ये सब बातें परमेश्वर की ओर से हैं, जिसने मसीह के द्वारा अपने साथ हमारा मेलमिलाप कर लिया, और मेलमिलाप की सेवा हमें सौंप दी है। अर्थात् परमेश्वर ने मसीह में होकर अपने साथ संसार का मेलमिलाप कर लिया, और उनके अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया, और उस ने मेलमिलाप का वचन हमें सौंप दिया है।