दानिएल 9:24-27

दानिएल 9:24-27 HINCLBSI

“तेरी कौम और तेरे पवित्र नगर के लिए वर्षों के सत्तर सप्‍ताह निश्‍चित किए गए हैं। इन वर्षों के व्‍यतीत होने में सब प्रकार के अपराध समाप्‍त हो जाएँगे, पाप का अन्‍त हो जाएगा, अधर्म का प्रायश्‍चित कराया जाएगा, धार्मिकता शाश्‍वत बना दी जाएगी, दर्शन और नबूवत सत्‍य प्रमाणित होगी और “परम पवित्र’ को अभ्‍यंजित किया जाएगा। दानिएल, इसलिए तू यह बात जान और इसको समझ कि जिस क्षण यरूशलेम नगर के पुनर्निर्माण और उसको पुन: बसाने की आज्ञा प्रसारित की जाएगी, उस समय से लेकर ‘अभिषिक्‍त’, जो “नेता’ भी है, के आगमन के समय तक वर्षों के सात सप्‍ताह होंगे। तब वर्षों के बासठ सप्‍ताहों तक संकट काल आएगा। इस संकट-काल में नगर पुन: निर्मित होगा। उसके चौक पुन: बनेंगे और खाई फिर खोदी जाएगी। बासठ सप्‍ताहों के पश्‍चात् एक दूसरा ‘अभिषिक्‍त’ होगा। वह काटा जाएगा, और उसके पास कुछ नहीं रह जाएगा। एक अगुआ आएगा। उस की सेना नगर और पवित्र स्‍थान को खण्‍डहर बना देगी। उसका अन्‍त बाढ़ से होगा, और अन्‍त तक युद्ध होता रहेगा। विनाश ठहराया जा चुका है। “अगुआ अनेक लोगों के साथ पक्‍की सन्‍धि करेगा। इस सन्‍धि की अवधि वर्षों के एक सप्‍ताह की होगी और इन वर्षों के आधे सप्‍ताह तक अगुआ पशुबलि और अन्नबलि चढ़ाना बन्‍द करा देगा। तब घृणित मूर्तिपूजा के छा जाने से वह अगुआ विनाशक सिद्ध होगा। वह उस समय तक विनाश करता रहेगा जब तक उसके अन्‍त का निश्‍चित समय न आएगा।” ’

निःशुल्क पठन योजनाएँ और भक्तिपूर्ण पठन योजनाएँ जो दानिएल 9:24-27 से संबंधित हैं