1 कुरिन्थियों 6
6
विश्वासियों में मुकदमेबाज़ी
1यदि आप लोगों में कोई आपसी झगड़ा हो, तो आप न्याय के लिए सन्तों के पास नहीं बल्कि अन्यधर्मियों के पास जाने का साहस कैसे कर सकते हैं? 2क्या आप नहीं जानते कि सन्त संसार का न्याय करेंगे? यदि आप को संसार का न्याय करना है, तो क्या आप छोटे-से मामलों का फ़ैसला करने योग्य नहीं हैं?#दान 7:22; प्रक 3:21 3क्या आप यह नहीं जानते कि हम स्वर्गदूतों का न्याय करेंगे? तो फिर साधारण जीवन के मामलों की बात ही क्या! 4यदि आप लोगों में साधारण जीवन के मामलों के बारे में कोई झगड़ा हो, तो आप क्यों ऐसे लोगों को पंच बनाते हैं, जो कलीसिया की दृष्टि में नगण्य#6:4 अथवा, “तो आप उन्हीं लोगों को पंच बनाइए, जो कलीसिया में नगण्य हैं।” हैं? 5मैं आप को लज्जित करने के लिए यह कह रहा हूँ। क्या आप लोगों में एक भी समझदार व्यक्ति नहीं है, जो भाई-भाई के बीच न्याय कर सकता है? 6इसकी क्या जरूरत है कि भाई अपने भाई पर मुक़दमा चलाये, यहां तक कि अविश्वासियों की अदालत में जाए? 7वास्तव में पहला दोष तो यह है कि आप एक दूसरे पर मुक़दमा चलाते हैं। इसकी अपेक्षा आप अन्याय क्यों नहीं सह लेते? अपनी हानि क्यों नहीं होने देते?#मत 5:39; 1 थिस 5:15; 1 पत 3:9 8परन्तु, आप तो स्वयं अन्याय करते और दूसरों को हानि पहुंचाते हैं और वह भी अपने भाइयों को!
9क्या आप यह नहीं जानते कि अन्याय करने वाले व्यक्ति परमेश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं होंगे? धोखे में न रहें! व्यभिचारी, मूर्तिपूजक, परस्त्रीगामी, कामातुर और पुरुषगामी, 10चोर, लोभी, शराबी, निन्दक और धोखेबाज परमेश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं होंगे।#गल 5:19-21 11आप लोगों में से कुछ ऐसे ही थे। किन्तु अब प्रभु येशु मसीह के नाम पर और हमारे परमेश्वर के आत्मा के द्वारा आप धोये गए तथा पवित्र किये गए और धार्मिक ठहराये गये हैं।#तीत 3:3-7
वेश्यागमन की निन्दा
12आप में से कोई यह कहेगा, “मुझे सब कुछ करने की अनुमति है।” हां, किन्तु सब कुछ हितकर नहीं। मैं कह सकता हूँ, “मुझे सब कुछ करने की अनुमति है,” किन्तु मैं किसी चीज का गुलाम नहीं बनूंगा।#1 कुर 10:23 13कोई यह भी कहेगा, “किन्तु भोजन पेट के लिए है और पेट भोजन के लिए।” हां, किन्तु परमेश्वर दोनों का अन्त कर देगा। शरीर व्यभिचार के लिए नहीं, बल्कि प्रभु के लिए है और प्रभु शरीर के लिए।#1 थिस 4:3-5 14परमेश्वर ने जिस तरह प्रभु को पुनर्जीवित किया, उसी तरह वह हम लोगों को भी अपने सामर्थ्य से पुनर्जीवित करेगा।#1 कुर 15:15,20; 2 कुर 4:14; रोम 8:11
15क्या आप लोग यह नहीं जानते कि आपका शरीर मसीह का अंग है? तो, क्या मैं मसीह का अंग ले कर उसे वेश्या का अंग बना दूं? कभी नहीं!#1 कुर 12:27 16क्या आप लोग यह नहीं जानते कि जिसका मिलन वेश्या से होता है, वह उसके साथ एक शरीर हो जाता है? क्योंकि धर्मग्रन्थ कहता है, “वे दोनों एक शरीर हो जायेंगे।”#उत 2:24 17किन्तु जिसका मिलन प्रभु से होता है, वह उसके साथ एक आत्मा बन जाता है।#यो 17:21-22; 2 कुर 3:17 18व्यभिचार से दूर रहें। मनुष्य के दूसरे सभी पाप उसके शरीर से बाहर हैं, किन्तु व्यभिचार करने वाला अपने ही शरीर के विरुद्ध पाप करता है।
19क्या आप यह नहीं जानते कि आपका शरीर पवित्र आत्मा का मन्दिर है? वह आप को परमेश्वर से प्राप्त हुआ है और वह आप में निवास करता है। आपका अपने पर अधिकार नहीं है;#1 कुर 3:16 20क्योंकि आप लोग मूल्य दे कर खरीदे गये हैं। इसलिए आप लोग अपने शरीर से परमेश्वर की महिमा प्रकट करें।#1 कुर 7:23; 1 पत 1:18-19; फिल 1:20
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1 कुरिन्थियों 6: HINCLBSI
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Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
Copyright © Bible Society of India, 2015.
