कुलुस्सियों 2
2
1मैं चाहता हूं कि आप यह जानें कि मैं आप लोगों के लिए, लौदीकिया नगर के विश्वासियों और उन सब के लिए जो मुझे व्यक्तिगत रूप से नहीं जानते, कितना कठोर परिश्रम करता रहता हूँ। 2जिससे वे हिम्मत न हारें, प्रेम की एकता में बँधे रहें, सुनिश्चित अन्तर्ज्ञान की परिपूर्णता प्राप्त करें और इस प्रकार परमेश्वर के रहस्य के मर्म तक पहुँच जायें। वह रहस्य स्वयं मसीह है,#कुल 1:26; इफ 3:16-18 3क्योंकि उन्हीं में प्रज्ञ तथा ज्ञान की सम्पूर्ण निधि निहित है।#यश 45:3; नीति 2:3-4; इफ 3:19; 1 कुर 1:24,30 4मैं यह इसलिए कह रहा हूँ कि कोई व्यक्ति भ्रामक तर्कों द्वारा आप लोगों को नहीं बहकाये।#रोम 16:18; इफ 4:17; 5:6 5मैं शरीरिक रूप से दूर होते हुए भी आत्मा में आप लोगों के साथ हूँ और मुझे यह देख कर आनन्द होता है कि आपका जीवन सुव्यवस्थित और मसीह में आपका विश्वास सुदृढ़ है।#1 कुर 5:3; 14:40
मसीह में जीवन की पूर्णता
6आपने येशु मसीह को प्रभु के रूप में स्वीकार किया है; इसलिए उन्हीं से संयुक्त हो कर जीवन बितायें।#इफ 4:17 7उन्हीं में आपकी जड़ें गहरी हों और उन्हीं में अपना आध्यात्मिक निर्माण करें। आप को जिस विश्वास की शिक्षा प्राप्त हुई है, उसी में दृढ़ बने रहें और आपके हृदय में धन्यवाद की प्रार्थना उमड़ती रहे।#इफ 3:17; 2:20,22 8सावधान रहें। कहीं ऐसा न हो कि कोई आप लोगों को ऐसे खोखले और भ्रामक दर्शनशास्त्र द्वारा बहकाये, जो मनुष्यों की परम्परागत शिक्षा के अनुसार है और मसीह पर नहीं बल्कि संसार के तत्वों पर आधारित है।#इफ 5:6
9क्योंकि ईश्वरत्व की परिपूर्णता मसीह में सशरीर निवास करती है#यो 1:14,16 10और उन में आप इस परिपूर्णता के सहभागी हैं।#इफ 1:21 सभी आधिपत्य और अधिकार मसीह के अधीन हैं#2:10 शब्दश:, “का शीर्ष मसीह है” 11उन्हीं में आप गैर-यहूदियों का भी एक खतना हुआ है। वह खतना हाथ से नहीं किया जाता, वह मसीह का खतना अर्थात् बपतिस्मा है, जिसके द्वारा पापमय स्वभाव के शरीर को उतार दिया जाता है।#रोम 2:29; 1 पत 3:21 12आप लोग बपतिस्मा के समय मसीह के साथ दफनाये गये और उन्हीं के साथ पुनर्जीवित भी किये गये हैं, क्योंकि आप लोगों ने परमेश्वर के सामर्थ्य में विश्वास किया जिसने उन्हें मृतकों में से पुनर्जीवित किया।#कुल 3:1; रोम 6:4; इफ 1:19-20 13आप लोग पापों के कारण और अपने स्वभाव के खतने के अभाव के कारण मर गये थे। परमेश्वर ने आप लोगों को मसीह के साथ पुनर्जीवित किया है। उसने हमारे सब अपराधों को क्षमा किया है।#इफ 2:1-5 14उसने हमें दोषी ठहराने वाले दस्तावेज को#2:14 अथवा, “हमें बाँधने वाले बन्धपत्र को” रद्द कर दिया, जो विधि-नियमों के कारण हमारे विरुद्ध था, और उसे क्रूस पर ठोंक कर उठा दिया है।#इफ 2:14-15 15उसने प्रत्येक आधिपत्य और अधिकार को अपदस्थ किया#2:15 अथवा, “निरस्त्र किया”, संसार की दृष्टि में उन को नीचा दिखाया और क्रूस की विजय-यात्रा में उन्हें बन्दियों के समान घुमाया।#कुल 1:13
