यिर्मयाह 50
50
#
यश 13:1—14:23 बेबीलोन के सम्बन्ध में नबूवत
1प्रभु ने नबी यिर्मयाह के माध्यम से कसदी जाति के बेबीलोन देश के सम्बन्ध में यह कहा;
2‘सब देशों में यह घोषणा करो,
राष्ट्रों में यह सन्देश सुनाओ, ध्वजा फहराओ,
और घोषणा करो और समाचार को मत छिपाओ,
किन्तु यह कहो : “बेबीलोन पराजित हो गया,
उसका राष्ट्रीय देवता बेल
इस पराजय से अपमानित हुआ,
मरोदक देवता व्याकुल हो गया।
उसकी मूर्तियों का मुंह काला हो गया;
उसकी प्रतिमाओं का गौरव धूल में मिल गया।”
3‘उत्तर दिशा से एक राष्ट्र ने उस पर आक्रमण किया है। वह बेबीलोन देश को उजाड़ देगा, और वह निर्जन हो जाएगा। मनुष्य और पशु, सब प्राणी वहां से भाग जाएंगे।’
इस्राएलियों की स्वदेश वापसी
4प्रभु कहता है, ‘उन दिनों में, उस समय इस्राएल प्रदेश और यहूदा प्रदेश के लोग एक साथ लौटेंगे। वे पश्चात्ताप के कारण रोते हुए लौटेंगे, और अपने प्रभु-परमेश्वर को खोजेंगे। 5वे सियोन की ओर उन्मुख हो, यह पूछेंगे, “सियोन का मार्ग कौन-सा है?” वे परस्पर यह कहेंगे, “आओ, हम प्रभु के साथ शाश्वत विधान स्थापित करें, जो कभी भुलाया न जा सकेगा। आओ, हम प्रभु से मेल-मिलाप कर लें।”
6‘मेरे निज लोग भटकी हुई भेड़ें हैं। उनके चरवाहों ने उनको भटका दिया है। वे उनको पहाड़ों पर भटकाते रहे। भेड़ें एक पहाड़ से दूसरे पहाड़ पर गईं, और वे अपने बाड़ों को भूल गईं। 7जिन्होंने भटकी हुई भेड़ों को पाया, वे उनको खा गए। उनके शत्रुओं ने कहा, “हमारा इसमें कोई दोष नहीं है; क्योंकि उन्होंने अपने सच्चे प्रभु के प्रति पाप किया है; ऐसा प्रभु जो धर्म का आधार है, जो उनके पूर्वजों का आश्रय था।”
बेबीलोन का पतन
8‘ओ इस्राएलियो, बेबीलोन देश से भाग जाओ, कसदी कौम के देश से बाहर निकलो। जैसे बाड़ा खुलने पर बकरा पहले बाहर निकलता है, वैसे ही तुम इस देश से सर्वप्रथम बाहर निकलो।#यश 48:20; यिर 51:6; 2 कुर 6:17; प्रक 18:4 9क्योंकि, देखो, मैं उत्तर के देश से राष्ट्रों के एक दल को उभाड़ कर ला रहा हूं। वे बेबीलोन पर आक्रमण करेंगे। वे उसके विरुद्ध युद्ध के लिए पंिक्तबद्ध होंगे। वे उत्तर दिशा से बेबीलोन पर अधिकार कर लेंगे। उनके बाण मानो कुशल योद्धा हैं, जो युद्ध से कभी खाली हाथ नहीं लौटता। 10कसदी कौम का देश लूट लिया जाएगा। लूटने वाले उसको इतना लूटेंगे कि वे अघा जाएंगे।’ प्रभु की यह वाणी है।
लुटेरों को चेतावनी
11‘मेरी मीरास को लूटनेवालो!
