यशायाह 40:1-11

यशायाह 40:1-11 HINCLBSI

तुम्‍हारा परमेश्‍वर यह कहता है : “मेरे निज लोग इस्राएल को शान्‍ति दो, शान्‍ति! यरूशलेम के हृदय से बात करो, उसको बताओ कि उसके निष्‍कासन के दिन पूरे हो गए; उसके अधर्म का मूल्‍य चुका दिया गया; उसे मुझ-प्रभु के हाथ से अपने पापों का दुगना दण्‍ड प्राप्‍त हो चुका है।” सुनो, कोई पुकार रहा है: “निर्जन प्रदेश में प्रभु का मार्ग सुधारो। हमारे परमेश्‍वर के लिए मरुस्‍थल में राजपथ सीधा करो। हर एक घाटी को भर दो, प्रत्‍येक पहाड़ और पहाड़ी को गिरा दो, ऊंची-नीची जमीन को समतल कर दो, ऊबड़-खाबड़ मैदान को सपाट बना दो। तब प्रभु की महिमा प्रकट होगी, और समस्‍त मनुष्‍यजाति उसको एक-साथ देखेगी। प्रभु ने अपने मुख से यह कहा है।” बोलनेवाला यह आदेश देता है, “प्रचार कर।” मैंने उत्तर दिया, “मैं क्‍या प्रचार करूँ?” समस्‍त प्राणी घास की तरह अनित्‍य हैं, उनकी शोभा बाग के फूल के समान क्षणिक है। जब प्रभु का श्‍वास घास पर पड़ता है तब वह सूख जाती है, फूल मुरझा जाते हैं। निस्‍सन्‍देह ये लोग घास ही हैं! घास सूख जाती है, फूल मुरझाते हैं, पर हमारे परमेश्‍वर का वचन नित्‍य है, वह कभी टलता नहीं। ओ सियोन को शुभ सन्‍देश सुनानेवाली, ऊंचे पर्वत पर चढ़कर सन्‍देश सुना! ओ यरूशलेम को शुभ सन्‍देश सुनानेवाली, बल्‍पूर्वक उच्‍च स्‍वर में सुना! मत डर, ऊंची आवाज में सुना। यहूदा प्रदेश के नगरों में यह प्रचार कर, “देखो! तुम्‍हारा परमेश्‍वर!” देखो, प्रभु स्‍वामी सामर्थ्य के साथ आ रहा है, वह अपने भुजबल से शासन करता है। देखो, उसका पुरस्‍कार उसके साथ है, उसके आगे-आगे उसका प्रतिफल है! वह मेषपाल के सदृश अपने रेवड़ को चराएगा; वह अपनी बाहों में मेमनों को उठाएगा; वह उन्‍हें अपनी गोद में उठाकर ले जाएगा, वह दूध पिलानेवाली भेड़ों को धीरे-धीरे ले जाएगा।