मत्ती 4:1-11

मत्ती 4:1-11 HINCLBSI

उस समय आत्‍मा येशु को निर्जन प्रदेश में ले गया कि शैतान उनकी परीक्षा ले। येशु चालीस दिन और चालीस रात उपवास करते रहे। इसके बाद उन्‍हें भूख लगी। तब परीक्षक ने पास आकर उनसे कहा, “यदि आप परमेश्‍वर के पुत्र हैं, तो कह दीजिए कि ये पत्‍थर रोटियाँ बन जाएँ।” येशु ने उत्तर दिया, “धर्मग्रन्‍थ में लिखा है : ‘मनुष्‍य केवल रोटी से ही नहीं जीता है। बल्‍कि वह परमेश्‍वर के मुख से निकलने वाले हर एक शब्‍द से जीवित रहता है।’ ” तब शैतान येशु को पवित्र नगर में ले गया और उन्‍हें मन्‍दिर के शिखर पर खड़ा कर उनसे कहा, “यदि आप परमेश्‍वर के पुत्र हैं, तो नीचे कूद जाइए; क्‍योंकि धर्मग्रन्‍थ में लिखा है : ‘आपके विषय में परमेश्‍वर अपने दूतों को आदेश देगा’, और ‘वे आपको अपने हाथों पर संभाल लेंगे कि कहीं आपके पैरों को पत्‍थर से चोट न लगे।’ ” येशु ने उससे कहा, “यह भी धर्मग्रन्‍थ में लिखा है : ‘अपने प्रभु-परमेश्‍वर की परीक्षा मत लो।’ ” फिर शैतान उनको एक अत्‍यन्‍त ऊंचे पहाड़ पर ले गया और संसार के सभी राज्‍य और उनका वैभव दिखला कर उनसे बोला, “यदि आप मेरे सम्‍मुख घुटने टेक कर मेरी आराधना करें, तो मैं आप को यह सब दे दूँगा!” येशु ने उत्तर दिया, “हट जा, शैतान! क्‍योंकि धर्मग्रन्‍थ में लिखा है : ‘अपने प्रभु परमेश्‍वर की आराधना करो और केवल उसी की सेवा करो।’ ” इस पर शैतान उन्‍हें छोड़ कर चला गया और स्‍वर्गदूत आ कर उनकी सेवा-परिचर्या करने लगे।