तुम्हारे प्रत्येक बालक का खतना उसके जन्म के आठवें दिन किया जाए। प्रत्येक पीढ़ी के पुरुष का खतना होना चाहिए, चाहे वह तुम्हारे घर में उत्पन्न हुआ दास हो, अथवा विदेशी से धन देकर खरीदा गया हो, जो तेरे वंश का नहीं है। जो तेरे घर में उत्पन्न हुआ दास है, और जो धन देकर खरीदा गया है, दोनों का खतना किया जाए। इस प्रकार मेरा विधान, जिसका चिह्न तुम्हारे शरीर पर होगा, शाश्वत विधान बना रहेगा।