तो भी यदि तू आप परमेश्वर को यत्न से ढूँढ़ता,
और सर्वशक्तिमान से गिड़गिड़ाकर विनती करता,
और यदि तू निर्मल और धर्मी रहता,
तो निश्चय वह तेरे लिये जागता;
और तेरी धार्मिकता का निवास फिर ज्यों का त्यों कर देता।
चाहे तेरा भाग पहले छोटा ही रहा हो परन्तु
अन्त में तेरी बहुत बढ़ती होती।