इब्रानियों 10:26-29

इब्रानियों 10:26-29 HINCLBSI

क्‍योंकि सत्‍य का ज्ञान प्राप्‍त करने के बाद भी यदि हम जान-बूझ कर पाप करते रहते हैं, तो पापों के लिए कोई बलि शेष नहीं रह जाती, एक भयानक आशंका ही शेष रह जाती है−न्‍याय की, और एक भीषण अग्‍नि की, जो विद्रोहियों को निगल जाना चाहती है। जो व्यक्‍ति मूसा की व्‍यवस्‍था का उल्‍लंघन करता है, यदि उसे दो या तीन गवाहों के आधार पर निर्ममता से प्राण-दण्‍ड दिया जाता है, तो आप लोग विचार करें कि जो व्यक्‍ति परमेश्‍वर के पुत्र का तिरस्‍कार करता है, विधान के उस रक्‍त को तुच्‍छ समझता है जिस के द्वारा वह पवित्र किया गया था, और अनुग्रह के आत्‍मा का अपमान करता है, तो ऐसा व्यक्‍ति कितने घोर दण्‍ड के योग्‍य समझा जायेगा