और मैं बाप से बिनती कर हों, और बो तुम हां एक और संग्गी दै है, कि बो सदा तुमाए संग्गै रए। यानि सत्य कौ आत्मा, जीहां संसार ग्रहण नईं कर सकत, कायसे बो ऊहां नईं देखत आय और न चीनत आय: तुम ऊहां चीनत आव, कायसे बो तुमाए संग्गै रहत आय, और बो तुमाए भीतरे हुईये।