शासक ग्रंथ 7
7
गिद्ओन की विजय
1तब यरूब-बअल (अर्थात् गिद्ओन) और उसके साथ के सब लोग सबेरे उठे। उन्होंने हरोद के जलाशय पर पड़ाव डाला। मिद्यानियों का पड़ाव उनके उत्तर में, मोरे पहाड़ी के पास, घाटी में था।
2प्रभु ने गिद्ओन से कहा, ‘तेरे साथ आवश्यकता से अधिक लोग हैं। इस कारण मैं मिद्यानियों को उनके हाथ में नहीं सौंप सकता। अन्यथा इस्राएली डींग मारेंगे कि उन्होंने अपने ही बल से स्वयं को मुक्त किया है।#व्य 8:17; 20:8; 1 कुर 1:29 3अत: अब तू सेना में यह घोषणा कर : “जो पुरुष युद्ध के कारण भयभीत और आतंकित है, वह घर लौट आए।” ’ गिद्ओन ने उनको परखा#7:3 मूल में, ‘और गिलआद पर्वत से चला जाए।’ । तत्पश्चात् बाईस हजार पुरुष लौट गए, और दस हजार शेष रहे।#व्य 20:8; 1 मक 3:56
4प्रभु ने गिद्ओन से कहा, ‘अब भी लोग अधिक हैं। उन्हें जलाशय के पास, नीचे ले जा। मैं वहाँ तेरे लिए उन्हें छाँटूँगा। जिस पुरुष के विषय में मैं तुझ से कहूँगा, “यह पुरुष तेरे साथ जाएगा” , तो वह तेरे साथ जाएगा। किन्तु जिस पुरुष के विषय में मैं तुझ से कहूँगा, “यह व्यक्ति तेरे साथ नहीं जाएगा” , तो वह तेरे साथ नहीं जाएगा।’ 5अत: गिद्ओन इस्राएली लोगों को जलाशय के पास, नीचे ले गया। प्रभु ने गिद्ओन से कहा, ‘जो पुरुष कुत्ते के समान चपड़-चपड़ करते हुए जीभ से पानी पिएगा, उसे तू अलग करना। ऐसा ही उन पुरुषों के साथ करना, जो चुल्लु में पानी लेकर पानी पीने के लिए घुटनों के बल झुकेंगे।’ 6चपड़-चपड़ करते हुए पानी पीने वाले पुरुषों की संख्या तीन सौ थी। पर शेष पुरुष पानी पीने के लिए घुटनों के बल झुके थे। 7प्रभु ने गिद्ओन से कहा, ‘मैं इन तीन सौ पुरुषों के द्वारा, चपड़-चपड़ कर पानी पीनेवालों के द्वारा तुम्हें मुक्त करूँगा। तुम्हारे हाथ में मिद्यानियों को सौंप दूँगा। शेष सब पुरुष अपने-अपने घर लौट जाएँ।’ 8अत: गिद्ओन ने लोगों के हाथ से घड़े और नरसिंघे ले लिए। उसने तीन सौ पुरुषों को रोक लिया, और शेष इस्राएली लोगों को अपने-अपने तम्बू में भेज दिया। मिद्यानियों का पड़ाव गिद्ओन के पड़ाव के नीचे, घाटी में था।
9प्रभु ने उसी रात गिद्ओन से कहा, ‘उठ और उतर कर मिद्यानियों के पड़ाव पर जा; क्योंकि मैंने उसको तेरे हाथ में सौंप दिया है। 10यदि तू नीचे उतरने से डरता है तो अपने सेवक पूराह को पड़ाव पर, नीचे ले जा। 11वहाँ तू उनकी बातचीत सुनना कि वे क्या बातें करते हैं। तब तेरे हाथ मजबूत होंगे, और तू नीचे उतर कर उनके पड़ाव पर आक्रमण कर सकेगा।’ अतएव गिद्ओन अपने सेवक पूराह के साथ पड़ाव के सशस्त्र सैनिकों की सीमा-चौकी में गया। 12मिद्यानी, अमालेकी और पूर्व के निवासी असंख्य टिड्डी दल के सदृश घाटी में पड़ाव डाले हुए थे। उनके ऊंट, समुद्र तट के रेतकणों के समान असंख्य थे। 13जब गिद्ओन वहाँ आया तब एक सैनिक अपने साथी को स्वप्न सुना रहा था। वह कह रहा था, ‘मैंने एक सपना देखा। जौ की एक रोटी हमारे मिद्यानी पड़ाव पर लुढ़कती हुई आई। वह तम्बू तक आई। तब उसने तम्बू को ऐसी टक्कर मारी कि वह गिर पड़ा। उसने तम्बू को उलट दिया। तम्बू उखड़कर भूमि पर गिर पड़ा।’ 14उसके साथी ने उत्तर दिया, ‘यह रोटी, इस्राएली गिद्ओन बेन-योआश की तलवार के अतिरिक्त कुछ नहीं है। ईश्वर ने मिद्यानियों को, उसके समस्त पड़ाव को गिद्ओन के हाथ में सौंप दिया है।’
