2 कुरिन्थियों 9:6-15

2 कुरिन्थियों 9:6-15 HINCLBSI

इस बात का ध्‍यान रखें कि जो थोड़ा बोता है, वह थोड़ा काटता है; और जो बहुत बोता है, वह बहुत काटता है। हर एक ने अपने मन में जितना निश्‍चित किया है, उतना ही दे। वह अनिच्‍छा से अथवा लाचारी से ऐसा न करे, क्‍योंकि “परमेश्‍वर प्रसन्नता से देने वाले को प्‍यार करता है।” परमेश्‍वर आप लोगों को प्रचुर मात्रा में हर प्रकार का वरदान देने में समर्थ है, जिससे आप को कभी किसी तरह की कोई कमी नहीं हो, बल्‍कि हर शुभ कार्य के लिए भी आपके पास बहुत कुछ बच जाए। धर्मग्रन्‍थ में लिखा है, “उसने उदारतापूर्वक दरिद्रों को दान दिया है; उसकी धार्मिकता सदा बनी रहती है।” जो बोने वाले को बीज और खाने वाले को भोजन देता है, वह आप को बोने के लिए बीज देगा, उसे बढ़ायेगा और आपकी धार्मिकता की अच्‍छी फ़सल उत्‍पन्न करेगा। इस तरह आप लोग हर प्रकार के धन से सम्‍पन्न हो कर उदारता दिखाने में समर्थ होंगे। आपका दान, हमारे द्वारा वितरित हो कर, परमेश्‍वर के प्रति धन्‍यवाद का कारण बनेगा; क्‍योंकि यह सार्वजनिक सेवा-कार्य न केवल सन्‍तों की आवश्‍यकताओं को पूरा करता है, बल्‍कि परमेश्‍वर को धन्‍यवाद देने के लिए बहुत-से लोगों को प्रेरित भी करता है। आपका यह सेवा-कार्य प्रामाणिक मान कर लोग परमेश्‍वर की महिमा करेंगे, क्‍योंकि आप पूर्ण समर्पण के साथ मसीह के शुभ समाचार पर विश्‍वास करते और सहभागिता की भावना से उनकी तथा सब की उदारतापूर्वक सहायता करते हैं। वे आपके लिए परमेश्‍वर से प्रार्थना करेंगे। वे आप को प्‍यार करते हैं, क्‍योंकि वे जानते हैं कि परमेश्‍वर ने आप लोगों पर कितना अनुग्रह किया है। परमेश्‍वर को उसके अनिर्वचनीय अनुग्रह-दान के लिए धन्‍यवाद!