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यशायाह के पुत्र चिन्ह जैसे
1याहवेह ने मुझसे कहा, “एक बड़ी पटिया में बड़े-बड़े अक्षरों में यह लिखो: महेर-शालाल-हाश-बाज़ अर्थात् त्वरित लूट, द्रुत डाका.” 2मैं पुरोहित उरियाह और यबेरेकयाह के पुत्र ज़करयाह को अपने साथ दो विश्वासयोग्य गवाह के रूप में रखूंगा. 3तब मैं नबिया के पास गया और उसने गर्भवती होकर एक पुत्र को जन्म दिया. तब याहवेह ने मुझसे कहा, “उसका नाम महेर-शालाल-हाश-बाज़ रखो. 4और इससे पहले कि वह पिता और माता बुलाए, दमेशेक की संपत्ति और शमरिया की लूट अश्शूर के राजा के द्वारा ले जाई जाएगी.”
5फिर याहवेह ने मुझसे कहा:
6“इसलिये कि इस प्रजा ने
शिलोह के धीरे धीरे बहने वाले सोते को छोड़ दिया
और रेमालियाह के पुत्र
और वे रेज़िन से मिलकर खुश हैं,
7इसलिये अब प्रभु उन पर अर्थात् अश्शूर के राजा
और उसके समस्त वैभव पर फरात का कष्ट लाने पर हैं.
उसका जल उसकी समस्त नहरों,
और तटों पर से उमड़ पड़ेगा.
8तब पानी यहूदिया पर भी चढ़ जाएगा
और बढ़ता जाएगा.
और इम्मानुएल का पूरा देश
उसके पंखों से ढंक जाएगा!”
9हे दूर-दूर देश के सब लोगों,
चिल्लाओ अपनी-अपनी कमर कसो.
परंतु तुम्हारे टुकड़े-टुकड़े किए जाएंगे
और तुम नाश किए जाओगे!
10तुम चाहे कुछ भी करो, कोई फायदा नहीं;
और तुम्हारी सब बात झूठी होगी,
क्योंकि परमेश्वर तो हमारे साथ हैं.
11और याहवेह का मजबूत हाथ मेरे ऊपर था, और उन लोगों के समान न बनने के लिए याहवेह ने कहा:
12“जिससे ये सब लोग नफरत करे
तुम उससे नफरत न करना;
और जिससे वे डरे हैं,
तुम उससे डरो मत.
13सर्वशक्तिमान याहवेह ही पवित्र परमेश्वर हैं,
उन्ही का भय मानना,
और उन्ही से डरना.
14तब वे तुम्हारे शरणस्थान होंगे;
लेकिन इस्राएल के दोनों परिवारों के लिए
वे ठोकर का पत्थर
और लड़खड़ाने की चट्टान.
तथा येरूशलेम वासियों के लिए वे एक जाल
और एक फंदा होंगे.
15कई लोग उनसे ठोकर खाकर गिरेंगे;
और टूट जाएंगे,
वे फंदे में फंसेंगे और पकड़े जाएंगे.”
16इस चेतावनी को बंद कर दो
और मेरे चेलों के सामने इस व्यवस्था पर छाप लगा दो.
17मैं याहवेह की प्रतीक्षा करता रहूंगा,
जो याकोब वंश से अपना मुख छिपाए हुए हैं.
मैं उन्हीं पर आशा लगाए रहूंगा.
18देख: मैं यहां हूं, और याहवेह ने जो संतान मुझे दिये हैं! ज़ियोन पर्वत पर रहनेवाला जो सर्वशक्तिमान याहवेह हैं, उनकी ओर से हम चिन्ह और चमत्कार होंगे.
अंधेरा ज्योति में बदल जाता है
19जब वे तुमसे कहें कि, बुदबुदानेवाले और गुनगुनानेवाले तंत्र मंत्र करनेवालों से पूछो, तो क्या वे जीवित परमेश्वर से नहीं पूछ सकते, क्या जीवित लोग मरे हुओं से पूछेंगे? 20परमेश्वर की शिक्षा और उनकी चेतावनी से पूछताछ करें. यदि वे लोग सच्चाई की बातों को नहीं मानते तो उनके लिए सुबह का नया दिन नहीं. 21वे इस देश से बहुत दुःखी और भूखे होकर निकलेंगे और जब वे भूखे होंगे वे क्रोधित हो जाएंगे, वे क्रोध में अपना मुंह आकाश की ओर उठाकर अपने राजा और अपने परमेश्वर को शाप देंगे. 22तब वे पृथ्वी की ओर देखेंगे और उन्हें धुंधलापन संकट, और अंधकार दिखाई देगा और वे घोर अंधकार में फेंक दिए जाएंगे.