1 तिमोथी 5:13-25

1 तिमोथी 5:13-25 HINCLBSI

इसके अतिरिक्‍त वे आलसी रहना सीख जाती हैं। घर-घर घूमना उनकी आदत हो जाती है और वे आलसी ही नहीं रहतीं, बल्‍कि बकबक करतीं, दूसरों के काम में दखल देतीं और अशोभनीय बातों की चर्चा करती हैं। इसलिए मैं चाहता हूँ कि कम उम्र की विधवाएँ विवाह करें, माता बनें, अपने घर का प्रबन्‍ध करें और विरोधी को हमारी निन्‍दा करने का अवसर न दें; क्‍योंकि कुछ विधवाएं सन्‍मार्ग से भटक कर शैतान के मार्ग पर चलने लगी हैं। यदि विश्‍वासी स्‍त्री के परिवार में विधवाएँ हैं, तो वह उनकी सहायता करे, जिससे उनका भार कलीसिया पर नहीं पड़े और कलीसिया उन्‍हीं की सहायता कर सके जो वास्‍तव में विधवाएं हैं। जो धर्मवृद्ध नेतृत्‍व करने में सफलता प्राप्‍त करते हैं, वे दुगुने सम्‍मान के योग्‍य समझे जायें-विशेष रूप से वे, जो प्रचार और शिक्षा-कार्य में लगे हुए हैं; क्‍योंकि धर्मग्रन्‍थ कहता है, “तुम दँवरी करते बैल के मुँह पर मोहरा मत लगाओ” और फिर, “मजदूर को अपनी उचित मजदूरी का अधिकार है।” जब तक दो या तीन गवाह उसका समर्थन न करें, तब तक किसी धर्मवृद्ध के विरुद्ध कोई अभियोग स्‍वीकार मत करो। जो पाप करते हैं, उन्‍हें सब के सामने चेतावनी दो, जिससे दूसरे लोगों को भी पाप करने में डर लगे। मैं परमेश्‍वर और येशु मसीह एवं मनोनीत स्‍वर्गदूतों को साक्षी बना कर तुम से यह अनुरोध करता हूँ कि तुम, पूर्वाग्रह से मुक्‍त हो कर और किसी के साथ पक्षपात किये बिना, इन बातों का पालन करो। तुम उचित विचार किये बिना किसी पर हस्‍तारोपण मत करो और दूसरों के पापों के सहभागी मत बनो। अपने को शुद्ध बनाये रखो। तुम अब से केवल पानी मत पियो, बल्‍कि पाचन-शक्‍ति बढ़ाने के लिए और बारम्‍बार अस्‍वस्‍थ रहने के कारण तुम थोड़े से दाखरस का सेवन करो। कुछ लोगों के पाप न्‍यायिक जाँच से पहले ही प्रकट होते हैं। इसी प्रकार, कुछ लोगों के सत्‍कर्म प्रकट हैं और यदि नहीं हैं, तो वे देर तक छिप भी नहीं सकते।

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