गलातियों 6

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1भाइयो और बहिनो! यदि यह पता चले कि किसी ने कोई अपराध किया है, तो आप लोग, जो आध्‍यात्‍मिक हैं, उसे नम्रतापूर्वक सुधारें। आप स्‍वयं सावधान रहें: कहीं ऐसा न हो कि आप भी प्रलोभन में पड़ जायें।#मत 18:15; याक 5:19 2ऐसे भारी बोझ ढोने में एक दूसरे की सहायता करें और इस प्रकार मसीह की विधि पूरी करें।
3क्‍योंकि यदि कोई समझता है कि मैं कुछ हूं, जब कि वह कुछ नहीं है, तो वह अपने को धोखा देता है। 4हर एक व्यक्‍ति अपने कार्य की जाँच करे। तब उसके पड़ोसी का कार्य नहीं, बल्‍कि यह कार्य, उसके गर्व करने का उचित कारण होगा।#2 कुर 13:5 5क्‍योंकि हर एक को अपना भार स्‍वयं उठाना होगा।#रोम 14:12
6जो व्यक्‍ति धर्म-वचन की शिक्षा पा रहा है, वह अपनी सब उत्तम वस्‍तुओं में अपने शिक्षक को संभागी करे।#1 कुर 1:14
7धोखा न खाइए। परमेश्‍वर का उपहास नहीं किया जा सकता। मनुष्‍य जो बोता है, वही काटता है। 8जो अपनी शारीरिक प्रवृत्ति के लिए बोता है, वह शरीर की भूमि में विनाश की फसल काटेगा; किन्‍तु जो पवित्र आत्‍मा के लिए बोता है, वह पवित्र आत्‍मा की भूमि में शाश्‍वत जीवन की फसल काटेगा।#रोम 8:13; यो 6:63; 3:6 9हम भलाई करते-करते हिम्‍मत न हार बैठें; क्‍योंकि यदि हम दृढ़ बने रहेंगे तो समय आने पर अवश्‍य फसल काटेंगे।#2 थिस 3:13 10इसलिए जब तक हमें अवसर मिल रहा है, हम सब की भलाई करते रहें, विशेष रूप से उन लोगों की, जो विश्‍वास के कारण हमारे परिवार के हैं।#2 पत 1:7; यो 9:4; 12:35; इफ 2:19
हम पूर्ण रूप से नयी सृष्‍टि बन जायें
11इन बड़े-बड़े अक्षरों को देखिये; मैं आपको अपने हाथ से लिख रहा हूँ। 12जो लोग बाह्य विधि-पालन द्वारा झूठी प्रशंसा पाना चाहते हैं#6:12 अक्षरश:, “वे शरीर में प्रदर्शन चाहते हैं”, वे ही खतना करवाने के लिए आप को बाध्‍य करते हैं; यह केवल इसलिए कि मसीह के क्रूस के कारण उन पर अत्‍याचार न किया जाये।#गल 5:11; फिल 3:18 13क्‍योंकि खतना कराये हुए लोग स्‍वयं व्‍यवस्‍था का पालन नहीं करते; बल्‍कि वे आपका खतना कराना चाहते हैं, जिससे वे इस बात पर गर्व कर सकें कि आपने अपने शरीर में इस धर्मविधि को स्‍वीकार किया है। 14परन्‍तु परमेश्‍वर न करे कि हमारे प्रभु येशु मसीह के क्रूस के अतिरिक्‍त-किसी अन्‍य बात पर गर्व करूँ। उन्‍हीं के कारण संसार मेरी दृष्‍टि में क्रूसित हो चुका है और मैं संसार की दृष्‍टि में।#1 कुर 1:31; 2:2 15किसी का खतना हुआ हो अथवा नहीं, इसका कोई महत्व नहीं। महत्व इस बात का है कि हम पूर्ण रूप से नयी सृष्‍टि बन जायें।#गल 5:6; 1 कुर 7:19 16इस नियम के अनुसार चलनेवालों पर और परमेश्‍वर के “इस्राएल” पर शान्‍ति और करुणा हो!#भज 125:5; 128:6; फिल 3:3
17अब से कोई मुझे तंग न करे। मैं येशु के दागों को अपने शरीर पर लिये फिरता हूँ। 18भाइयो और बहिनो! हमारे प्रभु येशु मसीह की कृपा आप लोगों पर बनी रहे#6:18 अक्षरश:, “आप लोगों की आत्‍मा के साथ”। आमेन!#2 कुर 4:10

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