YouVersion Logo
Search Icon

याकूब 4

4
संसारको सँगत
1तुमर बीचमे लडाइ और झगडा कहाँसे आत हएं? का बेहीं खराब इच्छासे आत हएं, जो तुमर भितर लणत हएं? 2तुम लोभ करत हओ, पर तुमके नाए मिलत हए; जहेमारे तुम हत्या करनके ताहीं तयार हओ, और लालच करत हओ, पर कुछ नाए पातहओ। जहेमारे तुम झगडा खेलत हओ और लणत हओ। तुमके जाकेमारे नाए मिलत हए, काहेकी तुम परमेश्वरसे मागत नाए हओ। 3तुम मागत हओ, तहुँफिर तुम नाए पातहओ, काहेकी तुम मोजमजा करनके ताहीं दुष्ट बिचारसे मागत हओ। 4हे बिश्वासीघाती आदमी, का तुम नाए जानतहओ, कि जा संसारके चीजके सँग सँगत करनो परमेश्वरके दुश्मन बनानो हए? जहेमारे जोकोइ संसारके सँगी होनके चाँहत हए, बो अपनएके परमेश्वरको दुश्मन बनात हए। 5का तुम जा सम्झत हओ, कि पबित्र-शास्त्र अइसो कहात हए, “हमरे भितर परमेश्वरको धरो भओ आत्माके ताहीं बा बहुत बडो इच्छासे चाहना करत हए?” 6पर बा हमके अइसो खराब लालचके बिरुद्ध उठनके ताहीं औ फिर जद्धा अनुग्रह देतहए। जहेमारे पबित्र-शास्त्रमे लिखो हए, “परमेश्वर घमण्डीनको बिरोध करत हए, पर नम्र आदमीनके अनुग्रह करत हए।” 7जहेमारे अपनएके परमेश्वरके अधीनमे धरओ। शैतानको बिरोध करओ और बो तुमसे भाजैगो। 8परमेश्वरके ढिँगै आबओ, तओ बा फिर तुमर ढिँगै आबैगो। हे पापीउ, अपने जीबनसे पापके दुर करओ, और बे आदमी जौन दुई मन बारे हएं, अपने हृदयके पबित्र करओ। 9अपने पापके ताहीं दुखी होबओ, बिलाप करओ और रोबओ। तुमर हँसी बिलापमे और तुमर आनन्द दुखमे बदल जाबए। 10प्रभुके अग्गु नम्र बनओ, तओ बा तुमर आदर करैगो। 11हे मेरे बिश्वासी ददाभइयओ, एकदुस्रेके बिरुद्धमे खराब बात मत् बतकाबओ। जौन अपनो भइयाको बिरोध करत हए या भइयाके दोष लगात हए कहेसे बो मोशाको नियम कानुनके बिरोध करत हए। अगर तुम मोशाको नियम कानुनके बिरोध करत हओ कहेसे तुम मोशाको नियम कानुनके पालन करन बारे नाए हुइके मोशाको नियम कानुनके दोष लगान बारे बन्जात हओ। 12मोशाको नियम कानुन देन बारो और न्याय करन बारो एकए परमेश्वर हए। जौनके बचानके और नाश करन शक्ति हए। पर तुम कौन हओ, जो अपने आदमीके उपर दोष लगात हओ?
भबिष्यकी चिन्ता
13तुम जा कहात हओ, “आज या कल हम कोइ औरो गाउँमे जाएके हुवाँ एक बर्ष रहामंगे, और ब्यपार करके नाफा उठामंगे।” 14पर जा नाए जानत हओ, कि कल का होबैगो। तुम अपने जिन्दगीके बारेमे सोँचओ। तुम त एक घरी दिखाइ देन बारे और गाइब हुइजान बारे बाफ हानी हओ। 15जहेमारे तुमके जाको सट्टामे कहान पणो, “अगर प्रभुको इच्छा भओ कहेसे हम बचंगे, और अइसो-अइसो काम करंगे।” 16पर अब तुम अपनो घमण्डी योजनाके बारेमे घमण्ड करत हओ। अइसे घमण्ड करनो अच्छो नाएहए। 17जहेमारे जौन फिर भलाइ करन जानतहए, और नाए करत हए कहेसे बो पाप करत हए।

Currently Selected:

याकूब 4: THRNT

Highlight

Share

Copy

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in