 61“ये मनखि न बोलि मि परमेस्वर का मन्दिर तैं ढोळि सकदु छौं अर तीन दिन मा वेतैं बणै भि सकदु छौं।”
62तब महा पुरोहित न खड़ु ह्वेके यीशु कू बोलि, “अरे, यू क्या बात छिन जु कि लोग तेरा खिलाप मा इथगा गवै देणा छिन, तू कुई जबाब किलै नि देणी?” 63पर यीशु चुप रै। तब महा पुरोहित न वेकू बोलि, “मि त्वेतै ज्यून्दा परमेस्वर की कसम देन्दु, हमतै बतौ कि क्या तू परमेस्वर को पुत्र मसीह छैई।” 64अर यीशु न बोलि, “तुमुन अफि बोलियालि। फिर भि मि तुम लोगु बटि बोन्नु छौं, अब बटि तुम मनखि का पुत्र तैं सबसे महान परमेस्वर की दैंणी तरफा बैठयूं, अर आसमान मा बादळों पर औन्द दिखल्या।” 65अर ईं बात तैं सुणी के महा पुरोहित न अपणा कपड़ा फाड़ी#26:65 यहूदी लोग जब भौचक कैर देण वळी बात का बारा मा सुणदिन, त अपणु दुख दिखौणु खुणि ऊ अपणा कपड़ों तैं फाड़ी देन्दिन। के बोलि, “येन परमेस्वर की बेजती कैरी, अर तुम सभ्यों न भि ईं बात तैं सुण्यालि, अब हमतै गवाओ की कुई जरुरत नि च, 66अर मितैं बता कि तुम क्या सोचद्यां?” तब लोगु न जबाब दिनी, “यू त मौत की सजा का लैख च।” 67तब ऊं लोगु न यीशु का मुख पर थूकि अर वे पर मुक्का मरनि, अर कुछ लोगु न थप्पड मारी के बोलि, 68“अरे मसीह, अब पछ्याण अर हमतै बतौ कि कैन त्वेतै मारी?”
पतरस को यीशु तैं नकरण
(मर 14:66-72; लूका 22:56-62; यूहन्ना 18:15-18,25-27)
69अर पतरस भैर चौक मा बैठयूं छौ। अर एक नौकराणि न वेका पास ऐके पूछी, “अरे, तू भि त गलील का यीशु का दगड़ा मा छे।” 70मगर वेन सभ्यों का समणि इन बोलि के नकारी दिनी कि, “मि नि जणदु कि तू क्या छैई बोन्नि।” 71तब पतरस उख बटि उठी के भैर द्वार का पास गै, अर उख एक दुसरि नौकराणि न वेतैं देखि, तब वींन उख जमा होयां लोगु कू बोलि, “अरे यू मनखि भि त नासरत गौं का यीशु का दगड़ा मा छौ।” 72मगर वेन नकारी दिनी, अर कसम खै के बोलि, “अरे, मि वे मनखि तैं नि जणदु।” 73अर कुछ देर बाद आस-पास खड़ा होयां लोगु न पतरस का पास ऐके बोलि, “सच्चि मा तेरा बोन्न का तरीका से साफ पता चलणु च, कि तू भि गलील मुलक को छैई, अर ऊं मदि एक छैई।” 74तब पतरस न बोलि, “अगर जु मि झूठ्ठ बोन्नु होलु, त मि पर असगार लगु, मि वेतैं नि जणदु।” अर #मत्ती 26:34तबरि मैर बासी गै। 75अर झट पतरस तैं यीशु की बुलिं बात याद ऐ कि, “मैर का बसण से पैलि तू तीन दौं मितैं नकारी दिली।” तब उ भैर जैके भकोरि-भकोरि के रुंण लगि गै।
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