15जब गिद्ओन ने स्वप्न की बातें और उसका अर्थ सुना तब भूमि पर झुककर प्रभु की वन्दना की। वह इस्राएली-पड़ाव को लौट गया। उसने इस्राएलियों से कहा, ‘उठो! प्रभु ने मिद्यानी पड़ाव को तुम्हारे हाथ में सौंप दिया है।’ 16उसने तीन सौ पुरुषों को तीन दल में विभक्त किया। प्रत्येक पुरुष के हाथ में एक नरसिंघा और एक खाली घड़ा दिया। हर घड़े के भीतर एक मशाल थी। 17गिद्ओन ने उनसे कहा, ‘मुझे देखो। जैसा मैं करूँगा वैसा ही तुम करना। जब मैं पड़ाव की सीमा-चौकी पर पहुँचूँगा, तब जैसा मैं करूँगा वैसी ही तुम करना। 18मैं और मेरे साथ के सब पुरुष अपने-अपने नरसिंघे फूँकेंगे, तब तुम भी पड़ाव के चारों ओर नरसिंघा फूँकना और यह जयघोष करना, “प्रभु के लिए! गिद्ओन के लिए!” ’
19पड़ाव की सीमा-चौकी पर रात के दूसरे पहर के आरम्भ में पहरेदार नियुक्त हुए ही थे कि गिद्ओन और उसके साथ एक सौ पुरुष वहाँ पहुँच गए। उन्होंने नरसिंघे फूँके और हाथ में रखे घड़ों को फोड़ दिया। 20तीनों दलों ने नरसिंघे फूँके और घड़ों को फोड़ दिया। उन्होंने बाएँ हाथ में मशाल ली और दाहिने हाथ में फूँकने के लिए नरसिंघा। वे चिल्लाने लगे, ‘प्रभु के लिए, गिद्ओन के लिए तलवार!’ 21सब पुरुष पड़ाव के चारों ओर अपने-अपने स्थान पर खड़े हो गए। सारा पड़ाव जागा। मिद्यानी सैनिक इस्राएलियों को देखकर चिल्लाते हुए भागने लगे। 22जब इस्राएलियों ने एक साथ तीन सौ नरसिंघे फूँके तब प्रभु ने मिद्यानी सैनिकों की तलवार उन्हीं के साथियों पर, समस्त मिद्यानी पड़ाव पर चला दी। वे सरेराह की ओर बेत-शिट्टाह तक और टब्बात के पास आबेल-महोलाह की सीमा तक भाग गए।#1 शम 14:20 23अत: नफ्ताली, आशेर, मनश्शे वंशीय समस्त इस्राएली सैनिक बुलाए गए, और उन्होंने मिद्यानियों का पीछा किया।
24गिद्ओन ने समस्त एफ्रइम पहाड़ी प्रदेश में दूतों के हाथ यह सन्देश भेजा, ‘मिद्यानियों का सामना करने के लिए पहाड़ी से नीचे उतरो, और बेतबाराह तक के समस्त जलाशयों पर, तथा यर्दन नदी पर अधिकार कर लो।’ अत: एफ्रइम गोत्र के सारे पुरुष गिद्ओन की पुकार पर एकत्र हो गए। उन्होंने बेतबाराह तक समस्त जलाशयों पर, तथा यर्दन नदी पर अधिकार कर लिया। 25उन्होंने मिद्यानियों का पीछा कर उनके दो सामन्तों, ओरेब और जएब को, पकड़ लिया। तत्पश्चात् उन्होंने ओरेब की चट्टान पर ओरेब को, और जएब नाम अंगूर पेरने के कोल्हू में जएब का वध कर दिया। वे ओरेब और जएब के सिर काटकर यर्दन नदी के उस पार गिद्ओन के पास ले गए।#भज 83:11; यश 10:26
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गिद्ओन की विजय
