मत्ती 6:30
मत्ती 6:30 NTMTP24
एकोलाने जब भी परमेस्वर म बररा कि घास ख जे आज हैं अर कल आगी म डाली जाहे, असो कपड़ा पहिना हैं, ते अरे कुछ दिन ख विस्वासी हुन, तुम का उ इत्ता बढ़ ख काहे नी पहिना हे?
एकोलाने जब भी परमेस्वर म बररा कि घास ख जे आज हैं अर कल आगी म डाली जाहे, असो कपड़ा पहिना हैं, ते अरे कुछ दिन ख विस्वासी हुन, तुम का उ इत्ता बढ़ ख काहे नी पहिना हे?