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मरकुस पहिचान

पहिचान
मरकुस का अनुसार गास्पोल नवा नीयम की चार किताब मे से एक हइ जो यीशु का जीवन को वर्णन करस हइ मसीह. ओमे से हर कोय खे “सुसमाचार” बोल्यो जास हइ, जेको अर्थ हइ “अच्छी खबर” वे यीशु का बाद लिखी गइ थी मत्ती, मरकुस, लुका अरु यहून्ना का वजेसे मरनो. मरकुस का अनुसार सुसमाचार चार मे सबसे छोटो हइ सुसमाचार. यो भी मान्यो जास हइ कि सब सुसमाचार सबसे पैयले 65-70 साल का बीच लिख्या गया था यीशु मसीह को जन्म का बाद. कोइ विधवानहोन को माननो हइ कि यो रोम मे कोय उद्देश्य से गयो थो वहा रोमन ख्रिशचन खे प्रोत्साहित करणु.
मरकुस जो यहून्ना मरकुस का नाम से भी जान्यो जास हइ, प्रेरित पौलुस अरु बरनबास को साथी थो लेकिन ओकी प्रतीष्ठा थी जब उनने मीशनरी जत्रा खे त्यागी दियो ते वे आहत हुया प्रेरित 13:13 . बाद मे मरकुस ने फिर से जत्रा कि बरनबास प्रेरित 15:37-39 1 पतरस 5:13 . हलाकि मरकुस यीशु का जीवन को चश्मदीत गवा नी थो, विधवानहोन को माननो हइ कि मरकुस ने पतरस का बारे मे भोत कुछ दर्ज कऱ्यो हइ गवाही अरु यही मरकुस का अनुसार सुसमाचार को आधार हइ. सुसमाचार मे, मरकुस ध्यान खे केद्रित करस हइ शिष्यत्व अरु आखरी टेम मे यीशु कि शिक्षा.
रुप-रेखा
1. मरकुस कि बात को पैछान अध्याय मे देस हइ.1:1-13
2. फिर मरकुस अध्याय मे यीशु का मत्रय को वर्णन करस हइ जब उ गलील मे थो.1:14—8:21
3. येका बाद उ यीशु का यरुशलेम जत्रा का बारे मे बतास हइ 8:22—10:52
4. मरकुस ने यरुशलेम मे यीशु का टेम का बारे मे लिखी खे अपनी बात खतम करी, जोमे ओको मरनो अरु पुनरुत्थान भी शामील हइ. 11:1—16:8

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