1तब यरूब-बअल (अर्थात् गिद्ओन) और उसके साथ के सब लोग सबेरे उठे। उन्होंने हरोद के जलाशय पर पड़ाव डाला। मिद्यानियों का पड़ाव उनके उत्तर में, मोरे पहाड़ी के पास, घाटी में था।
2प्रभु ने गिद्ओन से कहा, ‘तेरे साथ आवश्यकता से अधिक लोग हैं। इस कारण मैं मिद्यानियों को उनके हाथ में नहीं सौंप सकता। अन्यथा इस्राएली डींग मारेंगे कि उन्होंने अपने ही बल से स्वयं को मुक्त किया है।#व्य 8:17; 20:8; 1 कुर 1:29 3अत: अब तू सेना में यह घोषणा कर : “जो पुरुष युद्ध के कारण भयभीत और आतंकित है, वह घर लौट आए।” ’ गिद्ओन ने उनको परखा#7:3 मूल में, ‘और गिलआद पर्वत से चला जाए।’ । तत्पश्चात् बाईस हजार पुरुष लौट गए, और दस हजार शेष रहे।#व्य 20:8; 1 मक 3:56
4प्रभु ने गिद्ओन से कहा, ‘अब भी लोग अधिक हैं। उन्हें जलाशय के पास, नीचे ले जा। मैं वहाँ तेरे लिए उन्हें छाँटूँगा। जिस पुरुष के विषय में मैं तुझ से कहूँगा, “यह पुरुष तेरे साथ जाएगा” , तो वह तेरे साथ जाएगा। किन्तु जिस पुरुष के विषय में मैं तुझ से कहूँगा, “यह व्यक्ति तेरे साथ नहीं जाएगा” , तो वह तेरे साथ नहीं जाएगा।’ 5अत: गिद्ओन इस्राएली लोगों को जलाशय के पास, नीचे ले गया। प्रभु ने गिद्ओन से कहा, ‘जो पुरुष कुत्ते के समान चपड़-चपड़ करते हुए जीभ से पानी पिएगा, उसे तू अलग करना। ऐसा ही उन पुरुषों के साथ करना, जो चुल्लु में पानी लेकर पानी पीने के लिए घुटनों के बल झुकेंगे।’ 6चपड़-चपड़ करते हुए पानी पीने वाले पुरुषों की संख्या तीन सौ थी। पर शेष पुरुष पानी पीने के लिए घुटनों के बल झुके थे। 7प्रभु ने गिद्ओन से कहा, ‘मैं इन तीन सौ पुरुषों के द्वारा, चपड़-चपड़ कर पानी पीनेवालों के द्वारा तुम्हें मुक्त करूँगा। तुम्हारे हाथ में मिद्यानियों को सौंप दूँगा। शेष सब पुरुष अपने-अपने घर लौट जाएँ।’ 8अत: गिद्ओन ने लोगों के हाथ से घड़े और नरसिंघे ले लिए। उसने तीन सौ पुरुषों को रोक लिया, और शेष इस्राएली लोगों को अपने-अपने तम्बू में भेज दिया। मिद्यानियों का पड़ाव गिद्ओन के पड़ाव के नीचे, घाटी में था।
9प्रभु ने उसी रात गिद्ओन से कहा, ‘उठ और उतर कर मिद्यानियों के पड़ाव पर जा; क्योंकि मैंने उसको तेरे हाथ में सौंप दिया है। 10यदि तू नीचे उतरने से डरता है तो अपने सेवक पूराह को पड़ाव पर, नीचे ले जा। 11वहाँ तू उनकी बातचीत सुनना कि वे क्या बातें करते हैं। तब तेरे हाथ मजबूत होंगे, और तू नीचे उतर कर उनके पड़ाव पर आक्रमण कर सकेगा।’ अतएव गिद्ओन अपने सेवक पूराह के साथ पड़ाव के सशस्त्र सैनिकों की सीमा-चौकी में गया। 12मिद्यानी, अमालेकी और पूर्व के निवासी असंख्य टिड्डी दल के सदृश घाटी में पड़ाव डाले हुए थे। उनके ऊंट, समुद्र तट के रेतकणों के समान असंख्य थे। 13जब गिद्ओन वहाँ आया तब एक सैनिक अपने साथी को स्वप्न सुना रहा था। वह कह रहा था, ‘मैंने एक सपना देखा। जौ की एक रोटी हमारे मिद्यानी पड़ाव पर लुढ़कती हुई आई। वह तम्बू तक आई। तब उसने तम्बू को ऐसी टक्कर मारी कि वह गिर पड़ा। उसने तम्बू को उलट दिया। तम्बू उखड़कर भूमि पर गिर पड़ा।’ 14उसके साथी ने उत्तर दिया, ‘यह रोटी, इस्राएली गिद्ओन बेन-योआश की तलवार के अतिरिक्त कुछ नहीं है। ईश्वर ने मिद्यानियों को, उसके समस्त पड़ाव को गिद्ओन के हाथ में सौंप दिया है।’
