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मरकुस 8

8
ईसु चार हजार आदमिन कै खानु खबाई
(मत्ती 15:31-39)
1बे दिनन फिर से एक मौका आओ तौ बड़ा जोड़ भीड़ जुराए गई, और उनके झोने खान कै कछुए नाय रहै, तौ ईसु अपने चेलन कै झोने बुलाएकै कही, 2“मोए जौ भीड़ के ऊपर बड़ा तरस आए रहो है, काहैकि निठाठौर जे तीन दिन से मेरे संगै हैं, और उनके झोने खानौ ताहीं कछु नाय है। 3बौ कही मैं इन्हैं भूंको भेज दौ तौ, जे थक हार कै अधरस्ता मैं रह जांगे, और एक-काद तौ दूरौ के हैं।”
4बाके चेला बासे कहीं, “हिंयाँ बन मैं ढेर रोटी कोई कितै से लागो कि जे छक सकथैं?”
5ईसु उनसे पूँछी, “तुमरे झोने कितका रोटी हैं?” बे कहीं “सात।”
6फिर बौ सबन से कही, कि जमीन मैं बैठ जाबौ, और सात रोटी लैकै धन्यवाद दैकै तोड़ी, और अपने चेलन कै देत जाबै कि उनके अग्गु रखै, फिर चेला सबन अग्गु परस दईं। 7उनके झोने जराएक छोटी मच्छियौ रहैं: बौ धन्यवाद दैकै उन्हऊँ कै बाँटन कही। 8बे भर पेट खाए लईं और चेला बचे कुचे टुकड़ा के सात बितौला भरे भै उठाईं। 9और हूँना चार हजार के लमसम आदमी रहैं। फिर बौ उनकै पनार दई, 10और बौ तुरंतै अपने चेलन संग नईंयाँ से दलमनूथा जिला मैं चलो गौ।
फरीसियन को चमत्कार को निसान माँगनों
(मत्ती 16:1-4)
11कुछ फरीसी आयकै ईसु से बहस करन लगे, और बाकै अजमान ताहीं स्वर्ग को कोइसो भी चिन्ह माँगी। 12पर बौ अपने मन मैं आँह भरी और कही, “जौ समय के आदमी पता नाय काहेकै, कोई चिन्ह ढूँड़त फिरथै? ईसु उनसे कही मैं तुमसे सच्ची कहथौं हबै के आदमिन कै कोईये निसानी नाय दई जागी।”
13और फिर ईसु उनकै हूँन छोड़कै नईंयाँ से झील के बौ पाँजर चले गौ।
फरीसियन और राजा हेरोद को खमीर#8:14 जो रोटी कै फुलान मैं मदत करथै
(मत्ती 16:5-21)
14चेला खान ताहीं कम खानु लईं, और जब बे नईंयाँ मैं रहैं तौ उनके झोने एकै रोटी रहै। 15ईसु उनकै चिताए कै कही, “देखौ फरीसियन के खमीर और हेरोद राजा के खमीर से चौकन्ने रहियो।”
16बे आपस मैं बतकान लगे, तभई जौ ऐसो कहबै काहैकि “हमरे झोने रोटी नाय हैं।”
17जो बे कहेत रहैं बौ जानकै ईसु कही, “तुम काहे रोटी नाय होन मैं एक दुसरे से बतकाथौ? का तुम हबै तक नाय जान और समझपाए हौ? का तुमरो मन इत्तो कर्‌रो हुई गौ है? 18तुमरी आँखी होत भै तुम नाय देख पाथौ? और तुमरे कान होत भै भी नाय सुन पाथौ? तुमकै यादौ नाय है 19कि जब मैं पाँच हजारन के ताहीं पाँचै रोटी तोड़ो तौ तुम कित्ते टुकड़ा भरी भई छपरिया उठाए?” बे बासे कहीं, “बारह छपरिया।”
20“और जब चार हजारन के ताहीं सात रोटी रहैं, तौ तुम कित्ते टुकड़ा भरी भई छपरिया कै उठाए रहौ?” बे फिर बासे कहीं “सात छपरिया।”
21बौ उनसे कही, “का तुम हबै तक समझिए नाय पाए?”
