मत्ती 6:1-24

मत्ती 6:1-24 HINCLBSI

“सावधान रहो, लोगों का ध्‍यान आकर्षित करने के लिए अपने धर्मकार्यों का प्रदर्शन न करो; नहीं तो तुम अपने स्‍वर्गिक पिता के पुरस्‍कार से वंचित रह जाओगे। “जब तुम दान देते हो तो इसका ढिंढोरा नहीं पीटो, जैसे ढोंगी सभागृहों और गलियों में करते हैं, जिससे लोग उनकी प्रशंसा करें। मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ, वे अपना पुरस्‍कार पा चुके हैं। जब तुम दान देते हो, तो तुम्‍हारा बायाँ हाथ यह न जानने पाये कि तुम्‍हारा दायाँ हाथ क्‍या कर रहा है। तुम्‍हारा दान गुप्‍त रहे और तुम्‍हारा पिता, जो गुप्‍त कार्य को भी देखता है, तुम्‍हें पुरस्‍कार देगा। “जब तुम प्रार्थना करते हो तब ढोंगियों की तरह प्रार्थना नहीं करो। वे सभागृहों में और चौकों पर खड़ा हो कर प्रार्थना करना पसन्‍द करते हैं, जिससे लोग उन्‍हें देखें। मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ, वे अपना पुरस्‍कार पा चुके हैं। जब तुम प्रार्थना करते हो, तो अपने कमरे में जाओ, द्वार बन्‍द करो और गुप्‍त में अपने पिता से प्रार्थना करो। तुम्‍हारा पिता, जो गुप्‍त कार्य को भी देखता है, तुम्‍हें पुरस्‍कार देगा। “प्रार्थना करते समय गैर-यहूदियों की तरह व्‍यर्थ बातों की रट नहीं लगाओ। वे समझते हैं कि लम्‍बी-लम्‍बी प्रार्थनाएँ करने से उनकी प्रार्थना सुनी जाएगी। उनके समान नहीं बनो, क्‍योंकि तुम्‍हारे माँगने से पहले ही तुम्‍हारा पिता जानता है कि तुम्‍हें किन-किन चीजों की जरूरत है। अत: तुम इस प्रकार प्रार्थना किया करो : हे स्‍वर्ग में विराजमान हमारे पिता! तेरा नाम पवित्र माना जाए। तेरा राज्‍य आए। तेरी इच्‍छा जैसे स्‍वर्ग में, वैसे पृथ्‍वी पर भी पूरी हो। हमारा प्रतिदिन का भोजन आज हमें दे। हमारे अपराध क्षमा कर, जैसे हमने भी अपने अपराधियों को क्षमा किया है। और हमें परीक्षा में न डाल, बल्‍कि बुराई से हमें बचा। [क्‍योंकि राज्‍य, सामर्थ्य और महिमा सदा तेरे हैं। आमेन।] “यदि तुम दूसरों के अपराध क्षमा करोगे, तो तुम्‍हारा स्‍वर्गिक पिता भी तुम्‍हें क्षमा करेगा। परन्‍तु यदि तुम दूसरों को क्षमा नहीं करोगे, तो तुम्‍हारा पिता भी तुम्‍हारे अपराध क्षमा नहीं करेगा। “जब तुम उपवास करते हो तब ढोंगियों की तरह मुँह उदास बनाकर उपवास नहीं करो। वे अपना मुँह मलिन बना लेते हैं, जिस से लोग यह समझें कि वे उपवास कर रहे हैं। मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ, वे अपना पुरस्‍कार पा चुके हैं। जब तुम उपवास करते हो, तो अपने सिर में तेल लगाओ और अपना मुँह धो लो, जिस से लोगों को नहीं, केवल तुम्‍हारे पिता को, जो अदृश्‍य है, यह दिखाई दे कि तुम उपवास कर रहे हो। तुम्‍हारा पिता, जो अदृश्‍य को भी देखता है, तुम्‍हें पुरस्‍कार देगा। “पृथ्‍वी पर अपने लिये धन जमा नहीं करो, जहाँ मोरचा लगता है, कीड़े खाते हैं और चोर सेंध लगा कर चुरा लेते हैं। परन्‍तु स्‍वर्ग में अपने लिये धन जमा करो, जहाँ न तो मोरचा लगता है, न कीड़े खाते हैं और न चोर सेंध लगा कर चुराते हैं। क्‍योंकि जहाँ तुम्‍हारा धन है, वहीं तुम्‍हारा मन भी लगा रहेगा। “आँख शरीर का दीपक है। यदि तुम्‍हारी आँखें अच्‍छी हैं, तो तुम्‍हारा सारा शरीर प्रकाशमान होगा; किन्‍तु यदि तुम्‍हारी आँखें खराब हो जाएँ, तो तुम्‍हारा सारा शरीर अन्‍धकारमय होगा। इसलिए यदि तुम्‍हारे भीतर की ज्‍योति ही अन्‍धकार हो, तो यह कितना घोर अन्‍धकार होगा! “कोई भी मनुष्‍य दो स्‍वामियों की सेवा नहीं कर सकता। वह या तो एक से बैर और दूसरे से प्रेम करेगा, या एक का आदर और दूसरे का तिरस्‍कार करेगा। तुम परमेश्‍वर और धन, दोनों की सेवा नहीं कर सकते।