झूठे सिद्धान्तों से सावधान
16इसलिए किसी को यह अधिकार नहीं कि वह खान-पान, पर्व, अमावस्या या विश्राम-दिवस के विषय में आप लोगों पर दोष लगाये।#रोम 14:1-12 17ये सब आने वाली बातों की छाया मात्र हैं; ठोस वास्तविकता मसीह ही है।#इब्र 8:5; 10:1 18आप अपने को ऐसे लोगों द्वारा अपने पुरस्कार से वंचित न होने दें, जो तपस्या, स्वर्गदूतों की पूजा और अपने तथा-कथित दिव्य दृश्यों को अनुचित महत्व देते हैं। वे लोग अपनी सांसारिक बुद्धि के कारण घमण्ड से फूल जाते हैं 19और इस प्रकार शीर्ष अर्थात् मसीह से संयुक्त नहीं रह पाते। मसीह वह शीर्ष हैं जिससे समस्त शरीर सन्धियों और स्नायुओं द्वारा पोषित और संगठित हो कर परमेश्वर की इच्छानुसार बढ़ता है।#इफ 2:21; 4:15-16
20यदि आप मसीह के साथ मर कर संसार के तत्वों से मुक्त हो गये हैं, तो आप उसके आदेशों का पालन क्यों करें, मानो आपका जीवन अब तक संसार के अधीन हो?#गल 4:3,9 21“उस से परहेज करना, यह मत चखना, वह मत छूना”#गल 6:8 - 22ये सब मनुष्यों के आदेश हैं, मानवीय सिद्धांतों पर आधारित हैं और ऐसी वस्तुओं से सम्बन्ध रखते हैं, जो उपयोग में आने पर नष्ट हो जाती हैं।#यश 29:13; मत 15:9
23मनमानी व्यक्तिगत साधना, तपस्या और कठोर आत्म-संयम द्वारा ज्ञान का दिखावा तो होता है, किन्तु ये शरीर की वासनाओं का दमन करने में असमर्थ हैं।#रोम 13:14; 1 तिम 4:3
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कुलुस्सियों 2
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1मैं चाहता हूं कि आप यह जानें कि मैं आप लोगों के लिए, लौदीकिया नगर के विश्वासियों और उन सब के लिए जो मुझे व्यक्तिगत रूप से नहीं जानते, कितना कठोर परिश्रम करता रहता हूँ। 2जिससे वे हिम्मत न हारें, प्रेम की एकता में बँधे रहें, सुनिश्चित अन्तर्ज्ञान की परिपूर्णता प्राप्त करें और इस प्रकार परमेश्वर के रहस्य के मर्म तक पहुँच जायें। वह रहस्य स्वयं मसीह है,#कुल 1:26; इफ 3:16-18 3क्योंकि उन्हीं में प्रज्ञ तथा ज्ञान की सम्पूर्ण निधि निहित है।#यश 45:3; नीति 2:3-4; इफ 3:19; 1 कुर 1:24,30 4मैं यह इसलिए कह रहा हूँ कि कोई व्यक्ति भ्रामक तर्कों द्वारा आप लोगों को नहीं बहकाये।#रोम 16:18; इफ 4:17; 5:6 5मैं शरीरिक रूप से दूर होते हुए भी आत्मा में आप लोगों के साथ हूँ और मुझे यह देख कर आनन्द होता है कि आपका जीवन सुव्यवस्थित और मसीह में आपका विश्वास सुदृढ़ है।#1 कुर 5:3; 14:40
मसीह में जीवन की पूर्णता
6आपने येशु मसीह को प्रभु के रूप में स्वीकार किया है; इसलिए उन्हीं से संयुक्त हो कर जीवन बितायें।#इफ 4:17 7उन्हीं में आपकी जड़ें गहरी हों और उन्हीं में अपना आध्यात्मिक निर्माण करें। आप को जिस विश्वास की शिक्षा प्राप्त हुई है, उसी में दृढ़ बने रहें और आपके हृदय में धन्यवाद की प्रार्थना उमड़ती रहे।#इफ 3:17; 2:20,22 8सावधान रहें। कहीं ऐसा न हो कि कोई आप लोगों को ऐसे खोखले और भ्रामक दर्शनशास्त्र द्वारा बहकाये, जो मनुष्यों की परम्परागत शिक्षा के अनुसार है और मसीह पर नहीं बल्कि संसार के तत्वों पर आधारित है।#इफ 5:6
