यिर्मयाह 41
41
1यिश्माएल राजवंश का था। वह राजा सिदकियाह का एक मुख्य उच्चाधिकारी था। उनके पिता का नाम नतन्याह और दादा का नाम एलीशामा था।
सातवें महीने में यह घटना घटी। यिश्माएल अपने साथ दस सैनिक लेकर मिस्पाह नगर में गदल्याह बेन-अहीकाम के पास आया। राज्यपाल गदल्याह ने मिस्पाह में उसका स्वागत किया, और उन्होंने एक साथ भोजन किया।#2 रा 25:25
2तब यिश्माएल बेन-नतन्याह अपने साथियों के साथ उठा, और उसने गदल्याह पर तलवार से प्रहार किया, और उसका वध कर दिया; क्योंकि बेबीलोन के राजा ने यहूदा प्रदेश पर उसको राज्यपाल नियुक्त किया था। 3यिश्माएल ने उन यहूदियों का भी वध कर दिया जो गदल्याह के साथ थे। उसकी तलवार से कसदी सैनिक भी न बच सके, जो उस समय मिस्पाह में तैनात थे।
शरणार्थियों की हत्या
4गदल्याह की हत्या की खबर किसी को नहीं मिली। उसके दूसरे दिन 5शकेम, शीलोह और सामरी नगरों से अस्सी यहूदी आए। उनकी दाढ़ी मुँड़ी हुई थी। वस्त्र फटे हुए थे। उनका सारा शरीर घावों से भरा था। उनके हाथों में अन्नबलि और लोबान था, और वे उनको प्रभु के भवन में चढ़ाने जा रहे थे।
6यिश्माएल बेन-नतन्याह उनसे भेंट करने के लिए रोता हुआ मिस्पाह से बाहर निकला। जब वह उनसे मिला तब उनसे बोला, ‘आओ, गदल्याह के पास शहर के भीतर चलें।’ 7जब वे मिस्पाह नगर के भीतर आए तब यिश्माएल और उसके साथियों ने उनकी हत्या कर दी, और लाशों को अंधे-कुएं में फेंक दिया। 8किन्तु उन में से दस आदमी बच गए। उन्होंने यिश्माएल से कहा, ‘हमें मत मारो; हमारे पास गेहूं, जौ, तेल और शहद है, जो हमने खेतों में छिपा दिया है।’ अत: यिश्माएल ने उनको छोड़ दिया और उनके साथियों के साथ उन्हें नहीं मारा।
9यिश्माएल ने जिस अंधे-कुएं में लाशों को फेंका था, वह बहुत बड़ा था। यह कुआं राजा आसा ने इस्राएल प्रदेश के राजा बाशा के आक्रमण से बचने के लिए खोदा था। अब यिश्माएल ने लाशों से उसको पाट दिया। 10तत्पश्चात् उसने मिस्पाह में बचे हुए सब लोगों को बन्दी बना लिया। बन्दी बनाए गए लोगों में राज कन्याएं और वे गरीब लोग थे जिनको अंगरक्षकों के नायक नबूजरदान ने गदल्याह बेन-अहीकाम के हाथ में सौंपा था कि वह उनकी देखभाल करे। यिश्माएल ने मिस्पाह के सब लोगों को बन्दी बना कर यर्दन नदी के उस पार अम्मोन देश की ओर प्रस्थान किया।
योहानान का बदला
11योहानान बेन-कारेह तथा उसके सेनानायकों को इस दु:खद घटना की खबर मिली। जो दुष्कर्म यिश्माएल बेन-नतन्याह ने किया था, योहानान और उसके साथियों को उसका पता चला। 12उन्होंने अपने सैनिकों को एकत्र किया और यिश्माएल से युद्ध करने के लिए गए। उन्होंने गिबओन के महा कुण्ड पर यिश्माएल को घेर लिया।
13जब यिश्माएल के साथ लोगों ने योहानान और उसके सेनानायकों को देखा तब वे आनन्द से भर उठे। उन्होंने जय-जयकार किया। 14जिन लोगों को यिश्माएल बन्दी बना कर मिस्पाह से ले जा रहा था, वे लौट पड़े और वापस आ गए। वे योहानान बेन-कारेह के पास आ गए। 15परन्तु यिश्माएल अपने आठ साथियों के साथ योहानान के हाथ से बच गया, और अम्मोन देश को भाग गया। 16गदल्याह की हत्या के बाद यिश्माएल जिन लोगों को बन्दी बना कर मिस्पाह से ले जा रहा था, उनमें सैनिक, स्त्रियां, बच्चे, और खोजे थे। योहानान और उसके सेनानायक इन सबको गिबओन से वापस लाए। 17ये लोग बेतलेहम गांव के समीप किम्हाम की सराय में ठहर गए, और मिस्पाह नहीं गए, उनका इरादा मिस्र देश जाने का था। 18वे कसदियों से डरते थे; क्योंकि यिश्माएल बेन-नतन्याह ने गदल्याह की हत्या की थी, जिसको बेबीलोन के राजा ने यहूदा प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया था।
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Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