15जब गिद्ओन ने स्वप्न की बातें और उसका अर्थ सुना तब भूमि पर झुककर प्रभु की वन्दना की। वह इस्राएली-पड़ाव को लौट गया। उसने इस्राएलियों से कहा, ‘उठो! प्रभु ने मिद्यानी पड़ाव को तुम्हारे हाथ में सौंप दिया है।’ 16उसने तीन सौ पुरुषों को तीन दल में विभक्त किया। प्रत्येक पुरुष के हाथ में एक नरसिंघा और एक खाली घड़ा दिया। हर घड़े के भीतर एक मशाल थी। 17गिद्ओन ने उनसे कहा, ‘मुझे देखो। जैसा मैं करूँगा वैसा ही तुम करना। जब मैं पड़ाव की सीमा-चौकी पर पहुँचूँगा, तब जैसा मैं करूँगा वैसी ही तुम करना। 18मैं और मेरे साथ के सब पुरुष अपने-अपने नरसिंघे फूँकेंगे, तब तुम भी पड़ाव के चारों ओर नरसिंघा फूँकना और यह जयघोष करना, “प्रभु के लिए! गिद्ओन के लिए!” ’
19पड़ाव की सीमा-चौकी पर रात के दूसरे पहर के आरम्भ में पहरेदार नियुक्त हुए ही थे कि गिद्ओन और उसके साथ एक सौ पुरुष वहाँ पहुँच गए। उन्होंने नरसिंघे फूँके और हाथ में रखे घड़ों को फोड़ दिया। 20तीनों दलों ने नरसिंघे फूँके और घड़ों को फोड़ दिया। उन्होंने बाएँ हाथ में मशाल ली और दाहिने हाथ में फूँकने के लिए नरसिंघा। वे चिल्लाने लगे, ‘प्रभु के लिए, गिद्ओन के लिए तलवार!’ 21सब पुरुष पड़ाव के चारों ओर अपने-अपने स्थान पर खड़े हो गए। सारा पड़ाव जागा। मिद्यानी सैनिक इस्राएलियों को देखकर चिल्लाते हुए भागने लगे। 22जब इस्राएलियों ने एक साथ तीन सौ नरसिंघे फूँके तब प्रभु ने मिद्यानी सैनिकों की तलवार उन्हीं के साथियों पर, समस्त मिद्यानी पड़ाव पर चला दी। वे सरेराह की ओर बेत-शिट्टाह तक और टब्बात के पास आबेल-महोलाह की सीमा तक भाग गए।#1 शम 14:20 23अत: नफ्ताली, आशेर, मनश्शे वंशीय समस्त इस्राएली सैनिक बुलाए गए, और उन्होंने मिद्यानियों का पीछा किया।
24गिद्ओन ने समस्त एफ्रइम पहाड़ी प्रदेश में दूतों के हाथ यह सन्देश भेजा, ‘मिद्यानियों का सामना करने के लिए पहाड़ी से नीचे उतरो, और बेतबाराह तक के समस्त जलाशयों पर, तथा यर्दन नदी पर अधिकार कर लो।’ अत: एफ्रइम गोत्र के सारे पुरुष गिद्ओन की पुकार पर एकत्र हो गए। उन्होंने बेतबाराह तक समस्त जलाशयों पर, तथा यर्दन नदी पर अधिकार कर लिया। 25उन्होंने मिद्यानियों का पीछा कर उनके दो सामन्तों, ओरेब और जएब को, पकड़ लिया। तत्पश्चात् उन्होंने ओरेब की चट्टान पर ओरेब को, और जएब नाम अंगूर पेरने के कोल्हू में जएब का वध कर दिया। वे ओरेब और जएब के सिर काटकर यर्दन नदी के उस पार गिद्ओन के पास ले गए।#भज 83:11; यश 10:26
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