अउ बेर, अउ जोन, अउ तरई मन मे चिन्हा दिखाई देही; अउ धरती मे देश-देश कर लोग मन ला संकट होही, काबर कि ओमन मन समुन्दर कर गरजई अउ लहर मन कर कोलाहल ले घबराए जाही। डर के कारन अउ संसार मे आए बाला घटना मन कर बाट जोहत-जोहत लोग मन कर जीव मे जीव नी रही, काबर कि अकाश कर शक्ति मन हिलाल जाही। तब ओ मैनसे कर बेटा ला सामर्थ अउ बड़ेच महिमा कर संग बदरी मे आत देखिहा।