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मरकुस 13:35-37

मरकुस 13:35-37 SGJNT

एकरे बर जागत रहा, काबर कि तुमन मन नी जानथा कि घर कर मालिक कब आही, सांझ के या आधा राएत के, या मुरगा कर बांग देहे कर समय या भोर मे। एकस झिन होए कि ओहर अनचकहा आए के तुमन मन ला सोवत पाही। अउ मैहर जे तुमन मन ले कहथो, ओहिच सबेच झन ले भी कहथो: जागत रईहा।”