योएल 2:20-32

योएल 2:20-32 HINCLBSI

‘मैं उत्तर दिशा से आई हुई सेना को तुम्‍हारे पास से हटा दूंगा; उसे शुष्‍क और निर्जन प्रदेश में भगा दूंगा। उसके अग्र दस्‍ते को मृत सागर में, और पश्‍च दस्‍ते को भूमध्‍यसागर में डुबा दूंगा। उससे दुर्गन्‍ध और सड़ायंध उठेगी; क्‍योंकि मैं-प्रभु ने महाकार्य किए हैं। ‘ओ भूमि, मत डर, प्रसन्न हो, आनन्‍द मना, क्‍योंकि मैं-प्रभु ने महाकार्य किए हैं। ओ मैदान के पशुओ, मत डरो, क्‍योंकि निर्जन प्रदेश के चरागाह हरे-भरे हो गए हैं। पेड़ में फल लगने लगे हैं। अंजीर के वृक्ष और अंगूर की लता में भरपूर फसल होने लगी है। ‘ओ सियोन के निवासियो, प्रसन्न हो; अपने प्रभु परमेश्‍वर में आनन्‍द मनाओ। मैंने धार्मिकता के लिए तुम्‍हें एक गुरु प्रदान किया है। फिर, मैंने तुम्‍हारे लिए अपार वर्षा की है। पहले के समान मैंने शरदकालीन और वसंतकालीन वर्षा की है। खलियान अन्न से भर जाएंगे, तेल और अंगूर-रस से मटके लबालब हो जाएंगे। मेरी विशाल टिड्डी-सेना ने, जो मैंने तुम्‍हारे मध्‍य भेजी थी, उड़नेवाली, फुदकनेवाली, छीलनेवाली और कुतरनेवाली टिड्डियों ने जितनी फसल खाई थी, उसका दुगुना मैं तुम्‍हें दूंगा। तुम पेट-भर खाओगे, और सन्‍तुष्‍ट होगे। तुम अपने प्रभु परमेश्‍वर के नाम की स्‍तुति करोगे, जिसने तुम्‍हारे साथ अद्भुत व्‍यवहार किया है। मेरे निज लोग फिर कभी लज्‍जित न होंगे। तब तुम्‍हें अनुभव होगा कि मैं ही इस्राएल के मध्‍य में उपस्‍थित हूं। तुम जानोगे कि मैं ही तुम्‍हारा प्रभु परमेश्‍वर हूं। मेरे अतिरिक्‍त और कोई ईश्‍वर नहीं है। मेरे निज लोग फिर कभी लज्‍जित नहीं होंगे। ‘इसके पश्‍चात् यह घटना घटेगी: मैं सब मनुष्‍यों पर अपना आत्‍मा उण्‍डेलूंगा; तुम्‍हारे पुत्र और तुम्‍हारी पुत्रियां नबूवत करेंगी। तुम्‍हारे वृद्धजन स्‍वप्‍न-द्रष्‍टा होंगे; तुम्‍हारे युवक दर्शन देखेंगे। उन दिनों मैं दास-दासियों पर भी अपना आत्‍मा उण्‍डेलूंगा। मैं आकाश और पृथ्‍वी पर यह आश्‍चर्यपूर्ण चिह्‍न दिखाऊंगा: रक्‍त, अग्‍नि और धुएं के स्‍तम्‍भ। मुझ-प्रभु के महान और आतंकपूर्ण दिन के आने के पूर्व सूर्य अंधकार में बदल जाएगा, और चन्‍द्रमा रक्‍त में। उस दिन यह होगा : जो भी व्यक्‍ति मुझ-प्रभु का नाम लेगा, वह संकट से मुक्‍त होगा। सियोन पहाड़ पर संकटमुक्‍त व्यक्‍ति रहेंगे। जैसा मैंने कहा है: यरूशलेम नगर में बचे हुए वे लोग होंगे, जिन्‍हें मैं-प्रभु ने बुलाया है।

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