गिरते हुओं को तू ने अपनी बातों से सम्भाल
लिया,
और लड़खड़ाते हुए लोगों को तू ने बलवन्त
किया।
परन्तु अब विपत्ति तो तुझी पर आ पड़ी,
और तू निराश हुआ जाता है;
उसने तुझे छुआ और तू घबरा उठा।
क्या परमेश्वर का भय ही तेरा आसरा नहीं?
और क्या तेरा चालचलन जो खरा है तेरी
आशा नहीं?