उसने पुकार कर कहा, ‘पिता अब्राहम! मुझ पर दया कीजिए और लाजर को भेजिए, जिससे वह अपनी उँगली का सिरा पानी में भिगो कर मेरी जीभ को ठंडा करे; क्योंकि मैं इस ज्वाला में तड़प रहा हूँ।’ अब्राहम ने उससे कहा, ‘पुत्र, याद करो कि तुम्हें जीवन में सुख-ही-सुख मिला था और लाजर को दु:ख-ही-दु:ख। अब उसे यहाँ सान्त्वना मिल रही है और तुम्हें यंत्रणा। इसके अतिरिक्त हमारे और तुम्हारे बीच एक गहरी खाई अवस्थित है; इसलिए यदि कोई तुम्हारे पास जाना भी चाहे, तो वह नहीं जा सकता और कोई भी वहाँ से इस पार हमारे पास नहीं आ सकता।’ धनवान मनुष्य ने उत्तर दिया, ‘पिता! आप से एक निवेदन है। आप लाजर को मेरे पिता के घर भेजिए, क्योंकि मेरे पाँच भाई हैं। लाजर उन्हें चेतावनी दे। कहीं ऐसा न हो कि वे भी यन्त्रणा के इस स्थान में आ जाएँ।’ अब्राहम ने उससे कहा, ‘मूसा और नाबियों की पुस्तकें उनके पास हैं, वे उनकी सुनें।’ धनवान मनुष्य ने कहा, ‘पिता अब्राहम! वे कहाँ सुनते हैं! परन्तु यदि मुरदों में से कोई उनके पास जाए, तो वे पश्चात्ताप करेंगे।’ पर अब्राहम ने उससे कहा, ‘जब वे मूसा और नबियों की नहीं सुनते, तब यदि मुरदों में से कोई जी उठे, तो वे उसकी बात भी नहीं मानेंगे।’ ”
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