Logo YouVersion
Ikona vyhledávání

उत्पत्ति 5

5
आदम की वंशावली
(1 इति 1:1–4)
1आदम की वंशावली यह है। जब परमेश्‍वर ने मनुष्य की सृष्‍टि की तब अपने ही स्वरूप में उसको बनाया। 2उसने नर और नारी करके मनुष्यों की सृष्‍टि की#मत्ती 19:4; मरकुस 10:6 और उन्हें आशीष दी, और उनकी सृष्‍टि के दिन उनका नाम आदम#5:2 या मनुष्य रखा।#उत्प 1:27,28 3जब आदम एक सौ तीस वर्ष का हुआ, तब उसके द्वारा उसकी समानता में उस ही के स्वरूप के अनुसार एक पुत्र उत्पन्न हुआ। उसने उसका नाम शेत रखा। 4शेत के जन्म के पश्‍चात् आदम आठ सौ वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुईं। 5इस प्रकार आदम की कुल आयु नौ सौ तीस वर्ष की हुई; तत्पश्‍चात् वह मर गया।
6जब शेत एक सौ पाँच वर्ष का हुआ, तब उससे एनोश का जन्म हुआ। 7एनोश के जन्म के पश्‍चात् शेत आठ सौ सात वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुईं। 8इस प्रकार शेत की कुल आयु नौ सौ बारह वर्ष की हुई; तत्पश्‍चात् वह मर गया।
9जब एनोश नब्बे वर्ष का हुआ, तब उससे केनान का जन्म हुआ। 10केनान के जन्म के पश्‍चात् एनोश आठ सौ पन्द्रह वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुईं। 11इस प्रकार एनोश की कुल आयु नौ सौ पाँच वर्ष की हुई; तत्पश्‍चात् वह मर गया।
12जब केनान सत्तर वर्ष का हुआ, तब उससे महललेल का जन्म हुआ। 13महललेल के जन्म के पश्‍चात् केनान आठ सौ चालीस वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुईं। 14इस प्रकार केनान की कुल आयु नौ सौ दस वर्ष की हुई; तत्पश्‍चात् वह मर गया।
15जब महललेल पैंसठ वर्ष का हुआ, तब उससे येरेद का जन्म हुआ। 16येरेद के जन्म के पश्‍चात् महललेल आठ सौ तीस वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुईं। 17इस प्रकार महललेल की कुल आयु आठ सौ पंचानबे वर्ष की हुई; तत्पश्‍चात् वह मर गया।
18जब येरेद एक सौ बासठ वर्ष का हुआ, तब उससे हनोक का जन्म हुआ। 19हनोक के जन्म के पश्‍चात् येरेद आठ सौ वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुईं। 20इस प्रकार येरेद की कुल आयु नौ सौ बासठ वर्ष की हुई; तत्पश्‍चात् वह मर गया।
21जब हनोक पैंसठ वर्ष का हुआ, तब उससे मतूशेलह का जन्म हुआ। 22मतूशेलह के जन्म के पश्‍चात् हनोक तीन सौ वर्ष तक परमेश्‍वर के साथ साथ चलता रहा, और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुईं। 23इस प्रकार हनोक की कुल आयु तीन सौ पैंसठ वर्ष की हुई। 24हनोक परमेश्‍वर के साथ साथ चलता था; फिर वह लोप हो गया क्योंकि परमेश्‍वर ने उसे उठा लिया।#इब्रा 11:5; यहू 14
25जब मतूशेलह एक सौ सत्तासी वर्ष का हुआ, तब उससे लेमेक का जन्म हुआ। 26लेमेक के जन्म के पश्‍चात् मतूशेलह सात सौ बयासी वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुईं। 27इस प्रकार मतूशेलह की कुल आयु नौ सौ उनहत्तर वर्ष की हुई; तत्पश्‍चात् वह मर गया।
28जब लेमेक एक सौ बयासी वर्ष का हुआ, तब उससे एक पुत्र का जन्म हुआ। 29उसने यह कहकर उसका नाम नूह रखा, “यहोवा ने जो पृथ्वी को शाप दिया है, उसके विषय यह लड़का हमारे काम में, और उस कठिन परिश्रम में जो हम करते हैं,#5:29 मूल में, हमारे हाथ के कठिन परिश्रम में हम को शान्ति देगा।” 30नूह के जन्म के पश्‍चात् लेमेक पाँच सौ पंचानबे वर्ष जीवित रहा, और उसके और भी बेटे बेटियाँ उत्पन्न हुईं। 31इस प्रकार लेमेक की कुल आयु सात सौ सतहत्तर वर्ष की हुई; तत्पश्‍चात् वह मर गया।
32और नूह पाँच सौ वर्ष का हुआ; और नूह से शेम, और हाम, और येपेत का जन्म हुआ।

Zvýraznění

Sdílet

Kopírovat

None

Chceš mít své zvýrazněné verše uložené na všech zařízeních? Zaregistruj se nebo se přihlas