मैं प्रभु से प्रेम करता हूं, क्योंकि उसने मेरी वाणी और विनती सुनी है। उसने मेरी ओर ध्यान दिया है, अत: मैं अपने जीवन-भर उसको ही पुकारूंगा।
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