नीतिवचन 2:5-12

नीतिवचन 2:5-12 HINCLBSI

तो तू परमेश्‍वर के प्रति भय-भाव को समझ सकेगा, और तू परमेश्‍वर का ज्ञान प्राप्‍त करेगा। प्रभु ही बुद्धि देता है; उसके मुख से ही ज्ञान और समझ की बातें निकलती हैं। वह निष्‍कपट व्यक्‍ति के लिए ज्ञान संचित करता है; जिनका आचरण खरा है, उनकी वह ढाल के सदृश रक्षा करता है। जो न्‍याय के पथ पर चलते हैं, उनका वह रक्षक है और वह अपने भक्‍तों के मार्ग की रक्षा करता है। प्रिय शिष्‍य, बुद्धि ग्रहण करने से तू धर्म और न्‍याय को समझ पाएगा, निष्‍कपट आचरण तथा सन्‍मार्ग को पहचान पाएगा, क्‍योंकि बुद्धि तेरे हृदय में प्रवेश करेगी, ज्ञान तेरे प्राण को सुख प्रदान करेगा। विवेक तेरी निगरानी करेगा, और समझ तेरी रक्षा करेगी। ये वरदान दुर्जनों के मार्ग से तुझे बचाएंगे, वे कुटिल बातें करने वाले लोगों से तेरी रक्षा करेंगे।

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