अभी तुम आनन्द मना रहे हो,
तुम हर्षित हो रहे हो।
घास पर बछिया के समान कूद-फांद रहे हो,
जवान घोड़ों की तरह हिनहिना रहे हो।
12किन्तु, स्मरण रखो,
तुम्हारी मातृ-भूमि की इज्जत लूटी जाएगी;
तुम्हारी जननी का अनादर होगा।
जो सब राष्ट्रों में प्रथम थी, वह अब अंतिम
होगी।
तुम्हारी मातृ-भूमि उजाड़, निर्जन और
मरुस्थल बन जाएगी।
13प्रभु के क्रोध के कारण
वह कभी आबाद नहीं होगी;
किन्तु सदा उजाड़ पड़ी रहेगी।
बेबीलोन से गुजरने वाला
उसको देखकर भय से कांप उठेगा,
वह उसके घावों को देखकर
व्याकुल हो जाएगा।
14ओ सब धनुषधारियो!
बेबीलोन नगरी के चारों ओर उसके विरुद्ध
पंिक्तबद्ध हो।
उसको अपने तीरों का निशाना बनाओ,
अपने तरकश के तीर खाली कर दो।
क्योंकि उसने प्रभु के प्रति पाप किया है।
15चारों ओर से उसको ललकारो।
देखो, वह समर्पण कर रही है।
उसकी प्राचीरें गिर गईं, उसकी दीवारें ढह
गईं।
क्योंकि प्रभु उससे प्रतिशोध ले रहा है;
तुम भी उससे बदला लो;
जैसा उसने तुम्हारे साथ किया था,
वैसा ही तुम उसके साथ करो।
16बेबीलोन देश के बीज बोने वाले को नष्ट
कर दो।
जो फसल के समय कटाई करता है,
उसका संहार कर दो।
अत्याचारी की तलवार से बचकर
हर आदमी अपने जाति-भाइयों के पास
लौटेगा,
वह भागकर अपने ही देश को जाएगा।
इस्राएलियों का सुन्दर भविष्य
17‘इस्राएली कौम एक सतायी हुई भेड़ है, जिसके पीछे सिंह हाथ धोकर पड़े हैं; उन्होंने इस्राएल को एक स्थान से दूसरे स्थान में भगाया। पहले तो असीरिया के राजा ने उसका मांस खाया, और अंत में अब बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर ने उसकी हड्डियां चबा डालीं। 18अत: इस्राएल का परमेश्वर, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है : जैसे मैंने असीरिया के राजा को दण्ड दिया था, वैसे ही अब मैं बेबीलोन के राजा और उसके देश को दण्ड देने वाला हूं। 19अपनी निज भेड़ इस्राएल को मैं हरे-भरे चरागाह में ले जाऊंगा। वह कर्मेल पहाड़ और बाशान की चराई में फिर चरेगी। वह एफ्रइम और गिलआद के पहाड़ी क्षेत्रों में अपनी इच्छा को तृप्त करेगी। 20मैं-प्रभु यह कहता हूँ : उन दिनों में, उस समय मैं इस्राएल के बचे हुए लोगों को जिन्हें मैंने बचाया है, पूर्णत: क्षमा कर दूंगा। इस्राएल प्रदेश इतना धर्ममय हो जाएगा कि उसमें अधर्म ढूंढ़ने पर भी नहीं मिलेगा, यहूदा प्रदेश में खोजने पर भी पापी मनुष्य नहीं मिलेगा।
युद्ध
21‘तू मरातइम#50:21 मूल में श्लेष है : मरातइम अर्थात् ‘दोहरा विद्रोह,’ देश पर आक्रमण कर;
पकोद#50:21 पकोद अर्थात् ‘दण्ड’ के निवासियों पर हमला कर।
प्रभु की यह वाणी है :
उनको पूर्णत: नष्ट कर दे, उनका वध कर दे।
जिन कामों को करने की आज्ञा
मैंने तुझको दी है, उनको पूरा कर।
22सुनो, सारे देश में युद्ध का कोलाहल सुनाई
दे रहा है,
सब ओर विनाश का दृश्य दिखाई दे रहा है।
23पृथ्वी को तहस-नहस करने वाला हथौड़ा,
अब स्वयं कैसे टूट गया!
