फिलिप्पियों 2:12-26

फिलिप्पियों 2:12-26 HINCLBSI

मेरे प्रिय भाइयो और बहिनो! जिस प्रकार आप लोग सदा मेरी बात मानते रहे हैं, उसी प्रकार अब भी-मेरी उपस्‍थिति से अधिक मेरी अनुपस्‍थिति में और भी अधिक उत्‍साह से आप लोग डरते-काँपते हुए अपनी मुक्‍ति के कार्य में लगे रहें। परमेश्‍वर अपना प्रेमपूर्ण उद्देश्‍य पूरा करने के लिए आप लोगों में सद् इच्‍छा भी उत्‍पन्न करता और उसके अनुसार कार्य करने का बल भी प्रदान करता है। आप लोग बिना भुनभुनाए और बिना बहस किये अपने सब कर्त्तव्‍य पूरा करें, जिससे आप निष्‍कपट और निर्दोष बने रहें और इस कुटिल एवं पथभ्रष्‍ट पीढ़ी के बीच परमेश्‍वर की निष्‍कलंक सन्‍तान बन कर आकाश के तारों की तरह चमकें और जीवन के वचन पर अटल रहें। इस प्रकार मैं मसीह के आगमन के दिन के लिए इस बात पर गर्व कर सकूँगा कि मेरी दौड़-धूप और मेरा परिश्रम व्‍यर्थ नहीं हुआ। यदि मुझे आपके विश्‍वास-रूपी यज्ञ और जन-सेवा में अपने प्राण की आहुति भी देनी पड़ेगी, तो मैं आनन्‍दित होऊंगा और आप सब के साथ आनन्‍द मनाऊंगा। आप भी इसी कारण आनन्‍दित हों और मेरे साथ आनन्‍द मनायें। मुझे प्रभु येशु में आशा है कि मैं निकट भविष्‍य में तिमोथी को आपके यहाँ भेजूँगा। आप लोगों के विषय में समाचार जान कर मुझे भी सान्‍त्‍वना मिलेगी। मेरे पास कोई ऐसा व्यक्‍ति नहीं है जो तिमोथी के समान सच्‍चे हृदय से आप लोगों के कल्‍याण का ध्‍यान रखेगा। सब-के-सब येशु मसीह का नहीं, बल्‍कि अपना हित खोजते हैं। किन्‍तु तिमोथी की सच्‍चरित्रता आप लोग जानते हैं। जिस तरह कोई पुत्र अपने पिता के साथ रहता है, उसी तरह उन्‍होंने शुभसमाचार की सेवा में मेरा साथ दिया है। मैं आशा करता हूँ कि ज्‍यों ही मुझे मालूम हो जायेगा कि मेरे साथ क्‍या होने वाला है, मैं तिमोथी को तुरन्‍त आप के पास भेजूँगा। फिर भी मुझे प्रभु पर भरोसा है कि मैं भी शीघ्र ही आऊंगा। मैंने अपने भाई, सहयोगी और संघर्ष में अपने साथी इपफ्रोदितुस को आप के पास भेजना आवश्‍यक समझा। आप लोगों ने उसे मेरी आवश्‍यकताओं को पूरा करने के लिए अपने दूत और जनसेवक के रूप में मेरे पास भेजा था। वह आप-सब को देखने के लिए उत्‍सुक था और इसलिए भी व्‍याकुल था कि आप लोगों को उसकी बीमारी का पता चल गया था।