प्रभु यों कहता है,
‘बुद्धिमान मनुष्य अपनी बुद्धि पर गर्व न करे,
और न बलवान अपने बल पर।
धनवान मनुष्य अपने धन का घमण्ड न करे।
किन्तु यदि कोई मनुष्य किसी बात पर घमण्ड करना चाहता है तो उसे इस बात पर घमण्ड करना चाहिए कि वह मुझे जानता है, उसको मेरे विषय मे यह समझ है कि मैं पृथ्वी पर दया, न्याय और धर्म की स्थापना करनेवाला प्रभु हूं; और मैं इन्हीं बातों से प्रसन्न होता हूं,’ प्रभु की यह वाणी है।