वह टुकड़े-टुकड़े हो गया।
विश्व के राष्ट्रों में
बेबीलोन कैसा आतंक का कारण बन गया!
24ओ बेबीलोन, मैंने तेरे लिए फंदा डाला था,
और तू उसमें फंस गया।
तू उससे अनजान था।
तूने प्रभु को युद्ध के लिए ललकारा था।
तुझको खोज लिया गया, और तू पकड़ा
गया।
25प्रभु ने अपना शस्त्रागार खोला,
और अपने क्रोध-रूपी शस्त्र निकाले;
क्योंकि स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु को
कसदी कौम के देश में एक काम करना है।
26विश्व के कोने-कोने से बेबीलोन पर
आक्रमण करो;
उसके अन्न के भण्डारगृहों को खोल दो;
अनाज के ढेरों के समान
बेबीलोन को भी ढेर कर दो;
उसको पूर्णत: नष्ट कर दो;
उसमें कुछ भी शेष न बचे।
27उसके सब बैलों का वध कर दो,
उनको वध के स्थान पर ले जाओ।
ओ बेबीलोन के निवासियो, शोक मनाओ।
तुम्हारा विनाश-दिवस आ गया;
तुम्हें दण्ड देने का दिन आ गया।
28‘सुनो, वे बेबीलोन देश से भाग कर जा रहे हैं। वे सियोन जा रहे हैं कि वहां हमारे प्रभु परमेश्वर के प्रतिशोध की घोषणा करें, और यह घोषित करें कि प्रभु परमेश्वर ने अपने मन्दिर का प्रतिशोध ले लिया।
29‘सब धनुषधारियों को, धनुष को प्रयोग में लाने वाले सब सैनिकों को बेबीलोन के विरुद्ध एकत्र करो। ओ धनुषधारियो! बेबीलोन को चारों ओर से घेर लो। कोई बच कर भागने न पाए। उसके एक-एक काम का प्रतिफल दो। जैसा उसने तुम्हारे साथ किया था, वैसा ही उसके साथ करो। उसने इस्राएल के पवित्र प्रभु परमेश्वर की अवहेलना की है।#प्रक 18:6 30इसलिए, प्रभु की यह वाणी है, उस दिन उसके युवक चौराहों पर तलवार से मौत के घाट उतारे जाएंगे, उसके सैनिकों का पूर्ण संहार होगा।
31‘स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु परमेश्वर कहता है,
ओ अहंकारी, मैं तेरे विरुद्ध हूं;
अब तेरे विनाश का दिन आ पहुंचा है;
तुझे दण्ड देने का दिन आ गया है।
32अहंकारी लड़खड़ा कर गिरेगा, और उसका
पतन होगा।
उसे फिर कोई नहीं उठाएगा।
मैं उसके नगरों में आग लगा दूंगा;
जो उसके चारों ओर सब कुछ भस्म कर
देगी।
इस्राएलियों ने बहुत दु:ख भोगा है
33‘स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है : इस्राएल प्रदेश और यहूदा प्रदेश की जनता पर बहुत अत्याचार हुआ है। जो राष्ट्र उनको बन्दी बनाकर ले गए थे, वे उनको गुलाम बना कर रखे रहे, और उन्हें स्वदेश न लौटने दिया। 34सुनो, उनका छुड़ानेवाला बलवान है। उसका नाम है : स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु। वह निस्सन्देह उनकी ओर से मुकदमा लड़ेगा जिससे संसार को शान्ति प्राप्त हो, और बेबीलोन के निवासियों को अशान्ति।
तलवार और अकाल की मार
35‘प्रभु कहता है :
