2 पतरस 3

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प्रभु का पुनरागमन
1प्रिय भाइयो एवं बहिनो! मैं आप लोगों को दूसरी बार पत्र लिख रहा हूँ। इन पत्रों में मैं कुछ बातों का स्‍मरण दिला कर आप लोगों की सद्बुद्धि को सचेत करना चाहता हूँ।#2 पत 1:13 2आप लोग पवित्र नबियों की भविष्‍यवाणियाँ और प्रभु एवं मुक्‍तिदाता की वह आज्ञा याद रखें, जो आपके प्रेरितों ने सुनाई थी।#यहू 17 3आप लोग सर्वप्रथम यह जान लें कि अन्‍तिम दिनों में उपहास करने वाले धर्मनिन्‍दक आयेंगे। वे अपनी दुर्वासनाओं के अनुरूप आचरण करेंगे#1 तिम 4:1; यहू 18 4और कहेंगे, “उनके आगमन की प्रतिज्ञा का क्‍या हुआ? हमारे पूर्वज तो चल बसे, किन्‍तु सृष्‍टि के प्रारम्‍भ से सब कुछ ज्‍यों-का-त्‍यों बना हुआ है।”#यश 5:19; यहेज 12:22; मत 24:48 5वे जान-बूझकर यह भूल जाते हैं कि प्राचीन काल में एक आकाश था और एक पृथ्‍वी, जो परमेश्‍वर के शब्‍द द्वारा जल से उत्‍पन्न हो कर जल पर बनी हुई थी।#भज 24:2; उत 1:2,9; मत 24:38 6उस समय का संसार जल में ही नष्‍ट हो गया, क्‍योंकि प्रलय ने उसे जलमग्‍न कर दिया।#2 पत 2:5; उत 7:21 7परमेश्‍वर के शब्‍द ने वर्तमान आकाश और पृथ्‍वी को आग के लिए रख छोड़ा है। उन्‍हें न्‍याय-दिवस तक के लिए रख छोड़ा गया है। उस दिन विधर्मी मनुष्‍यों का विनाश किया जायेगा।
8प्रिय भाइयो और बहिनो! यह बात अवश्‍य याद रखें कि प्रभु की दृष्‍टि में एक दिन हजार वर्ष के समान है और हजार वर्ष एक दिन के समान।#भज 90:4 9प्रभु अपनी प्रतिज्ञाएँ पूरी करने में विलम्‍ब नहीं करता, जैसा कि कुछ लोग समझते हैं; किन्‍तु वह आप लोगों के प्रति सहनशील है और यह चाहता है कि किसी का सर्वनाश नहीं हो, बल्‍कि सबको पश्‍चात्ताप करने का अवसर मिले।#हब 2:3; 1 तिम 2:4 10प्रभु का दिन चोर की तरह आ जायेगा। उस दिन आकाश गरजता हुआ विलीन हो जायेगा, मूलतत्‍व जल कर पिघल जायेंगे और पृथ्‍वी तथा उस पर किए गए मनुष्‍यों के कर्म प्रत्‍यक्ष हो जाएंगे।#1 थिस 5:2-3; प्रक 20:11; मत 24:29,35 11यदि यह सब इस प्रकार नष्‍ट होने को है, तो आप लोगों को चाहिए कि पवित्र तथा भक्‍तिपूर्ण जीवन व्‍यतीत करें। 12आप परमेश्‍वर के उस आगामी दिवस की प्रतीक्षा करें और उसे शीघ्र लाने का प्रयास करें। आकाश जल कर विलीन हो जायेगा और मूलतत्‍व ताप के कारण पिघल जायेंगे।#यश 34:4; यहू 5 13परन्‍तु हम परमेश्‍वर की प्रतिज्ञा के आधार पर एक नये आकाश तथा एक नयी पृथ्‍वी की प्रतीक्षा करते हैं, जहाँ धार्मिकता निवास करेगी।#यश 65:17; 66:22; प्रक 21:1,27
जागते हुए सावधान रहें
14इसलिए, प्रिय भाइयो एवं बहिनो! इन बातों की प्रतीक्षा करते हुए इस प्रकार प्रयत्‍न करते रहें कि आप लोग प्रभु की दृष्‍टि में निष्‍कलंक और निर्दोष प्रमाणित हों, और शांति प्राप्‍त करें।#1 कुर 1:7-8; यहू 24 15यदि हमारे प्रभु अपनी सहनशीलता के कारण देर करते हैं, तो इसे अपनी मुक्‍ति में सहायक समझें, जैसा कि हमारे प्रिय भाई पौलुस ने अपने को प्रदत्त प्रज्ञ के अनुसार आप को लिखा।#रोम 2:4; 1 कुर 3:10 16वह अपने सब पत्रों में ऐसा ही करते हैं, जहाँ वह इन बातों की चर्चा करते हैं। उन पत्रों में कुछ ऐसी बातें हैं, जो कठिनाई से समझ में आती हैं। आशििक्षत और चंचल लोग धर्मग्रन्‍थ की अन्‍य बातों की भाँति उनका भी गलत अर्थ लगाते और इस प्रकार अपना सत्‍यानश करते हैं।
उपसंहार
17प्रिय भाइयो एवं बहिनो! मैंने आप लोगों को पहले से ही सचेत किया है। आप सावधान रहें। कहीं ऐसा न हो कि आप उन दुष्‍टों के बहकावे में आएं और अपने सुदृढ़ स्‍थान से डगमगा कर गिर जायें।#मक 13:5,9,33 18आप लोग हमारे प्रभु और मुक्‍तिदाता येशु मसीह के अनुग्रह और ज्ञान में बढ़ते रहें। उन्‍हीं की अभी और युगानुयुग महिमा हो! आमेन।#यहू 25

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