तब मैं उन बचे हुए लोगों की जाँच करूँगा। मैं उन्हें बहुत से कष्ट दूँगा। वे कष्ट उस आग की तरह होंगे, जिसे एक व्यक्ति चाँदी की शुद्धता की परख के लिये उपयोग करता है। मैं उनकी जाँच वैसे ही करूँगा, जैसे व्यक्ति सोने की जाँच करता है। तब वे सहायता के लिये मेरी पुकार करेंगे, और मैं उनकी सहायता करूँगा। मैं कहूँगा, ‘तुम मेरे लोग हो।’ और वे कहेंगे, ‘यहोवा मेरा परमेश्वर है।’”