कसदी कौम पर तलवार का प्रहार होगा;
बेबीलोन की जनता,
उसके उच्चाधिकारी और ज्ञानी-पंडित
तलवार से मौत के घाट उतारे जाएंगे।
36शकुन बिचारनेवालों पर तलवार चलेगी,
और वे मूर्ख बन जाएंगे।
उसके योद्धाओं पर तलवार का प्रहार होगा,
और वे नष्ट हो जाएंगे।
37बेबीलोन के घुड़सवारों, रथों, और उसके
विदेशी सैनिकों पर तलवार चलेगी,
और वे शिखंडी#50:37 अथवा, ‘नामर्द’, ‘स्त्रियों-जैसे’। बन जाएंगे।
बेबीलोन के खजानों पर तलवार चलेगी,
और वे लूट लिये जाएंगे।
38उसके जलाशयों पर अकाल की छाया
पड़ेगी, और वे सूख जाएंगे;
क्योंकि सारा बेबीलोन देश
देवताओं की मूर्तियों से भर गया है;
लोग घृणित प्रतिमाओं के पीछे पागल हो
रहे हैं।
39‘अत: बेबीलोन देश जंगली पशुओं और गीदड़ों का देश बन जाएगा। वहां शुतुर्मुर्ग बस जाएंगे। वहां मनुष्य फिर कभी निवास नहीं करेंगे, और वह पीढ़ी से पीढ़ी तक निर्जन पड़ा रहेगा।#प्रक 18:2 40प्रभु की यह वाणी है : जैसे मैं-परमेश्वर ने सदोम और गमोरा नगर-राज्यों तथा उसके आसपास के नगरों को उलट-पुलट कर दिया था, वैसे ही मैं बेबीलोन को भी करूंगा, और वहां कोई निवास नहीं करेगा, और न कभी मनुष्य-जाति वहां प्रवास करेगी।#उत 19:25
शत्रु का आक्रमण
41‘देखो, उत्तर दिशा से एक राष्ट्र आ रहा है;
वह शक्तिशाली राष्ट्र है;
पृथ्वी के शीमान्तों से अनेक राजा
युद्ध के लिए आ रहे हैं।
42उनके सैनिकों के हाथों में धनुष और भाले हैं।
वे निर्दय हैं, उनमें तनिक भी दया नहीं है।
वे समुद्र की तरह गरजते हैं;
वे घोड़ों पर सवार हैं।
ओ बेबीलोन के निवासियो,
वे युद्ध के लिए पंिक्तबद्ध हो आ रहे हैं।
43उनके आक्रमण की खबर
बेबीलोन के राजा ने सुनी।
यह सुनकर उसके हाथ-पैर सुन्न पड़ गए;
उस पर आतंक छा गया।
जैसे स्त्री बच्चे को जन्म देते समय
पीड़ा से चीखती है,
वैसे ही बेबीलोन का राजा पीड़ित है।
44‘देखो, वह सिंह के समान आ रहा है, जो यर्दन नदी के जंगल में रहता है। वह भेड़ों के मजबूत बाड़े पर अचानक हमला करेगा। मैं बेबीलोन के निवासियों को उनके देश से निकाल दूंगा, और अपनी इच्छानुसार किसी व्यक्ति को चुनकर उन पर नियुक्त करूंगा; क्योंकि मेरे समान और कौन ईश्वर है? मुझसे कौन मेरे कामों का लेखा ले सकता है? कौन राजा#50:44 अथवा, ‘शासक’। मूल में, ‘चरवाहा’ मेरे सम्मुख खड़ा हो सकता है? 45इसलिए सुनो, मैंने बेबीलोन देश के विरुद्ध यह योजना बनाई है। मैंने कसदी कौम को नष्ट करने का दृढ़ निश्चय किया है। निस्सन्देह बेबीलोन के निवासियों के छोटे-छोटे बच्चे भी देश से निकाले जाएंगे। उनका बाड़ा-रूपी देश भी अपनी भेड़ों की दयनीय स्थिति देखकर चकित रह जाएगा। 46बेबीलोन के पतन की आवाज से पृथ्वी कांप उठेगी, और उसके हाहाकार का स्वर विश्व के राष्ट्रों में सुनाई देगा।’
