प्रेरितों 5:1-11

प्रेरितों 5:1-11 HINCLBSI

परंतु हनन्‍याह नामक व्यक्‍ति ने अपनी पत्‍नी सफीरा के साथ परामर्श करने के बाद एक खेत बेच दिया। उसने अपनी पत्‍नी के जानते बिक्री से प्राप्‍त धनराशि का कुछ अंश अपने पास रखा और शेष अंश ला कर प्रेरितों के चरणों में रख दिया। इस पर पतरस ने कहा, “हनन्‍याह! शैतान ने क्‍यों तुम्‍हारे हृदय पर इस प्रकार अधिकार कर लिया है कि तुम पवित्र आत्‍मा से झूठ बोलो और जमीन की बिक्री से प्राप्‍त धनराशि का कुछ अंश रख लो? बेचे जाने से पहले क्‍या वह जमीन तुम्‍हारी अपनी नहीं थी? और इसके बाद भी क्‍या उसकी धनराशि तुम्‍हारे अधिकार में नहीं थी? तुमने ऐसा काम करने का विचार अपने हृदय में क्‍यों किया? तुम मनुष्‍यों से नहीं, बल्‍कि परमेश्‍वर से झूठ बोले हो।” हनन्‍याह ये बातें सुन कर गिर पड़ा और उसके प्राण निकल गये। सब सुनने वालों पर बड़ा भय छा गया। कुछ नवयुवकों ने उठ कर उसे कफन में लपेटा और बाहर ले जा कर दफना दिया। लगभग तीन घण्‍टे बाद उसकी पत्‍नी भीतर आयी। वह इस घटना के बारे में कुछ नहीं जानती थी। पतरस ने उस से यह प्रश्‍न किया, “मुझे बताओ, क्‍या तुमने वह जमीन इतने में ही बेची थी?” उसने उत्तर दिया, “जी हाँ, इतने में ही।” इस पर पतरस ने उस से कहा, “यह क्‍या बात है कि तुम दोनों प्रभु के आत्‍मा की परीक्षा लेने के लिए एकमत हो गए? देखो, जो लोग तुम्‍हारे पति को दफनाने गये थे, वे द्वार पर आ गये हैं और अब तुम को भी ले जायेंगे।” वह उसी क्षण पतरस के चरणों पर गिर गयी और उसके प्राण निकल गये। नवयुवकों ने भीतर आ कर उसे मरा हुआ पाया और उसे ले जा कर उसके पति की बगल में दफना दिया। इससे सारी कलीसिया पर और जितने लोगों ने इन बातों की चर्चा सुनी, उन सब पर बड़ा भय छा गया।