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यिर्मयाह 41
41
1यिश्माएल राजवंश का था। वह राजा सिदकियाह का एक मुख्य उच्चाधिकारी था। उनके पिता का नाम नतन्याह और दादा का नाम एलीशामा था।
सातवें महीने में यह घटना घटी। यिश्माएल अपने साथ दस सैनिक लेकर मिस्पाह नगर में गदल्याह बेन-अहीकाम के पास आया। राज्यपाल गदल्याह ने मिस्पाह में उसका स्वागत किया, और उन्होंने एक साथ भोजन किया।#2 रा 25:25
2तब यिश्माएल बेन-नतन्याह अपने साथियों के साथ उठा, और उसने गदल्याह पर तलवार से प्रहार किया, और उसका वध कर दिया; क्योंकि बेबीलोन के राजा ने यहूदा प्रदेश पर उसको राज्यपाल नियुक्त किया था। 3यिश्माएल ने उन यहूदियों का भी वध कर दिया जो गदल्याह के साथ थे। उसकी तलवार से कसदी सैनिक भी न बच सके, जो उस समय मिस्पाह में तैनात थे।
शरणार्थियों की हत्या
4गदल्याह की हत्या की खबर किसी को नहीं मिली। उसके दूसरे दिन 5शकेम, शीलोह और सामरी नगरों से अस्सी यहूदी आए। उनकी दाढ़ी मुँड़ी हुई थी। वस्त्र फटे हुए थे। उनका सारा शरीर घावों से भरा था। उनके हाथों में अन्नबलि और लोबान था, और वे उनको प्रभु के भवन में चढ़ाने जा रहे थे।
6यिश्माएल बेन-नतन्याह उनसे भेंट करने के लिए रोता हुआ मिस्पाह से बाहर निकला। जब वह उनसे मिला तब उनसे बोला, ‘आओ, गदल्याह के पास शहर के भीतर चलें।’ 7जब वे मिस्पाह नगर के भीतर आए तब यिश्माएल और उसके साथियों ने उनकी हत्या कर दी, और लाशों को अंधे-कुएं में फेंक दिया। 8किन्तु उन में से दस आदमी बच गए। उन्होंने यिश्माएल से कहा, ‘हमें मत मारो; हमारे पास गेहूं, जौ, तेल और शहद है, जो हमने खेतों में छिपा दिया है।’ अत: यिश्माएल ने उनको छोड़ दिया और उनके साथियों के साथ उन्हें नहीं मारा।
9यिश्माएल ने जिस अंधे-कुएं में लाशों को फेंका था, वह बहुत बड़ा था। यह कुआं राजा आसा ने इस्राएल प्रदेश के राजा बाशा के आक्रमण से बचने के लिए खोदा था। अब यिश्माएल ने लाशों से उसको पाट दिया। 10तत्पश्चात् उसने मिस्पाह में बचे हुए सब लोगों को बन्दी बना लिया। बन्दी बनाए गए लोगों में राज कन्याएं और वे गरीब लोग थे जिनको अंगरक्षकों के नायक नबूजरदान ने गदल्याह बेन-अहीकाम के हाथ में सौंपा था कि वह उनकी देखभाल करे। यिश्माएल ने मिस्पाह के सब लोगों को बन्दी बना कर यर्दन नदी के उस पार अम्मोन देश की ओर प्रस्थान किया।
योहानान का बदला
11योहानान बेन-कारेह तथा उसके सेनानायकों को इस दु:खद घटना की खबर मिली। जो दुष्कर्म यिश्माएल बेन-नतन्याह ने किया था, योहानान और उसके साथियों को उसका पता चला। 12उन्होंने अपने सैनिकों को एकत्र किया और यिश्माएल से युद्ध करने के लिए गए। उन्होंने गिबओन के महा कुण्ड पर यिश्माएल को घेर लिया।
13जब यिश्माएल के साथ लोगों ने योहानान और उसके सेनानायकों को देखा तब वे आनन्द से भर उठे। उन्होंने जय-जयकार किया। 14जिन लोगों को यिश्माएल बन्दी बना कर मिस्पाह से ले जा रहा था, वे लौट पड़े और वापस आ गए। वे योहानान बेन-कारेह के पास आ गए। 15परन्तु यिश्माएल अपने आठ साथियों के साथ योहानान के हाथ से बच गया, और अम्मोन देश को भाग गया। 16गदल्याह की हत्या के बाद यिश्माएल जिन लोगों को बन्दी बना कर मिस्पाह से ले जा रहा था, उनमें सैनिक, स्त्रियां, बच्चे, और खोजे थे। योहानान और उसके सेनानायक इन सबको गिबओन से वापस लाए। 17ये लोग बेतलेहम गांव के समीप किम्हाम की सराय में ठहर गए, और मिस्पाह नहीं गए, उनका इरादा मिस्र देश जाने का था। 18वे कसदियों से डरते थे; क्योंकि यिश्माएल बेन-नतन्याह ने गदल्याह की हत्या की थी, जिसको बेबीलोन के राजा ने यहूदा प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया था।
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