2 योहन भूमिका
भूमिका
“संत योहन का दूसरा पत्र” किसी धर्मवृद्ध द्वारा किसी अज्ञात “निर्वाचित महिला तथा उसके बच्चों के नाम” लिखा गया था-सम्भवत: स्थानीय कलीसिया तथा उसके सदस्यों के नाम। धर्मवृद्ध अपने संिक्षप्त सन्देश में एक-दूसरे से प्रेम करने तथा झूठे धर्मशिक्षकों तथा उनकी झूठी शिक्षा से सावधान रहने को कहते हैं।
विषय-वस्तु की रूपरेखा
अभिवादन पद 1-3
प्रेम का महत्व पद 4-6
झूठे धर्मसिद्धान्तों से सावधान पद 7-11
उपसंहार पद 12-13
वर्तमान में चयनित:
2 योहन भूमिका: HINCLBSI
हाइलाइट
शेयर
कॉपी
Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in
Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
Copyright © Bible Society of India, 2015.
Used by permission. All rights reserved worldwide.
2 योहन भूमिका
भूमिका
“संत योहन का दूसरा पत्र” किसी धर्मवृद्ध द्वारा किसी अज्ञात “निर्वाचित महिला तथा उसके बच्चों के नाम” लिखा गया था-सम्भवत: स्थानीय कलीसिया तथा उसके सदस्यों के नाम। धर्मवृद्ध अपने संिक्षप्त सन्देश में एक-दूसरे से प्रेम करने तथा झूठे धर्मशिक्षकों तथा उनकी झूठी शिक्षा से सावधान रहने को कहते हैं।
विषय-वस्तु की रूपरेखा
अभिवादन पद 1-3
प्रेम का महत्व पद 4-6
झूठे धर्मसिद्धान्तों से सावधान पद 7-11
उपसंहार पद 12-13
वर्तमान में चयनित:
:
हाइलाइट
शेयर
कॉपी
Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in
Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
Copyright © Bible Society of India, 2015.
Used by permission. All rights reserved worldwide.