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यिर्मयाह 50
50
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यश 13:1—14:23 बेबीलोन के सम्बन्ध में नबूवत
1प्रभु ने नबी यिर्मयाह के माध्यम से कसदी जाति के बेबीलोन देश के सम्बन्ध में यह कहा;
2‘सब देशों में यह घोषणा करो,
राष्ट्रों में यह सन्देश सुनाओ, ध्वजा फहराओ,
और घोषणा करो और समाचार को मत छिपाओ,
किन्तु यह कहो : “बेबीलोन पराजित हो गया,
उसका राष्ट्रीय देवता बेल
इस पराजय से अपमानित हुआ,
मरोदक देवता व्याकुल हो गया।
उसकी मूर्तियों का मुंह काला हो गया;
उसकी प्रतिमाओं का गौरव धूल में मिल गया।”
3‘उत्तर दिशा से एक राष्ट्र ने उस पर आक्रमण किया है। वह बेबीलोन देश को उजाड़ देगा, और वह निर्जन हो जाएगा। मनुष्य और पशु, सब प्राणी वहां से भाग जाएंगे।’
इस्राएलियों की स्वदेश वापसी
4प्रभु कहता है, ‘उन दिनों में, उस समय इस्राएल प्रदेश और यहूदा प्रदेश के लोग एक साथ लौटेंगे। वे पश्चात्ताप के कारण रोते हुए लौटेंगे, और अपने प्रभु-परमेश्वर को खोजेंगे। 5वे सियोन की ओर उन्मुख हो, यह पूछेंगे, “सियोन का मार्ग कौन-सा है?” वे परस्पर यह कहेंगे, “आओ, हम प्रभु के साथ शाश्वत विधान स्थापित करें, जो कभी भुलाया न जा सकेगा। आओ, हम प्रभु से मेल-मिलाप कर लें।”
6‘मेरे निज लोग भटकी हुई भेड़ें हैं। उनके चरवाहों ने उनको भटका दिया है। वे उनको पहाड़ों पर भटकाते रहे। भेड़ें एक पहाड़ से दूसरे पहाड़ पर गईं, और वे अपने बाड़ों को भूल गईं। 7जिन्होंने भटकी हुई भेड़ों को पाया, वे उनको खा गए। उनके शत्रुओं ने कहा, “हमारा इसमें कोई दोष नहीं है; क्योंकि उन्होंने अपने सच्चे प्रभु के प्रति पाप किया है; ऐसा प्रभु जो धर्म का आधार है, जो उनके पूर्वजों का आश्रय था।”
बेबीलोन का पतन
8‘ओ इस्राएलियो, बेबीलोन देश से भाग जाओ, कसदी कौम के देश से बाहर निकलो। जैसे बाड़ा खुलने पर बकरा पहले बाहर निकलता है, वैसे ही तुम इस देश से सर्वप्रथम बाहर निकलो।#यश 48:20; यिर 51:6; 2 कुर 6:17; प्रक 18:4 9क्योंकि, देखो, मैं उत्तर के देश से राष्ट्रों के एक दल को उभाड़ कर ला रहा हूं। वे बेबीलोन पर आक्रमण करेंगे। वे उसके विरुद्ध युद्ध के लिए पंिक्तबद्ध होंगे। वे उत्तर दिशा से बेबीलोन पर अधिकार कर लेंगे। उनके बाण मानो कुशल योद्धा हैं, जो युद्ध से कभी खाली हाथ नहीं लौटता। 10कसदी कौम का देश लूट लिया जाएगा। लूटने वाले उसको इतना लूटेंगे कि वे अघा जाएंगे।’ प्रभु की यह वाणी है।
लुटेरों को चेतावनी
11‘मेरी मीरास को लूटनेवालो!
