1
लूक़ा 15:20
किताब-ए मुक़द्दस
फिर वह उठकर अपने बाप के पास वापस चला गया। लेकिन वह घर से अभी दूर ही था कि उसके बाप ने उसे देख लिया। उसे तरस आया और वह भागकर बेटे के पास आया और गले लगाकर उसे बोसा दिया।
השווה
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2
लूक़ा 15:24
क्योंकि यह मेरा बेटा मुरदा था अब ज़िंदा हो गया है, गुम हो गया था अब मिल गया है।’ इस पर वह ख़ुशी मनाने लगे।
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3
लूक़ा 15:7
मैं तुमको बताता हूँ कि आसमान पर बिलकुल इसी तरह ख़ुशी मनाई जाएगी जब एक ही गुनाहगार तौबा करेगा। और यह ख़ुशी उस ख़ुशी की निसबत ज़्यादा होगी जो उन 99 अफ़राद के बाइस मनाई जाएगी जिन्हें तौबा करने की ज़रूरत ही नहीं थी।
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4
लूक़ा 15:18
मैं उठकर अपने बाप के पास वापस चला जाऊँगा और उससे कहूँगा, ‘ऐ बाप, मैंने आसमान का और आपका गुनाह किया है।
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5
लूक़ा 15:21
बेटे ने कहा, ‘ऐ बाप, मैंने आसमान का और आपका गुनाह किया है। अब मैं इस लायक़ नहीं रहा कि आपका बेटा कहलाऊँ।’
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6
लूक़ा 15:4
“फ़र्ज़ करो कि तुममें से किसी की सौ भेड़ें हैं। लेकिन एक गुम हो जाती है। अब मालिक क्या करेगा? क्या वह बाक़ी 99 भेड़ें खुले मैदान में छोड़कर गुमशुदा भेड़ को ढूँडने नहीं जाएगा? ज़रूर जाएगा, बल्कि जब तक उसे वह भेड़ मिल न जाए वह उस की तलाश में रहेगा।
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