9क्योंकि ईश्वरत्व की परिपूर्णता मसीह में सशरीर निवास करती है#यो 1:14,16 10और उन में आप इस परिपूर्णता के सहभागी हैं।#इफ 1:21 सभी आधिपत्य और अधिकार मसीह के अधीन हैं#2:10 शब्दश:, “का शीर्ष मसीह है” 11उन्हीं में आप गैर-यहूदियों का भी एक खतना हुआ है। वह खतना हाथ से नहीं किया जाता, वह मसीह का खतना अर्थात् बपतिस्मा है, जिसके द्वारा पापमय स्वभाव के शरीर को उतार दिया जाता है।#रोम 2:29; 1 पत 3:21 12आप लोग बपतिस्मा के समय मसीह के साथ दफनाये गये और उन्हीं के साथ पुनर्जीवित भी किये गये हैं, क्योंकि आप लोगों ने परमेश्वर के सामर्थ्य में विश्वास किया जिसने उन्हें मृतकों में से पुनर्जीवित किया।#कुल 3:1; रोम 6:4; इफ 1:19-20 13आप लोग पापों के कारण और अपने स्वभाव के खतने के अभाव के कारण मर गये थे। परमेश्वर ने आप लोगों को मसीह के साथ पुनर्जीवित किया है। उसने हमारे सब अपराधों को क्षमा किया है।#इफ 2:1-5 14उसने हमें दोषी ठहराने वाले दस्तावेज को#2:14 अथवा, “हमें बाँधने वाले बन्धपत्र को” रद्द कर दिया, जो विधि-नियमों के कारण हमारे विरुद्ध था, और उसे क्रूस पर ठोंक कर उठा दिया है।#इफ 2:14-15 15उसने प्रत्येक आधिपत्य और अधिकार को अपदस्थ किया#2:15 अथवा, “निरस्त्र किया”, संसार की दृष्टि में उन को नीचा दिखाया और क्रूस की विजय-यात्रा में उन्हें बन्दियों के समान घुमाया।#कुल 1:13
झूठे सिद्धान्तों से सावधान
16इसलिए किसी को यह अधिकार नहीं कि वह खान-पान, पर्व, अमावस्या या विश्राम-दिवस के विषय में आप लोगों पर दोष लगाये।#रोम 14:1-12 17ये सब आने वाली बातों की छाया मात्र हैं; ठोस वास्तविकता मसीह ही है।#इब्र 8:5; 10:1 18आप अपने को ऐसे लोगों द्वारा अपने पुरस्कार से वंचित न होने दें, जो तपस्या, स्वर्गदूतों की पूजा और अपने तथा-कथित दिव्य दृश्यों को अनुचित महत्व देते हैं। वे लोग अपनी सांसारिक बुद्धि के कारण घमण्ड से फूल जाते हैं 19और इस प्रकार शीर्ष अर्थात् मसीह से संयुक्त नहीं रह पाते। मसीह वह शीर्ष हैं जिससे समस्त शरीर सन्धियों और स्नायुओं द्वारा पोषित और संगठित हो कर परमेश्वर की इच्छानुसार बढ़ता है।#इफ 2:21; 4:15-16
20यदि आप मसीह के साथ मर कर संसार के तत्वों से मुक्त हो गये हैं, तो आप उसके आदेशों का पालन क्यों करें, मानो आपका जीवन अब तक संसार के अधीन हो?#गल 4:3,9 21“उस से परहेज करना, यह मत चखना, वह मत छूना”#गल 6:8 - 22ये सब मनुष्यों के आदेश हैं, मानवीय सिद्धांतों पर आधारित हैं और ऐसी वस्तुओं से सम्बन्ध रखते हैं, जो उपयोग में आने पर नष्ट हो जाती हैं।#यश 29:13; मत 15:9
23मनमानी व्यक्तिगत साधना, तपस्या और कठोर आत्म-संयम द्वारा ज्ञान का दिखावा तो होता है, किन्तु ये शरीर की वासनाओं का दमन करने में असमर्थ हैं।#रोम 13:14; 1 तिम 4:3
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