अभी तुम आनन्द मना रहे हो,
तुम हर्षित हो रहे हो।
घास पर बछिया के समान कूद-फांद रहे हो,
जवान घोड़ों की तरह हिनहिना रहे हो।
12किन्तु, स्मरण रखो,
तुम्हारी मातृ-भूमि की इज्जत लूटी जाएगी;
तुम्हारी जननी का अनादर होगा।
जो सब राष्ट्रों में प्रथम थी, वह अब अंतिम
होगी।
तुम्हारी मातृ-भूमि उजाड़, निर्जन और
मरुस्थल बन जाएगी।
13प्रभु के क्रोध के कारण
वह कभी आबाद नहीं होगी;
किन्तु सदा उजाड़ पड़ी रहेगी।
बेबीलोन से गुजरने वाला
उसको देखकर भय से कांप उठेगा,
वह उसके घावों को देखकर
व्याकुल हो जाएगा।
14ओ सब धनुषधारियो!
बेबीलोन नगरी के चारों ओर उसके विरुद्ध
पंिक्तबद्ध हो।
उसको अपने तीरों का निशाना बनाओ,
अपने तरकश के तीर खाली कर दो।
क्योंकि उसने प्रभु के प्रति पाप किया है।
15चारों ओर से उसको ललकारो।
देखो, वह समर्पण कर रही है।
उसकी प्राचीरें गिर गईं, उसकी दीवारें ढह
गईं।
क्योंकि प्रभु उससे प्रतिशोध ले रहा है;
तुम भी उससे बदला लो;
जैसा उसने तुम्हारे साथ किया था,
वैसा ही तुम उसके साथ करो।
16बेबीलोन देश के बीज बोने वाले को नष्ट
कर दो।
जो फसल के समय कटाई करता है,
उसका संहार कर दो।
अत्याचारी की तलवार से बचकर
हर आदमी अपने जाति-भाइयों के पास
लौटेगा,
वह भागकर अपने ही देश को जाएगा।
इस्राएलियों का सुन्दर भविष्य
17‘इस्राएली कौम एक सतायी हुई भेड़ है, जिसके पीछे सिंह हाथ धोकर पड़े हैं; उन्होंने इस्राएल को एक स्थान से दूसरे स्थान में भगाया। पहले तो असीरिया के राजा ने उसका मांस खाया, और अंत में अब बेबीलोन के राजा नबूकदनेस्सर ने उसकी हड्डियां चबा डालीं। 18अत: इस्राएल का परमेश्वर, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है : जैसे मैंने असीरिया के राजा को दण्ड दिया था, वैसे ही अब मैं बेबीलोन के राजा और उसके देश को दण्ड देने वाला हूं। 19अपनी निज भेड़ इस्राएल को मैं हरे-भरे चरागाह में ले जाऊंगा। वह कर्मेल पहाड़ और बाशान की चराई में फिर चरेगी। वह एफ्रइम और गिलआद के पहाड़ी क्षेत्रों में अपनी इच्छा को तृप्त करेगी। 20मैं-प्रभु यह कहता हूँ : उन दिनों में, उस समय मैं इस्राएल के बचे हुए लोगों को जिन्हें मैंने बचाया है, पूर्णत: क्षमा कर दूंगा। इस्राएल प्रदेश इतना धर्ममय हो जाएगा कि उसमें अधर्म ढूंढ़ने पर भी नहीं मिलेगा, यहूदा प्रदेश में खोजने पर भी पापी मनुष्य नहीं मिलेगा।
युद्ध
21‘तू मरातइम#50:21 मूल में श्लेष है : मरातइम अर्थात् ‘दोहरा विद्रोह,’ देश पर आक्रमण कर;
पकोद#50:21 पकोद अर्थात् ‘दण्ड’ के निवासियों पर हमला कर।
प्रभु की यह वाणी है :
उनको पूर्णत: नष्ट कर दे, उनका वध कर दे।
जिन कामों को करने की आज्ञा
मैंने तुझको दी है, उनको पूरा कर।
22सुनो, सारे देश में युद्ध का कोलाहल सुनाई
दे रहा है,
सब ओर विनाश का दृश्य दिखाई दे रहा है।
23पृथ्वी को तहस-नहस करने वाला हथौड़ा,
अब स्वयं कैसे टूट गया!
