तब मैंने उनसे कहा, ‘तुम सब देख रहे हो कि हमारी कौम कैसी दुर्दशा में है। यरूशलेम नगर खण्डहर हो गया है, उसके प्रवेश-द्वार जला दिए गए हैं। आओ, हम-सब यरूशलेम की शहरपनाह को फिर से खड़ा करें ताकि हमारी कौम का और अधिक अपमान न हो।’ तत्पश्चात् मैंने उनको बताया कि परमेश्वर ने मुझ पर अपना हाथ रखा तो मुझे सम्राट की कृपा-दृष्टि प्राप्त हुई। मैंने सम्राट की वे बातें भी उन्हें बताईं, जो उसने मुझसे कही थीं। लोगों ने उत्तर दिया, ‘हम तैयार हैं, हम बनाएंगे।’ अत: उन्होंने यह सत्कर्म करने को कमर बांध ली।