दानिएल 1:15-21

दानिएल 1:15-21 HINCLBSI

दस दिन के बाद भंडारी ने देखा कि दानिएल और उसके साथियों के चेहरे राजकीय भोजन करनेवाले सब युवकों के चेहरों से अधिक खिले हुए हैं, और उनका वजन भी बढ़ गया है। अत: भोजन की व्‍यवस्‍था करनेवाले भंडारी ने राजा के द्वारा निश्‍चित किए गए खान-पान को देना बन्‍द कर दिया और उनके स्‍थान पर वह उनको साग-सब्‍जी देने लगा। परमेश्‍वर ने इन चार इस्राएली जवानों को सब प्रकार के शास्‍त्रों और सब प्रकार की विद्याओं को समझने के लिए बुद्धि और प्रवीणता प्रदान की। दानिएल प्रत्‍येक प्रकार के दिव्‍य-दर्शन और स्‍वप्‍न का अर्थ समझने लगा। उसमें यह समझ आ गई। राजा नबूकदनेस्‍सर ने यह आदेश दिया था कि इस्राएली कौम के सब जवान तीन वर्ष बाद उसके सम्‍मुख राजमहल में प्रस्‍तुत किए जाएं। जब यह समय पूरा हुआ तब मुख्‍य खोजा अशपनज उनको राजमहल में ले गया। उसने उनको राजा के सम्‍मुख पेश किया। राजा नबूकदनेस्‍सर ने उन जवानों से बात-चीत की और उसे यह अनुभव हुआ कि दानिएल, हनन्‍याह, मीशाएल और अजर्याह उन सब जवानों में सर्वश्रेष्‍ठ हैं। अत: उसने उन्‍हें अपनी सेवा में नियुक्‍त कर दिया। वे चारों राजा की सेवा में उपस्‍थित होने लगे। जब कभी राजा बुद्धि और समझ के विषय में उनसे कोई प्रश्‍न पूछता, तब उनका उत्तर सुनकर राजा को यह अनुभव होता कि वे उसके राज्‍य भर के सब ज्‍योतिषियों और तांत्रिकों से दस गुना अधिक प्रवीण हैं। दानिएल बेबीलोन के दरबार में सम्राट कुस्रू के राज्‍यकाल के प्रथम वर्ष तक रहा।

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