जब आदम और स्त्री ने दिन के ठण्डे समय में याहवेह परमेश्वर के आने की आवाज बगीचे में सुनी, तब आदम और उसकी पत्नी पेड़ों के बीच में छिप गये. किंतु याहवेह परमेश्वर ने आदम को बुलाया और पूछा, “तुम कहां हो?”
आदम ने उत्तर दिया, “आपके आने का शब्द सुनकर हम डर गये और हम छिप गये क्योंकि हम नंगे हैं.”
याहवेह ने कहा, “किसने तुमसे कहा कि तुम नंगे हो? कहीं ऐसा तो नहीं, कि तुमने उस पेड़ का फल खा लिया हो, जिसको खाने के लिए मैंने मना किया था?”
आदम ने कहा, “साथ में रहने के लिए जो स्त्री आपने मुझे दी है, उसी ने मुझे उस पेड़ से वह फल दिया, जिसे मैंने खाया.”
यह सुन याहवेह परमेश्वर ने स्त्री से पूछा, “यह क्या किया तुमने?”
स्त्री ने उत्तर दिया, “सांप ने मुझे बहकाया, इसलिये मैंने वह फल खा लिया.”
याहवेह परमेश्वर ने सांप से कहा, तूने ऐसा करके गलत किया,
“इसलिये तू सभी पालतू पशुओं से
तथा सभी वन्य पशुओं से अधिक शापित है!
तू पेट के बल चला करेगा
और जीवन भर
मिट्टी चाटता रहेगा.
मैं तेरे तथा स्त्री के बीच,
तेरी संतान तथा स्त्री की संतान के बीच
बैर पैदा करूंगा;
वह तेरे सिर को कुचलेगा,
तथा तू उसकी एड़ी को डसेगा.”
स्त्री से परमेश्वर ने कहा,
“मैं तुम्हारी गर्भावस्था के दर्द को बहुत बढ़ाऊंगा;
तुम दर्द के साथ संतान को जन्म दोगी.
यह होने पर भी तुम्हारी इच्छा तुम्हारे पति की ओर होगी,
और पति तुम पर अधिकार करेगा.”
फिर आदम से परमेश्वर ने कहा, “तुमने अपनी पत्नी की बात सुनकर उस पेड़ से फल खाया, ‘जिसे खाने के लिये मैंने तुम्हें मना किया था,’
“इस कारण यह पृथ्वी जिस पर तुम रह रहे हो, श्रापित हो गई है;
तुम जीवन भर
कड़ी मेहनत करके जीवन चलाओगे.
तुम खेती करोगे लेकिन उसमें कांटे और जंगली पेड़ उगेंगे,
और तुम खेत की उपज खाओगे.
तुम अपने पसीने ही की
रोटी खाया करोगे और अंततः
मिट्टी में मिल जाओगे क्योंकि
तुम मिट्टी ही हो, मिट्टी से ही बने हो.”
आदम ने अपनी पत्नी को हव्वा नाम दिया, क्योंकि वही सबसे पहली माता थी.
आदम तथा उसकी पत्नी के लिए याहवेह परमेश्वर ने चमड़े के वस्त्र बनाकर उन्हें पहना दिये. फिर याहवेह परमेश्वर ने सोचा, “आदम और हव्वा ने भले और बुरे के ज्ञान का फल तो खा लिया, अब वे जीवन के पेड़ से फल खाकर सदा जीवित न रह जाएं.” इस कारण याहवेह परमेश्वर ने उन्हें एदेन के बगीचे से बाहर कर दिया, ताकि वे भूमि पर खेती करें, और फल उपजायें. तब उन्होंने आदम को एदेन के बगीचे से बाहर कर दिया तथा एदेन के बगीचे की निगरानी के लिए करूबों को और चारों ओर घूमनेवाली ज्वालामय तलवार को रख दिया ताकि कोई जीवन के वृक्ष को छू न सके.