1
यशायाह 11:2-3
पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)
प्रभु की आत्मा, बुद्धि और समझ की आत्मा, सम्मत्ति और सामर्थ्य की आत्मा, ज्ञान और प्रभु के भय की आत्मा उस पर ठहरी रहेगी। प्रभु का भय ही उसका आनन्द होगा। वह केवल मुंह देखकर न्याय नहीं करेगा; वह केवल कान से सुनकर निर्णय नहीं देगा
तुलना
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2
यशायाह 11:1
यिशय वंश के तने से एक शाखा निकलेगी; उसकी जड़ से एक टहनी फूटेगी, और फलवंत होगी।
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3
यशायाह 11:4
वरन् वह गरीबों का न्याय धार्मिकता से करेगा, वह पृथ्वी के दीन-दलितों का निर्णय निष्पक्षता से करेगा। वह अपने शब्द-रूपी डंडे से अत्याचारियों पर प्रहार करेगा; वह मुंह की फूंक से दुष्टों का नाश करेगा।
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4
यशायाह 11:5
धर्म ही उसकी शक्ति, सच्चाई ही उसका सामर्थ्य होगी।
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5
यशायाह 11:9
मेरे समस्त पवित्र पर्वत पर वे न किसी को दु:ख देंगे, और न किसी का अनिष्ट करेंगे; क्योंकि मुझ-प्रभु के ज्ञान से पृथ्वी परिपूर्ण हो जाएगी, जैसे जल से समुद्र भरा रहता है।
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6
यशायाह 11:6
उसके शासन में भेड़िया भेड़ के बच्चे के साथ रहेगा; चीता बकरी के बच्चे के पास बैठेगा; बछड़ा, सिंह का बच्चा और पाला-पोसा पशु साथ-साथ घूमेंगे, और छोटा बालक उनकी अगुवाई करेगा।
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7
यशायाह 11:10
उस दिन यिशय का वंश-मूल देश-देश के लोगों के लिए एक पताका बनेगा। राष्ट्र उसको ढूंढ़ेंगे। उसका निवास-स्थान तेजोमय होगा।
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