तब पिलातुस ने येशु को क्रूस पर चढ़ाने के लिए उनके हवाले कर दिया। वे येशु को ले चले। येशु अपना क्रूस उठाए हुए बाहर निकले, और उस स्थान को गए, जो “खोपड़ी” और इब्रानी में “गुलगुता” का स्थान कहलाता है। वहाँ उन्होंने येशु को और उनके साथ और दो व्यक्तियों को क्रूस पर चढ़ाया : एक को इस ओर, दूसरे को उस ओर और बीच में येशु को। पिलातुस ने एक दोषपत्र भी लिखवा कर क्रूस पर लगवा दिया। वह इस प्रकार था : “येशु नासरी, यहूदियों का राजा।” बहुत यहूदियों ने यह दोषपत्र पढ़ा; क्योंकि वह स्थान, जहाँ येशु क्रूस पर चढ़ाए गये थे, शहर के पास ही था और दोषपत्र इब्रानी, लातीनी और यूनानी भाषाओं में लिखा हुआ था। इसलिए यहूदी महापुरोहितों ने पिलातुस से कहा, “आप यह नहीं लिखिए : ‘यहूदियों का राजा’; बल्कि ‘इसने कहा था कि मैं यहूदियों का राजा हूँ’।” पिलातुस ने उत्तर दिया, “मैंने जो लिख दिया, वह लिख दिया।” येशु को क्रूस पर चढ़ाने के बाद सैनिकों ने उनके वस्त्र ले लिये और अंगरखा को छोड़कर उन वस्त्रों के चार भाग कर दिये−सैनिक के लिए एक-एक भाग। इस अंगरखा में सीवन नहीं था, वह ऊपर से नीचे तक पूरा-का-पूरा बुना हुआ था। उन्होंने आपस में कहा, “हम इसे नहीं फाड़ें, बल्कि इस पर चिट्ठी डालें कि यह किस को मिले।” यह इसलिए हुआ कि धर्मग्रन्थ का यह कथन पूरा हो जाए : “उन्होंने मेरे कपड़े आपस में बाँट लिये और मेरे वस्त्र पर चिट्ठी डाली।” सैनिकों ने ऐसा ही किया। येशु की माता, उनकी माँ की बहन, क्लोपास की पत्नी मरियम और मरियम मगदलेनी उनके क्रूस के पास खड़ी थीं। येशु ने अपनी माता को और उनके पास खड़े अपने उस शिष्य को, जिस से येशु प्रेम करते थे, देखा। उन्होंने अपनी माता से कहा, “हे नारी! देखिए, यह आपका पुत्र है।” इसके पश्चात् उन्होंने उस शिष्य से कहा, “देखो, यह तुम्हारी माँ हैं।” उसी समय से वह शिष्य मरियम को अपने घर ले गया।
योहन 19 पढ़िए
सुनें - योहन 19
शेयर
सभी संस्करण की तुलना करें: योहन 19:16-27
छंद सहेजें, ऑफ़लाइन पढ़ें, शिक्षण क्लिप देखें, और बहुत कुछ!
होम
बाइबिल
योजनाएँ
वीडियो