जो करुणा और सच्चाई तूने अपने सेवक पर की है, उसके लिए मैं सर्वथा अयोग्य हूं। जब मैंने यह यर्दन नदी पार की थी तब सम्पत्ति के नाम पर मेरे पास मात्र एक लाठी थी; किन्तु अब मैं इतना समृद्ध हूँ कि मैं दो दलों में विभक्त हो लौट रहा हूँ।
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