ईसु बैतसैदा मैं एक अंधरा कै अच्छो करथै
22फिर बे बैतसैदा मैं आए; तौ आदमी एक अंधरा कै ईसु के झोने लैयाईं और बासे नहोरे करीं कि बाकै छुइबै। 23बौ अंधरा को हात पकड़कै गाँव के दुआरे लैगौ, और बाकी आँखी मैं थूक कै बाके ऊपर हात धरकै, बासे पूँछी, “तू कछु देखथै कि नाय?”
24बौ आँखी उठाएकै कही, “मैं लौड़ा कै तौ देखत जरूर हौ लेकिन बे मोकै नेंगत भै पेंड़ के तराहनी दिखाई देथैं।”
25फिरौंकी बौ दुबारा से बाकी आँखी मैं हात रखी, और अंधरा गौर से देखी। और का देखरौ है कि बौ अच्छो हुई गौ है, और सपा-सपा देखरौ है। 26ईसु बासे जौ कहकै घरै भेजी, “जौ गाँव के भीतर दुबारा पाँव मत धरिये।”
ईसु को चेला पतरस, ईसु कै मसीह मानी
(मत्ती 16:13-20; लूका 9:18-21)
27ईसु और बाके चेला कैसरिया फिलिप्पी के गाँव मैं गै। जब बे रस्ता मैं रहैं तौ अपने चेलन से पूँछन लगो, “आदमी मोसे का कहथैं बताबौ?”
28“बे बासे कहीं, एकाद यूहन्ना बपतिस्मा देन बारो; लेकिन एकाद-जनी एलिय्याह भविस्यवक्ता और दुसरे भविस्यवक्तन मैं से एक कहमैं।”
29“लेकिन ईसु उनसे पूँछी, तुम मोसे का कहथौ?” पतरस बासे कही, “तू मसीह है।”
30तौ ईसु उनकै आग्या दई, “मेरे बारे मैं जौ बात कोई से मत कहियो।”
ईसु अपनेई दुख और मरन के बारे मैं बताथै
(मत्ती 16:21-28; लूका 9:22-27)
31तौ फिर ईसु उनकै सिखान लगो कि “इंसानन के लौड़ा के ताहीं जरूरी है कि बौ खूबै दुख उठाबैगो, और बड़े-बूढ़े और मुखिया पुजारी और यहूदि नियम के सिक्छक बाकै ठुकराए कै मार डारंगे, फिर बौ तीन दिन बाद फिर जिंदो हुई जाबैगो।” 32ईसु जौ बात कै उनसे सपा-सपा कह दई। जौ बात से पतरस ईसु कै अलग्याँओं लैजाय कै झुकान लगो, 33लेकिन बौ मुरक्कै अपने चेलन घाँईं दुबारा से देखी, और पतरस कै झुकाएकै कही, “ए सैतान मेरे अग्गु से दूर हुई जा; काहैकि तैं परमेस्वर की बातन के ऊपर नाय, लेकिन इंसानन की बातन के ऊपर मन लगाथै।”
34बौ चेला समेत भीड़ कै अपने झोने बुलाई और कही, “जो मेरे पच्छू आनो चाहथै, बौ अपने आपकै इंकार करै और अपनो क्रूस उठाएकै, मेरे पच्छू आबै। 35काहैकि जो अपनी ज्यान बचानो चहागो बौ बाकै गबागो, लेकिन जो अपनी ज्यान मेरे ताहीं और सुसमाचार के ताहीं खोबैगो, बौ बाकै बचाए लेगो। 36अगर इंसान पूरी दुनिया कै पाए लेबै और अपनी ज्यान कै गबाबै, तौ बाकै का फायदा? 37इंसान अपनी ज्यान के बदले मैं का दै सकथै? 38जो कोई व्यभिचारी और पापी पीढ़ी के बीच मोसे और मेरी बातन से सर्मागो, तौ इंसान को लौड़ा भी जब बौ पवित्र दूतन के संग अपने दऊवा की महिमा समेत आगो, तौ बहो से सर्मागो।”

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