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बसलेल और ओहोलियाब
1फिर याहवेह ने मोशेह से कहा, 2“सुनो, मैंने यहूदाह गोत्र के हूर के पौत्र, उरी के पुत्र बसलेल को नाम लेकर बुलाया है. 3मैंने उसे मेरे आत्मा से प्रवीणता, समझ, बुद्धि और सब कामों की समझ देकर भर दिया है, 4ताकि वह सोना, चांदी एवं कांसे पर कलात्मक रचना कर सके, 5जड़ने के उद्देश्य से पत्थर काटने में कुशल तथा लकड़ी के खोदने में बुद्धि से कलाकारी का काम कर सके. 6और मैंने उसके साथ दान गोत्र के अहीसामक के पुत्र ओहोलियाब को सहायक चुना है.
“तथा उन सभी में जो योग्य हैं, उनको मैं समझ देता हूं कि वे वह सब बनाएं, जो मैंने तुमसे कहा.
7“जैसे मिलनवाले तंबू,
साक्षी पत्र का संदूक, उसके ऊपर करुणासन,
और तंबू का सारा सामान,
8मेज़ तथा उसका सारा सामान,
सोने का दीया तथा उसका सारा सामान,
तथा धूप वेदी,
9होमबलि की वेदी तथा उसका सारा सामान,
तथा पाया सहित उसकी हौदी,
10बुने हुए वस्त्र,
तथा पुरोहित अहरोन तथा उसके पुत्रों के पवित्र वस्त्र,
जो वे पुरोहित का काम करते वक्त पहनेंगे;
11अभिषेक का तेल और सुगंधित धूप, जो पवित्र स्थान के लिए है,
“इन सब चीज़ों को वे परमेश्वर की आज्ञा के अनुसार तैयार करें.”
विश्राम का दिन
12फिर याहवेह ने मोशेह से कहा, 13“तुम इस्राएलियों से कहना, ‘तुम मेरे विश्राम दिन को मानना; क्योंकि यह तुम्हारे पीढ़ी से पीढ़ी तक मेरे एवं तुम्हारे बीच में एक चिन्ह होगा, ताकि तुम यह जान लो कि मैं ही याहवेह हूं, जो तुम्हें पवित्र करता हूं.
14“ ‘तुम्हें विश्राम दिन को मानना ही है, क्योंकि यह तुम्हारे लिए पवित्र है. और जो इसे अपवित्र करेगा, वह निश्चय मार डाला जायेगा; जो कोई विश्राम दिन पर कोई भी काम करेगा, वह व्यक्ति उसके समाज में से मिटा दिया जाए. 15छः दिन तुम काम कर सकते हो, परंतु सातवां दिन पूरा विश्राम का दिन होगा जो याहवेह के लिए पवित्र है. 16इस्राएलियों में इस दिन को विश्राम दिन मानकर उनकी सारी पीढ़ी हमेशा इस वाचा को याद रखते हुए इस दिन को माने. 17यह मेरे तथा इस्राएलियों के बीच में पक्का वादा और चिन्ह है; क्योंकि छः दिनों में याहवेह ने स्वर्ग तथा पृथ्वी को बनाया, लेकिन सातवें दिन उन्होंने आराम किया.’ ”
18जब याहवेह सीनायी पर्वत पर मोशेह से बात कर चुके, तब परमेश्वर ने मोशेह को अपने हाथ से लिखी हुई साक्षी की दो पत्थर की पट्टियां दीं.