वह टुकड़े-टुकड़े हो गया।
विश्व के राष्ट्रों में
बेबीलोन कैसा आतंक का कारण बन गया!
24ओ बेबीलोन, मैंने तेरे लिए फंदा डाला था,
और तू उसमें फंस गया।
तू उससे अनजान था।
तूने प्रभु को युद्ध के लिए ललकारा था।
तुझको खोज लिया गया, और तू पकड़ा
गया।
25प्रभु ने अपना शस्त्रागार खोला,
और अपने क्रोध-रूपी शस्त्र निकाले;
क्योंकि स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु को
कसदी कौम के देश में एक काम करना है।
26विश्व के कोने-कोने से बेबीलोन पर
आक्रमण करो;
उसके अन्न के भण्डारगृहों को खोल दो;
अनाज के ढेरों के समान
बेबीलोन को भी ढेर कर दो;
उसको पूर्णत: नष्ट कर दो;
उसमें कुछ भी शेष न बचे।
27उसके सब बैलों का वध कर दो,
उनको वध के स्थान पर ले जाओ।
ओ बेबीलोन के निवासियो, शोक मनाओ।
तुम्हारा विनाश-दिवस आ गया;
तुम्हें दण्ड देने का दिन आ गया।
28‘सुनो, वे बेबीलोन देश से भाग कर जा रहे हैं। वे सियोन जा रहे हैं कि वहां हमारे प्रभु परमेश्वर के प्रतिशोध की घोषणा करें, और यह घोषित करें कि प्रभु परमेश्वर ने अपने मन्दिर का प्रतिशोध ले लिया।
29‘सब धनुषधारियों को, धनुष को प्रयोग में लाने वाले सब सैनिकों को बेबीलोन के विरुद्ध एकत्र करो। ओ धनुषधारियो! बेबीलोन को चारों ओर से घेर लो। कोई बच कर भागने न पाए। उसके एक-एक काम का प्रतिफल दो। जैसा उसने तुम्हारे साथ किया था, वैसा ही उसके साथ करो। उसने इस्राएल के पवित्र प्रभु परमेश्वर की अवहेलना की है।#प्रक 18:6 30इसलिए, प्रभु की यह वाणी है, उस दिन उसके युवक चौराहों पर तलवार से मौत के घाट उतारे जाएंगे, उसके सैनिकों का पूर्ण संहार होगा।
31‘स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु परमेश्वर कहता है,
ओ अहंकारी, मैं तेरे विरुद्ध हूं;
अब तेरे विनाश का दिन आ पहुंचा है;
तुझे दण्ड देने का दिन आ गया है।
32अहंकारी लड़खड़ा कर गिरेगा, और उसका
पतन होगा।
उसे फिर कोई नहीं उठाएगा।
मैं उसके नगरों में आग लगा दूंगा;
जो उसके चारों ओर सब कुछ भस्म कर
देगी।
इस्राएलियों ने बहुत दु:ख भोगा है
33‘स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है : इस्राएल प्रदेश और यहूदा प्रदेश की जनता पर बहुत अत्याचार हुआ है। जो राष्ट्र उनको बन्दी बनाकर ले गए थे, वे उनको गुलाम बना कर रखे रहे, और उन्हें स्वदेश न लौटने दिया। 34सुनो, उनका छुड़ानेवाला बलवान है। उसका नाम है : स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु। वह निस्सन्देह उनकी ओर से मुकदमा लड़ेगा जिससे संसार को शान्ति प्राप्त हो, और बेबीलोन के निवासियों को अशान्ति।
तलवार और अकाल की मार
35‘प्रभु कहता है :
कसदी कौम पर तलवार का प्रहार होगा;
बेबीलोन की जनता,
उसके उच्चाधिकारी और ज्ञानी-पंडित
