ओबद्याह पुस्तक-परिचय
पुस्तक-परिचय
इक्कीस पदों की इस अत्यंत संिक्षप्त पुस्तिका का रचनाकाल अज्ञात है। समझा जाता है कि ईसवी पूर्व 586 में यरूशलेम के पतन के पश्चात् यह लिखी गई थी। इस्राएल के दक्षिण -पूर्व दिशा में स्थित एदोम राज्य, जो यहूदा प्रदेश का जन्म-जात शत्रु था, यहूदा प्रदेश के पतन से बहुत प्रसन्न हुआ। उसने इस अवसर से लाभ उठाया। उसने यरूशलेम नगर को लूटा और आक्रमणकारियों की सहायता की।
एदोम का पूर्वज “एसाव” माना जाता था, जो “याकूब” अर्थात् इस्राएल का भाई था। नबी ओबद्याह ने नबूवत की कि “एदोम” को इस भ्रातृ-हत्या के दुष्कर्म के लिए दण्ड मिलेगा। वह पराजित होगा। उन सब राष्ट्रों को भी दण्ड मिलेगा जो शत्रुभाव से दूसरे राष्ट्र पर भ्रातृ-घातक आक्रमण करते हैं!
विषय-वस्तु की रूपरेखा
एदोम का पतन पद 1−14
प्रभु का प्रकोप-दिवस पद 15−21
वर्तमान में चयनित:
ओबद्याह पुस्तक-परिचय: HINCLBSI
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Hindi CL Bible - पवित्र बाइबिल
Copyright © Bible Society of India, 2015.
Used by permission. All rights reserved worldwide.
ओबद्याह पुस्तक-परिचय
पुस्तक-परिचय
इक्कीस पदों की इस अत्यंत संिक्षप्त पुस्तिका का रचनाकाल अज्ञात है। समझा जाता है कि ईसवी पूर्व 586 में यरूशलेम के पतन के पश्चात् यह लिखी गई थी। इस्राएल के दक्षिण -पूर्व दिशा में स्थित एदोम राज्य, जो यहूदा प्रदेश का जन्म-जात शत्रु था, यहूदा प्रदेश के पतन से बहुत प्रसन्न हुआ। उसने इस अवसर से लाभ उठाया। उसने यरूशलेम नगर को लूटा और आक्रमणकारियों की सहायता की।
एदोम का पूर्वज “एसाव” माना जाता था, जो “याकूब” अर्थात् इस्राएल का भाई था। नबी ओबद्याह ने नबूवत की कि “एदोम” को इस भ्रातृ-हत्या के दुष्कर्म के लिए दण्ड मिलेगा। वह पराजित होगा। उन सब राष्ट्रों को भी दण्ड मिलेगा जो शत्रुभाव से दूसरे राष्ट्र पर भ्रातृ-घातक आक्रमण करते हैं!
विषय-वस्तु की रूपरेखा
एदोम का पतन पद 1−14
प्रभु का प्रकोप-दिवस पद 15−21
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