भजन संहिता 108

108
शत्रु के विरुद्ध सहायता के लिए प्रार्थना
एक गीत। दाऊद का भजन।
1हे परमेश्‍वर, मेरा हृदय तुझ में लीन है।
लीन है मेरा हृदय!
मैं गीत गाऊंगा, राग बजाऊंगा।
ओ मेरे प्राण, जाग!#भज 57:7-11
2जागो, ओ वीणा और सितार!
मैं प्रभात को जगा दूंगा!
3हे प्रभु, देश-देश में
मैं तेरी सराहना करूंगा,
राष्‍ट्रों के मध्‍य मैं तेरी स्‍तुति गाऊंगा।
4तेरी करुणा स्‍वर्ग तक
और तेरा सत्‍य मेघों तक महान है।
5हे परमेश्‍वर, स्‍वर्ग पर अपनी महानता प्रकट
कर,
समस्‍त पृथ्‍वी पर तेरी महिमा व्‍याप्‍त हो!
6तू अपने भुजबल से हमें बचा,
हमें उत्तर दे,
जिससे तेरे प्रियजन मुक्‍त किए जाएं।#भज 60:5-12
7परमेश्‍वर ने अपनी पवित्रता में यह कहा है,
‘मैं प्रसन्न होकर शकेम को विभाजित
करूंगा,
और सूक्‍कोत घाटी को नाप दूंगा।
8गिलआद प्रदेश मेरा है,
और मनश्‍शे प्रदेश भी मेरा है
एफ्रइम प्रदेश मेरा शिरस्‍त्राण है,
यहूदा प्रदेश मेरा राजदण्‍ड है।
9किन्‍तु मोआब राष्‍ट्र मेरी चिलमची है;
एदोम राष्‍ट्र मेरे पैर के नीचे होगा;
पलिश्‍ती राष्‍ट्र पर मैं जयघोष करूंगा।’
10कौन मुझे सुदृढ़ नगर में पहुंचायेगा?
कौन मुझे एदोम तक ले जाएगा?
11हे परमेश्‍वर, क्‍या तूने हमारा परित्‍याग
नहीं किया है?
हे परमेश्‍वर, तू हमारी सेना के साथ क्‍यों
नहीं जाता?
12शत्रु के विरुद्ध हमारी सहायता कर;
क्‍योंकि मनुष्‍य की सहायता व्‍यर्थ है।
13परमेश्‍वर का साथ होने पर हम वीरता से
लड़ेंगे;
क्‍योंकि परमेश्‍वर ही हमारे शत्रुओं को
कुचलेगा।

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