तलवार से मौत के घाट उतारे जाएंगे।
36शकुन बिचारनेवालों पर तलवार चलेगी,
और वे मूर्ख बन जाएंगे।
उसके योद्धाओं पर तलवार का प्रहार होगा,
और वे नष्ट हो जाएंगे।
37बेबीलोन के घुड़सवारों, रथों, और उसके
विदेशी सैनिकों पर तलवार चलेगी,
और वे शिखंडी#50:37 अथवा, ‘नामर्द’, ‘स्त्रियों-जैसे’। बन जाएंगे।
बेबीलोन के खजानों पर तलवार चलेगी,
और वे लूट लिये जाएंगे।
38उसके जलाशयों पर अकाल की छाया
पड़ेगी, और वे सूख जाएंगे;
क्योंकि सारा बेबीलोन देश
देवताओं की मूर्तियों से भर गया है;
लोग घृणित प्रतिमाओं के पीछे पागल हो
रहे हैं।
39‘अत: बेबीलोन देश जंगली पशुओं और गीदड़ों का देश बन जाएगा। वहां शुतुर्मुर्ग बस जाएंगे। वहां मनुष्य फिर कभी निवास नहीं करेंगे, और वह पीढ़ी से पीढ़ी तक निर्जन पड़ा रहेगा।#प्रक 18:2 40प्रभु की यह वाणी है : जैसे मैं-परमेश्वर ने सदोम और गमोरा नगर-राज्यों तथा उसके आसपास के नगरों को उलट-पुलट कर दिया था, वैसे ही मैं बेबीलोन को भी करूंगा, और वहां कोई निवास नहीं करेगा, और न कभी मनुष्य-जाति वहां प्रवास करेगी।#उत 19:25
शत्रु का आक्रमण
41‘देखो, उत्तर दिशा से एक राष्ट्र आ रहा है;
वह शक्तिशाली राष्ट्र है;
पृथ्वी के शीमान्तों से अनेक राजा
युद्ध के लिए आ रहे हैं।
42उनके सैनिकों के हाथों में धनुष और भाले हैं।
वे निर्दय हैं, उनमें तनिक भी दया नहीं है।
वे समुद्र की तरह गरजते हैं;
वे घोड़ों पर सवार हैं।
ओ बेबीलोन के निवासियो,
वे युद्ध के लिए पंिक्तबद्ध हो आ रहे हैं।
43उनके आक्रमण की खबर
बेबीलोन के राजा ने सुनी।
यह सुनकर उसके हाथ-पैर सुन्न पड़ गए;
उस पर आतंक छा गया।
जैसे स्त्री बच्चे को जन्म देते समय
पीड़ा से चीखती है,
वैसे ही बेबीलोन का राजा पीड़ित है।
44‘देखो, वह सिंह के समान आ रहा है, जो यर्दन नदी के जंगल में रहता है। वह भेड़ों के मजबूत बाड़े पर अचानक हमला करेगा। मैं बेबीलोन के निवासियों को उनके देश से निकाल दूंगा, और अपनी इच्छानुसार किसी व्यक्ति को चुनकर उन पर नियुक्त करूंगा; क्योंकि मेरे समान और कौन ईश्वर है? मुझसे कौन मेरे कामों का लेखा ले सकता है? कौन राजा#50:44 अथवा, ‘शासक’। मूल में, ‘चरवाहा’ मेरे सम्मुख खड़ा हो सकता है? 45इसलिए सुनो, मैंने बेबीलोन देश के विरुद्ध यह योजना बनाई है। मैंने कसदी कौम को नष्ट करने का दृढ़ निश्चय किया है। निस्सन्देह बेबीलोन के निवासियों के छोटे-छोटे बच्चे भी देश से निकाले जाएंगे। उनका बाड़ा-रूपी देश भी अपनी भेड़ों की दयनीय स्थिति देखकर चकित रह जाएगा। 46बेबीलोन के पतन की आवाज से पृथ्वी कांप उठेगी, और उसके हाहाकार का स्वर विश्व के राष्ट्रों में सुनाई देगा।’
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