अब इस्राएल के परमेश्वर का तेज, जो करूबों पर स्थित था, मन्दिर की ड्योढ़ी की ओर उठ गया। उसने लिपिक को जिसकी कमर में कलम-दवात लटक रही थी, पुकारा। प्रभु ने उससे कहा, ‘यरूशलेम नगर में जाओ, और उन-सब मनुष्यों के माथे पर चिह्न लगाओ, जो नगर में किए जा रहे घृणित कार्यों के लिए दु:ख मनाते और शोक करते हैं।’