व्यवस्था-विवरण 11:18
व्यवस्था-विवरण 11:18 HINCLBSI
‘अत: तुम मेरे इन शब्दों को अपने हृदय और प्राण में धारण करना! उन्हें चिह्न-स्वरूप अपने हाथ पर बांधना। वे तुम्हारी दोनों आंखों के मध्य शिरोबंद होंगे।
‘अत: तुम मेरे इन शब्दों को अपने हृदय और प्राण में धारण करना! उन्हें चिह्न-स्वरूप अपने हाथ पर बांधना। वे तुम्हारी दोनों आंखों के मध्य शिरोबंद होंगे।