उत्‍पत्ति 22:1-14

उत्‍पत्ति 22:1-14 HINCLBSI

इन घटनाओं के पश्‍चात् परमेश्‍वर ने अब्राहम की परीक्षा ली। उसने उन्‍हें पुकारा, ‘अब्राहम!’ उन्‍होंने उत्तर दिया ‘क्‍या आज्ञा है?’ परमेश्‍वर ने कहा, ‘तू अपने पुत्र, अपने एकलौते पुत्र इसहाक को प्‍यार करता है। तू उसको लेकर मोरियाह देश जा। वहाँ उस पहाड़ पर जिसे मैं तुझे बताऊंगा, तू अपने पुत्र को अग्‍नि-बलि में चढ़ाना।’ अब्राहम सबेरे उठे। उन्‍होंने अपने गधे पर जीन कसी, अपने साथ दो सेवकों एवं अपने पुत्र इसहाक को लिया, अग्‍नि-बलि के लिए लकड़ी काटी और उस स्‍थान की ओर चले जिसकी चर्चा परमेश्‍वर ने उनसे की थी। अब्राहम ने तीसरे दिन आंखें ऊपर उठाकर उस स्‍थान को दूर से देखा। उन्‍होंने अपने सेवकों से कहा, ‘तुम यहीं गधे के पास ठहरो। मैं और इसहाक आगे जाकर आराधना करेंगे, फिर तुम्‍हारे पास लौट आएंगे।’ अब्राहम ने अग्‍नि-बलि की लकड़ी अपने पुत्र इसहाक पर लाद दी, और अपने हाथ में अग्‍नि और छुरा लिया। वे दोनों एक साथ चले। इसहाक अपने पिता अब्राहम से बोला, ‘पिताजी!’ उन्‍होंने कहा, ‘हां मेरे पुत्र, क्‍या बात है?’ इसहाक ने पूछा, ‘आग और लकड़ियां तो हैं; परन्‍तु अग्‍नि-बलि का मेमना कहां है?’ अब्राहम ने उत्तर दिया, ‘मेरे पुत्र, परमेश्‍वर स्‍वयं अग्‍नि-बलि के लिए मेमने का प्रबन्‍ध करेगा।’ वे दोनों साथ-साथ आगे बढ़े। वे उस स्‍थान पर पहुँचे, जिसके विषय में परमेश्‍वर ने अब्राहम से कहा था। वहाँ अब्राहम ने एक वेदी बनाकर इस पर लकड़ियाँ सजायीं। तब उन्‍होंने अपने पुत्र इसहाक को बांधा और उसे लकड़ियों के ऊपर वेदी पर लिटा दिया। फिर अब्राहम ने अपने पुत्र को बलि करने के लिए हाथ बढ़ाकर छुरा उठाया। किन्‍तु प्रभु के दूत ने स्‍वर्ग से उन्‍हें पुकार कर कहा, ‘अब्राहम! अब्राहम!’ वह बोले, ‘क्‍या आज्ञा है?’ दूत ने कहा, ‘बालक की ओर अपना हाथ मत बढ़ा और न उसे कुछ हानि पहुँचा। अब मैं जान गया हूँ कि तू परमेश्‍वर का सच्‍चा भक्‍त है। क्‍योंकि तूने मेरे लिए अपने पुत्र, अपने एकलौते पुत्र को भी नहीं रख छोड़ा।’ अब्राहम ने अपनी आंखें ऊपर उठाईं तो देखा कि उनके पीछे एक मेढ़ा है।’ वह अपने सींगों से एक झाड़ी में फंसा हुआ है। अब्राहम गए। उन्‍होंने उस मेढ़े को पकड़ा और अपने पुत्र के स्‍थान पर उसकी अग्‍नि-बलि चढ़ाई। अब्राहम ने उस स्‍थान का नाम, ‘प्रभु प्रबन्‍ध करता है’ रखा। इसलिए आज तक यह कहा जाता है : ‘प्रभु के पहाड़ पर कोई प्रबन्‍ध होगा।’