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1 कुरिन्थियों 6
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विश्वासियों में मुकदमेबाज़ी
1यदि आप लोगों में कोई आपसी झगड़ा हो, तो आप न्याय के लिए सन्तों के पास नहीं बल्कि अन्यधर्मियों के पास जाने का साहस कैसे कर सकते हैं? 2क्या आप नहीं जानते कि सन्त संसार का न्याय करेंगे? यदि आप को संसार का न्याय करना है, तो क्या आप छोटे-से मामलों का फ़ैसला करने योग्य नहीं हैं?#दान 7:22; प्रक 3:21 3क्या आप यह नहीं जानते कि हम स्वर्गदूतों का न्याय करेंगे? तो फिर साधारण जीवन के मामलों की बात ही क्या! 4यदि आप लोगों में साधारण जीवन के मामलों के बारे में कोई झगड़ा हो, तो आप क्यों ऐसे लोगों को पंच बनाते हैं, जो कलीसिया की दृष्टि में नगण्य#6:4 अथवा, “तो आप उन्हीं लोगों को पंच बनाइए, जो कलीसिया में नगण्य हैं।” हैं? 5मैं आप को लज्जित करने के लिए यह कह रहा हूँ। क्या आप लोगों में एक भी समझदार व्यक्ति नहीं है, जो भाई-भाई के बीच न्याय कर सकता है? 6इसकी क्या जरूरत है कि भाई अपने भाई पर मुक़दमा चलाये, यहां तक कि अविश्वासियों की अदालत में जाए? 7वास्तव में पहला दोष तो यह है कि आप एक दूसरे पर मुक़दमा चलाते हैं। इसकी अपेक्षा आप अन्याय क्यों नहीं सह लेते? अपनी हानि क्यों नहीं होने देते?#मत 5:39; 1 थिस 5:15; 1 पत 3:9 8परन्तु, आप तो स्वयं अन्याय करते और दूसरों को हानि पहुंचाते हैं और वह भी अपने भाइयों को!
9क्या आप यह नहीं जानते कि अन्याय करने वाले व्यक्ति परमेश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं होंगे? धोखे में न रहें! व्यभिचारी, मूर्तिपूजक, परस्त्रीगामी, कामातुर और पुरुषगामी, 10चोर, लोभी, शराबी, निन्दक और धोखेबाज परमेश्वर के राज्य के अधिकारी नहीं होंगे।#गल 5:19-21 11आप लोगों में से कुछ ऐसे ही थे। किन्तु अब प्रभु येशु मसीह के नाम पर और हमारे परमेश्वर के आत्मा के द्वारा आप धोये गए तथा पवित्र किये गए और धार्मिक ठहराये गये हैं।#तीत 3:3-7
वेश्यागमन की निन्दा
12आप में से कोई यह कहेगा, “मुझे सब कुछ करने की अनुमति है।” हां, किन्तु सब कुछ हितकर नहीं। मैं कह सकता हूँ, “मुझे सब कुछ करने की अनुमति है,” किन्तु मैं किसी चीज का गुलाम नहीं बनूंगा।#1 कुर 10:23 13कोई यह भी कहेगा, “किन्तु भोजन पेट के लिए है और पेट भोजन के लिए।” हां, किन्तु परमेश्वर दोनों का अन्त कर देगा। शरीर व्यभिचार के लिए नहीं, बल्कि प्रभु के लिए है और प्रभु शरीर के लिए।#1 थिस 4:3-5 14परमेश्वर ने जिस तरह प्रभु को पुनर्जीवित किया, उसी तरह वह हम लोगों को भी अपने सामर्थ्य से पुनर्जीवित करेगा।#1 कुर 15:15,20; 2 कुर 4:14; रोम 8:11
15क्या आप लोग यह नहीं जानते कि आपका शरीर मसीह का अंग है? तो, क्या मैं मसीह का अंग ले कर उसे वेश्या का अंग बना दूं? कभी नहीं!#1 कुर 12:27 16क्या आप लोग यह नहीं जानते कि जिसका मिलन वेश्या से होता है, वह उसके साथ एक शरीर हो जाता है? क्योंकि धर्मग्रन्थ कहता है, “वे दोनों एक शरीर हो जायेंगे।”#उत 2:24 17किन्तु जिसका मिलन प्रभु से होता है, वह उसके साथ एक आत्मा बन जाता है।#यो 17:21-22; 2 कुर 3:17 18व्यभिचार से दूर रहें। मनुष्य के दूसरे सभी पाप उसके शरीर से बाहर हैं, किन्तु व्यभिचार करने वाला अपने ही शरीर के विरुद्ध पाप करता है।
19क्या आप यह नहीं जानते कि आपका शरीर पवित्र आत्मा का मन्दिर है? वह आप को परमेश्वर से प्राप्त हुआ है और वह आप में निवास करता है। आपका अपने पर अधिकार नहीं है;#1 कुर 3:16 20क्योंकि आप लोग मूल्य दे कर खरीदे गये हैं। इसलिए आप लोग अपने शरीर से परमेश्वर की महिमा प्रकट करें।#1 कुर 7:23; 1 पत 1:18-19; फिल 1:20
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